उपवास व स्वास्थ्य Health Benefits of Fasting

fasting benefits in hindi

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उपवास व स्वास्थ्य  Health Benefits of Fasting

उपवास व स्वास्थ्य  Health Benefits of Fasting – Dr.Jagdish Joshi, Lifestyle Expert 125 

Upvas rakhane ke Fayde – उपवास वेदिक काल से मनुष्य को स्वस्थ रख रहा है । हमारे धर्म मे उपवास का अत्यधिक महत्व है | किंतु हमने आज उपवास का स्वरुप बिगाड दिया है । यदि वास्तव में देखा जाय तो हम उपवास के उदेश्यों को भुल गये है । भारतीय संस्कृति में निर्जला उपवास(Vrat), बिना नमक के उपवास, पानी पर उपवास, फलों पर उपवास किये जाने की परम्परा है |

किंतु हमने उपवास को विभिन्न प्रकार के पकवान खाने का माध्यम बना लिया है । हम उपवास में सामान्य दिनों की तुलना से बहुत अधिक मात्रा में आहार का सेवन कर जाते है ।

क्या आप अपने रोग से निराश है? यदि आपका रोग दवाईयो के सेवन से भी नही जा रहा है तो निश्चित ही उपवास आपके लिए एक दिव्य अस्त्र है | उपवास के माध्यम से आप आसानी से अपने रोगों को दूर कर सकते है | छोटे मोटे रोग तो बहुत आसानी से उपवास के माध्यम से ही ठीक हो जाते है |

हम बीमार तब ही होते है जब हमारे शरीर मे गंदगी एकत्र हो जाती है | इसके साथ ही जब हमारे शरीर के विभिन्न सफाईकर्मी अंग थक जाते है तो वे काम करना कम या बंद कर देते है | ऐसी अवस्था मे इन थके हुए अंगों को शक्ति देने वाला अस्त्र उपवास ही है |

इसलिये बारिश होने पर विभिन्न त्योहारों के माध्यम से हम उपवास करते है | तो आईये उपवास रूपी दिव्य अस्त्र को जाने व उसे जीवन मे अपनाये ताकि हम रोगी ही न हो |

उपवास एक दिव्य अस्त्र है । इस प्रक्रिया में करना कुछ नही है, केवल संयम का पालन करना है । यदि आप अपने आहार पर संयम कर सकते है तो उपवास से बडा कोई दिव्य अस्त्र नही है ।

हम जो भी आहार ग्रहण करते है उसका आक्सीजन के माध्यम से दहन होता है और हमें उर्जा प्राप्त होती है । किंतु जब हम कोई आहार ग्रहण नही करते है तो आक्सीजन को दहन के लिये आहार प्राप्त नही होता है । ऐसी स्थिति में आक्सीजन शरीर में पडे पुराने दूषित खाद्य पदार्थो व दूषित पदार्थो को जलाने का कार्य करती है । जब हम उपवास करते है तो शरीर की जीवनी शक्ति शरीर के विभिन्न अंगों में पडे हुए दूषित पदार्थों को शरीर के बाहर करती है, इसीलिये जब हम उपवास करते है तो हमारे मूत्र का रंग मटमेंला व पीला हो जाता है, मल काला निकलता है, मुँह से बदबू आती है, जीभ पर सफेद मेल की पर्त जमा हो जाती है, जी घबराता है व अन्य लक्षण प्रगट होते है, जो यह प्रदर्शित करते है कि उपवास की प्रक्रिया शरीर की सफाई कर रही है ।

इस प्रकार हम देखते है कि उपवास के माध्यम से शरीर के रोम-रोम से गंदगी निकलती है । सही विधि से उपवास के माध्यम से सम्पूर्ण शरीर दोष मुक्त होता है ।

प्राकृतिक चिकित्सा के मतानुसार उपवास (upvas ke fayde in hindi): इसीलिये प्राकृतिक चिकित्सा में दीर्ध उपवास की महत्ता बताई गई है । दीर्घ उपवास से शरीर का रक्त शुध्द होता है, शरीर के विभिन्न अंग स्वस्थ्य व उर्जावान हो जाते है ।

उपवास का सर्वाधिक लाभ हमारी आंतों को मिलता है, उपवास के माध्यम से आंतों की सूजन व थकान दूर हो जाती है और यदि आंतों में लटकने की शिकायत हो तो वह भी दूर हो जाती है उक्त समस्या उपवास के माध्यम से ठीक हो सकती है |

यदि किसी कुशल प्राकृतिक चिकित्सक के मार्गदर्शन में उपवास किया जाता है तो आंखों की रोशनी बढ जाती है, कान की सुनने की क्षमता में वृध्दि हो जाती है, गंजे सिर पर बाल भी उग सकते है । जो व्यक्ति अत्यधिक दुबले होते है उनके लिये उपवास एक दिव्य वरदान है ।

इस प्रकार से हम देखते है की जो व्यक्ति बीमारियों से निराश हो चुके है उनके लिए उपवास एक वरदान है | दुबले लोग प्राय: बहुत ज्यादा आहार का सेवन करते है, किंतु उनका शरीर सेवन किये गये आहार के पोषक तत्वों को ग्रहण नही करता है । किंतु दुबले व्यक्ति को सही विधि से उपवास कराने से उसके आंतरिक अंगों के शक्ति में विकास होता है और दुबला व्यक्ति कुछ ही महिनों में सुडोल शरीर का मालिक बन जाता है ।

उपवास के माध्यम से केन्सर व अनेक रोगों में सुरक्षित रहे:

उपवास के लिए जापान के प्रोफेसर तासुकु होजों व अमेंरिका के प्रोफेसर जेम्स एलिसन को उपवास पर चिकित्सा का नोबल पुरस्कार प्राप्त हुआ | आपने प्रतिपादित किया की यदि आप बिना आहार के उपवास करेंगे तो कभी केन्सर के शिकार नही होगे | क्योकि जब हम उपवास करते है शरीर के भूखा होता है तो शरीर से वे सेल्स खत्म होते है जिनकी वजह से केन्सर होता है |

चिकित्सा जगत में मिले नोबल पुरस्कार विजेताओं ने कहा कि उपवास के माध्यम से शरीर पुरानी जमा गंदगी से मुक्त होता है जिससे शरीर में केंन्सर के कीटाणु पनप नही पाते है । आपने उपवास को बीमारी से मुक्ति देने में अमोध शस्त्र की उपमा दी ।

इसलिए व्यक्ति को साल में 20 दिन अर्थात 10 दिन बिना कुछ सेवन किए रहना है | उक्त बातो को हमारा आधात्म बरसों से बता रहा है | इसीलिए हमारे धर्म में विभिन्न प्रकार के उपवासों का आध्यात्मिक महत्व है |

उपवास को कैसे अपने जीवन का अंग बनाये? :

स्वस्थ्य व बीमारी मुक्त जीवन जीने के हमें उपवास को अपनी जीवन चर्या का अंग बनाना होगा | हम छोटे-छोटे उपवासों के माध्यम से भी शरीर को स्वस्थ्य रख सकते है | यहा हम कुछ विभिन्न प्रकार के उपवासों के बारे में जानकारी पाएगें |

1. केवल दो समय आहार का सेवन करना – यदि हम केवल सुबह व शाम को आहार ग्रहण करते है तो भी हम स्वस्थ्य रह सकते है | हमें ध्यान रखना है की हम केवल दो समय ही पका हुआ भोजन करेंगे, इसके अतिरिक्त कोई भी आहार का सेवन नही करेंगे | केवल इसी नियम का पालन कर के अनेक लोगो ने स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया है और अपने वजन को चमत्कारिक रूप से कम किया |

2. इस प्रकार एक समय ठोस (सामान्य तौर पर खाया जाने वाला आहार ) व इसके अतिरिक्त दिन में कोई ठोस आहार ग्रहण नही करना | इस प्रकार केवल एक समय भोजन करने से शरीर को उपवास का लाभ मिल जाता है | यदि इस उपवास को करने के बाद भी भूख सहन न हो तो फलों का सेवन किया जा सकता है | किन्तु भूख लगाने पर पका हुआ आहार कदापि सेवन नही करना है |

3. सप्ताह में 1 दिन पानी/ताजी छाछ/ताजे फलों पर उपवास करना फलाहार की श्रेणी में आता है | इस प्रकार के उपवास को अपनी जीवनचर्या का अंग बनाकर आप जीवन भर स्वस्थ्य रह सकते है |

4. केवल पानी पर उपवास करना | इस प्रकार के उपवास के पूर्व पेट की अच्छी तरह से सफाई कर लेना चाहिए, ताकि उपवास के दौरान कोई उपद्रव न हो |

5. आप बिना पानी के भी उपवास कर सकते है | बिना पानी का उपवास आप अपने शरीर की क्षमता के अनुसार कर सकते है | इसीलिए हमारी भारतीय संस्कृति मे निर्जला उपवास का विधान है |

उपवास करने के पूर्व विशेष सावधानी :

उपवास करने के पूर्व ऐनिमा अवश्य लेना चाहिए ताकि आंतों में पड़ा हुआ पुराने मल की वजह से शरीर में कोई उपद्रव न हो | उपरोक्त उपवासों में से कोई एक उपवास सप्ताह में एक दिन अवश्य करना चाहिए ताकि आपका शरीर स्वस्थ्य व निरोगी हो सके व भविष्य में किसी गंभीर रोग की संभावना न हो |

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