सिंघाडा एक आहार नहीं दिव्य आहार है Singhara Benefits in Hindi

Singhara Benefits in Hindi

Singhara Benefits in Hindi

सिंघाडा एक आहार नहीं दिव्य आहार है Singhara Benefits in Hindi

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Singhara Benefits in Hindi -ठंड का मौसम शुरू होते ही बाजार मे सिंघाड़े हमे सहज ही आकर्षित कर लेते है | सिंघाड़े स्वाद मे तो बेजोड़ होते है | सिंघाड़े मे अनेक ओषधि गुण पाये जाते है | सिंघाड़े को हम कच्चा, उबालकर या इसके पावडर का प्रयोग कर हलवा बना कर सेवन करते है | सिंघाड़े पानी में पैदा होने वाला आहार है | इसलिए इसे वाटर चेस्ट नट (Water Chest Nut) भी कहते है |

यदि हम सिंघाड़े का नियमित रूप से सेवन करते है तो हम स्वास्थ सम्बंधित अनेक लाभ पाते है | आवश्यकता है इसे अपने स्वल्पाहार में शामिल करने की है | ताकि हम व हमारा परिवार स्वस्थ व निरोगी हो |

सिंघाड़े में उनके ओषधीय गुण पाए जाते है | सिंघाड़े ह्रदय (Heart) के लिए रामबाण ओषधि है |
सिंघाड़े के सेवन से गले की खराश, शरीर की थकावट, शरीर की सूजन, अस्थमा (Asthma) व अनेक रोगों में लाभ होता है |
सिंघाड़े का नियमित सेवन करने से श्वास सम्बन्धित (Cough & Cold ) रोगो में चमत्कारिक लाभ मिलता है |

सिंघाड़े का सेवन पाइल्स (बवासीर) रोग में भी लाभ देता है | सिंघाड़े के सेवन से फटी ऐड़ियो (Crack Heals) की समस्या से भी मुक्ति मिलती है |
सिंघाड़े के आटे का लेप सूजन वाले स्थान पर लगाने से सूजन उतर जाती है |

सिंघाड़े कैल्शियम का भण्डार है | इसके पर्याप्त सेवन से हड्डियां व दांत शक्तिशाली होते है | इसका सेवन आँखों को भी स्वस्थ बनाता है |

गर्भावस्था में सिंघाड़े का सेवन जच्चा व बच्चा दोनों को स्वस्थ रखता है | सिंघाड़े के सेवन से गर्भपात की संभावना ख़त्म हो जाती है | सिंघाड़े के सेवन से अनियमित मासिक धर्म नियमित होता है |

यदि आप उच्च रक्तचाप के शिकार है? तो सिंघाड़े का सेवन आपके लिए वरदान है | इसका सेवन उच्च रक्तचाप को सामान्य स्तर पर लाता है | इसमें पाया जाने वाला पोटेशियम हृदय की गति को सुचारु बनाये रखता है |

सिंघाड़ा ऊर्जा से भरपूर होता है | इसलिए उपवास में इसके बने हुए आहार का सेवन किया जाता है | इसके साथ ही सिंघाड़ा में भरपूर आयोडिन पाया जो गले को स्वस्थ रखता ही है साथ ही थायराइड ग्रंथि को स्वस्थ बनाता है |

इनके सेवन से हम अनेक रोगो से लाभ पाते है |

सिंघाड़ा पानी मे उगने वाला अनेक पोष्टिक तत्वो से भरपूर फल है |

सिंघाड़े मे पाये जाने वाले पोष्टिक तत्व -Singhara Benefits in Hindi:                                                                                         

सिंघाड़े मे प्रोटीन,कार्बोहाईड्रेट, विटामिन बी, सी, आयरन, केल्शियम, मेग्नेशियम, फास्फोरस, राईफ्लोबिन, जैसे अनेक तत्व पाये जाते है |

आयुर्वेद के मतानुसार इसमे भैस के दूध की तुलना मे 22 प्रतिशत अधिक खनिज लवण व क्षार तत्व पाये जाते है | आहार शास्त्री इसे पोष्टिक तत्वो से भरपूर ताकत का खजाना कहते है | इसकी 100 ग्राम मात्रा मे मात्रा मे केवल 115 कैलोरी होती है |

• दमा या श्वास से (Cough & Cold) सम्बाधित रोगो मे सिंधाड़े का सेवन लाभ देता है |
• पाईल्स रोग (Piles) मे भी इसका सेवन लाभ देता है |
• इसके नियमित सेवन से त्वचा (Skin)सुंदर हो जाती है |
• सिंघाड़े के सेवन से अनिद्रा रोग (Insomnia) मे चमत्कारिक लाभ होता है |
• गर्भावस्था के दौरान (Pregnancy) इसका सेवन माँ व पेट मे पल रहे बच्चे के लिए उपयोगी रहता है |
• दस्त होने पर इसका सेवन चमत्कारिक लाभ देता है |
• इसमे भरपूर केल्शियम पाया जाता है जो आपके दाँतो, आंखो व हड्डियों को स्वस्थ रखता है |
• सिंघाड़े का सेवन थायराईड रोग (Thyroid) से हमे सुरक्षित रखता है साथ ही थायराईड मे इसका सेवन लाभ देता है |
• सिंघाड़े का सेवन गले की खराश (Sore Throat) को दूर करता है |
• सिंघाड़े का सेवन टान्सिल्स (Tonsillitis) मे लाभ देता है |
• इसके नियमित सेवन से दुबले शरीर के व्यक्ति सूडोल व गठीली काया पाते है |
• मूत्र संबन्धित अंगो (Urinary Organ) के स्वास्थ्य के लिए सिंघाड़ा लाभप्रद है |
• सिंघाड़े के सेवन से मधुमेह (Diabetics) रोग मे लाभ होता है |
• इसके सेवन से प्रमेह मे भी लाभ होता है |
• मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक रक्तस्त्राव (Excessive Bleeding)होने पर सिंघाड़े की चपाती से बहुत लाभ होता है |
• इसके सेवन से स्पर्म काउंट (Sperm Count) बढ़ाने मे मदद मिलती है |
• सिंघाड़े का सेवन ब्रेस्ट की साईज़ (breast structure) बढ़ाने मे भी मददगार है |
• यौन शक्ति को बढ़ाने मे सिंघाड़ा बहुत लाभ देता है |
• गला सुखने पर व बार बार प्यास लगाने पर सिंघाड़े के सेवन से लाभ होता है |

सिंघाड़े का प्रयोग कैसे करे? Singhara Benefits in Hindi :                                                                                                              सिंघाड़े को ताजा फल के रुप मे खाया जा सकता है | सिंघाड़े की रोटी भी बनाई जा सकती है | सिंघाड़े के आटे को अन्य पोष्टिक मेवो के साथ मिलाकर हलवा भी बनाया जा सकता है | इस प्रकार आप सिंघाड़े को विभिन्न स्वरूपो मे सेवन कर सकते है|

तो आईये सिंघाड़े का सेवन उचित मात्रा मे सेवन कर खुद को व अपने परिवार को स्वस्थ व निरोगी बनाए |

हमारा उदेश्य स्वस्थ समाज का निर्माण करना है तो आईये हमारी आहार चर्या मे पर्याप्त मौसमी फलो को शामिल करे |

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सिघाड़े के सेवन करने मे सावधानी :                                                                                                                                                   

इसका अत्यधिक मात्रा मे सेवन नही करना चाहिए | इसकी अधिक मात्रा सेवन करने से इसे हम पचा नही पाते है | इसकी सीमित मात्रा का ही सेवन करना चाहिए | 5-10 सिंघाडे एक बार मे खाये जा सकते है | इसके सेवन के बाद पानी का सेवन भी नही करना चाहिए | सिधाड़े का अत्यधिक मात्रा मे सेवन करने से सर्दी की समस्या हो सकती है |

आवश्यक निर्देश: यदि आप कोई किसी रोग विशेष के शिकार है तो आपको सिंघाड़े का सेवन अपने चिकित्सक की सलाह से ही करना चाहिए |

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