पृथ्वी की संजीवनी बूटी -गेहूँ के ज्वारे  Gehu ke Jaware in Hindi

Gehu ke Jaware in Hindi
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पृथ्वी की संजीवनी बूटी -गेहूँ के ज्वारे Gehu ke Jaware in Hindi

Gehu ke Jaware in Hindi
Gehu ke Jaware in Hindi

Gehu ke Jaware  in Hindi – Dr.Jagdish Joshi, Lifestyle Expert125

Gehu ke Jaware in Hindi -आज के समय में मनुष्य विभिन्न प्रकार की बीमारियों से परेशान है  | विभिन्न पध्दतियों की चिकित्सा करवाने के बाद भी पूर्ण लाभ नहीं मिलता है |

आज के समय मे मनुष्य अनेक प्रकार की शारीरिक व मानसिक समस्याओ से परेशान है |आखिर व्यक्ति को स्वस्थ कैसा रखा जाय? क्या कोई ऐसा आहार है? जो आपको अनेक बीमारियों से मुक्त रखे | आपको ऊर्जा से भर दे |इन सब समस्याओं का निदान प्रकृति ने हमें गेहूँ  के ज्वारे के रूप में दिया है | प्रकृति ने हमें अनेक अनमोल उपहार दिए है | उन उपहारों में गेहू के ज्वारे भी एक है |गेहूँ  के ज्वारे पृथ्वी की संजीवनी है | इसे सुपर फूड व शरीर की प्राकृतिक रूप से सफाई करने वाला आहार भी कहते है | 

गेहूँ के ज्वारे में क्लोरोफिल नाम का तत्व पाया जाता है | यह हरे रंग का पदार्थ होता है जिसकी संरचना रक्त के समान होती है | ज्वारे के रस का सेवन करने से शरीर की आक्सीजन ग्रहण क्षमता बढ़ जाती है | गेहूँ के ज्वारे के रस का सेवन करने से शरीर की ऊर्जा का स्तर व सम्पूर्ण स्वास्थ उन्नत होता है | अनेक रोगो से मुक्त करने वाला आहार है |गेहूँ के ज्वारे को हम रस व पावडर के रूप में सेवन कर सकते है | किन्तु सर्वाधिक लाभ देने वाला ताजा गेहूँ के ज्वारे का रस ही होता है | 

गेहूँ के ज्वारे को हम हरा रक्त भी कह सकते है |  गेहूँ के ज्वारे शरीर की जीवनी शक्ति बढाते है | शरीर को ऊर्जा से भर देते है | शरीर की मानसिक व शारीरिक ऊर्जा में अपार वृध्दि होती है |गेहूँ के ज्वारे शरीर को सर्दी से लेकर कैंसर रोग, मधुमेह, जोड़ो का रोग वअनेक रोगो से मुक्त करने वाला आहार है |गेहूँ के ज्वारे को हम रस व पावडर के रूप में सेवन कर सकते है | किन्तु सर्वाधिक लाभ देने वाला ताजा गेहूँ के ज्वारे का रस ही होता है | 

गेहूँ के ज्वारे में एंटी आक्सीडेंट, एंटी इंफेल्मेटरी व शरीर से दूषित पदार्थ निकालने के गुण पाए जाते है | गेहूँ के ज्वारे में सुपर आक्साइड पाया जाता है जो शरीर से नियमित रूप से पाये जाने वाले फ्री रेडिकल्स से शरीर को सुरक्षित रखता है | फ्री रेडिकल्स शरीर में पाए जाने वाले अस्थाई कण होते है जो शरीर के विभिन्न कोशिकाओ को नष्ट करने का कार्य करता है | इस वजह से व्यक्ति विभिन्न गंभीर रोगो का शिकार हो जाता है | इन रोगो में कैंसर व अस्थमा जैसे रोग शामिल है | 

निराश रोगियो के लिए आशा की किरण (Wheet Grass ke Fayde):

यदि आप अपने रोगों से परेशान है |  विभिन्न प्रकार की चिकित्सा करवाने के बाद भी रोग से मुक्त नहीं हो रहे है? यदि आप इलाज करा -करा कर थक गए है | तो गेहूँ के ज्वारे आपके लिए अमृत है |गेहूँ  के ज्वारे सेवन से अनेक रोग दूर हो जाते है | इस लिए गेहूँ के ज्वारे एक अनमोल चमत्कारिक आहार है |  

वैसे गेहूँ के ज्वारे का स्वाद बहुत स्वादिष्ट नहीं होता है |  किन्तु यदि इसके सेवन से चमत्कारिक लाभ मिलते है तो इनका सेवन करना ही चाहिए | क्योकि इसे पृथ्वी की संजीवनी बूटी कहा गया है | इसका सेवन करने के बाद ही आप इसके चमत्कारिक गुणो को जान सकते है | इसके गुणों का पता हमें इसके सेवन के बाद ही लगता है |गेहूँ के ज्वारे का प्रयोग अमेरिका, यूरोप, एशिया व हमारे देश मे इसका प्रयोग होता है |

प्राय: हमारा शरीर विभिन्न प्रकार की सूजन का शिकार हो जाता है | किंतु गेहूँ के ज्वारे के रस का सेवन शरीर को सूजन से मुक्त करता है | 

गेहूँ के ज्वारे क्लोरोफिल का भंडार (Gehu ke Jaware in Hindi):

गेहूँ के ज्वारे मे क्लोरोफिल पाया जाता है | क्लोरोफिल सूर्य प्रकाश का उत्पाद है | गेहूँ के ज्वारों मे सबसे ज्यादा सूर्य की ऊर्जा होती है | गेहूँ के ज्वारों मे भरपूर ऑक्सीजन भी होती  है |गेहु के ज्वारे विटामिन्स व खनिज लवण का भण्डार(Gehu ke Jaware in Hindi) :  

गेहूँ के ज्वारों में अनेक विटामिन्स फाईबर, शर्करा, वसा  व अनेक अमीनो ऐसिड पाये जाते है |

Health benefits of wheat grass therapy
Health benefits of wheat grass therapy

गेहूँ  के ज्वारों  में विटामिन्स A, B-1,2,3,5,6,8,12,17, सी, ई, के, केल्शियम, मेग्नेशियम, आयोडिन, सेलिनियम, लोहा, ज़िंक, एन्जाइम्स, फाइटो न्यूट्रियंट्स, क्लोरोफिल, प्रोटीन व अन्य महत्वपूर्ण पदार्थ पाए जाते है |

गेहूँ  के ज्वारे हमारी जीवनी शक्ति को बढाते है :

गेहूँ  के ज्वारे प्रकृति की अनमोल देन है | गेहूँ  के ज्वारों  के सेवन से हमारी जीवनी शक्ति बढती है | जब हमारी जीवनी शक्ति बढ़ती है, तो हम बीमार नहीं होते है | हम शारीरिक रूप से शक्तिशाली होते है |

गेहू के ज्वारे की तासीर (Gehu ke Jaware in Hindi) :  

गेहू के ज्वारे की तासीर(प्रकृति) ठंडी होती है | इसलिए इसे थोड़े से गर्म मौसम (फरवरी तो अप्रेल) में सेवन किया जाता है | किन्तु यदि आपकी तासीर गर्म है | अर्थात आपको गर्मी अधिक लगती है तो आप इसका सेवन अत्यधिक ठण्ड के मौसम(अक्टू॰-दिसंबर) में भी कर सकते है |

किन्तु जो लोग कफ से परेशान है ओर कफ से मुक्ति पाना चाहते है वे इसे फरवरी से लेकर अप्रेल माह तक सेवन कर सकते है | क्योकि फरवरी के बाद वातावरण में ठंडक कम हो जाती है | केवल दिसंबर से लेकर अप्रेल माह तक ही गेहू के ज्वारे अच्छी तरह से उगते है |  

गेहूँ  के ज्वारों व रक्त में समानता (Wheat Grass Juice ke Fayde) :  

गेहूँ  के ज्वारों  में व रक्त में गहरी समानता है | हमारे रक्त का पी एच 7.4 होता है व गेहूँ के ज्वारों का पी एच भी 7.4 है  | उक्त जानकारी बताती है की रक्त व गेहूँ के ज्वारे एक रासायनिक रूप से समान  है |  इसलिए रक्त मे गेहूँ  के ज्वारों का अवशोषण आसान हो जाता है |

गेहूँ  के ज्वारों में शुध्द रक्त बनाने की शक्ति है | इसलिए गेहूँ  के ज्वारों को ग्रीन ब्लड भी  कहते है |  

गेहूँ के ज्वारे दुनिया का सर्वश्रेष्ठ टॉनिक (Best Tonic in the World) :  

मैंने अनेक रोगियों को गेहूँ के ज्वारों का प्रयोग करवाया | उन्हें अनेक रोगों से मुक्ति मिली | कई स्वस्थ व्यक्तियों ने गेहूँ के ज्वारों का प्रयोग किया तो उन्हें शरीर में अपार शक्ति का अनुभव किया | इस प्रकार हम इसे परमात्मा द्वारा प्रदान किया गया चमत्कारिक आहार भी कह सकते है |

 
मेरे व्यक्तिगत अनुभव के अनुसार संसार की समस्त टॉनिक एक तरफ और  गेहूँ के ज्वारे एक तरफ है  | उक्त तुलना बताती है की गेहूँ के ज्वारे कितना महत्वपूर्ण दिव्य आहार है |पुराने समय मे हमारे पूर्वज  गेहू के ज्वारे का प्रयोग अस्थि रोग, केन्सर, त्वचा सम्बधित रोग, पेट से जुड़े हुए रोगों में करते थे |    

गेहूँ के ज्वारे ग्रीन ब्लड (Gehu ke Jaware in Hindi) :

शरीर में शुद्ध रक्त बनाने की ताकत गेहूँ के ज्वारों में होती है |  इसलिए गेहूँ  के ज्वारों को ग्रीन ब्लड (Green Blood) कहा जाता है | गेहूँ के ज्वारे की रासायनिक संरचना व हमारे रक्त की संरचना करीब-करीब समान है | इसलिए  गेहूँ के ज्वारे की  जितनी तारीफ की जाय वो कम है | गेहूँ  के ज्वारों  को हम परमात्मा का वरदान भी कह सकते है |

गेहूँ  के ज्वारे क्लोरोफिल का भण्डार है(Wheat Grass ke fayde in Hindi):

2 गेहूँ  के ज्वारे क्लोरोफिल का भण्डार है | 3 किलो सब्जियों से जो हमारे शरीर को लाभ मिलता है वही लाभ 1 किलो गेहूँ के ज्वारे के रस से मिल जाता है |गेहू के ज्वारे के 100 ग्राम रस मे 90-100 मिली ग्राम क्लोरोफिल होता है | क्लोरोफिल शरीर से गन्दगी को बाहर निकालता है | गेहूँ के ज्वारे के सेवन से लीवर की कार्यक्षमता बढ़ती है | इसके सेवन से शरीर की  ऊर्जा उच्च स्तर पर आती है | इससे शरीर सम्पूर्ण रूप से स्वस्थ होता है |

व्हीट ग्रास शॉट (Wheatgrass Shot):  

बाजार में व्हीट ग्रास शॉट के नाम से रस  मिलता है | यह रस ज्वारे को छोटा होने पर ही काटकर बनाते है | इसमें अत्यधिक क्लोरोफिल की मात्रा होती है | क्योकि ये बहुत ताजे होते है | इस वजह से इनका स्वाद कुछ कड़वा होता है |

निराश रोगियों के लिए आशा की किरण (Gehu ke Jaware in Hindi) :   

यदि आप अपनी बीमारियों से निराश हो चुके है तो आपके लिए गेहूँ  के ज्वारे एक अनमोल औषधि है | ध्यान देने की बात यह है की आप इनका सही मौसम में प्रयोग करे |

Gehu ke jaware in hindi
Gehu ke jaware in hindi

आवश्यकता केवल थोड़े से प्रयासों की है | गेहूँ  के ज्वारे के महत्त्व को साबित करने के लिए आपको इसका सेवन अवश्य करना चाहिए |

गेहूँ के ज्वारे के चमत्कारिक परिणाम(Gehu ke Jaware in Hindi) :  

गेहूँ के ज्वारे के महत्व को साबित करने के लिए में एक उदाहरण देना चाहुगा | मैंने अनेक लोगों को अनेक बीमारियो से परेशान होते हुए देखा है | किन्तु उन्होंने गेहूँ के ज्वारे का प्रयोग कर अपने को असाध्य रोगों से मुक्त कर लिया | यह बात गेहूँ के ज्वारे के महत्त्व को बताती है |

सर्दी से लेकर कैंसर रोग जैसे अनेक रोगों  से मुक्त करने की ताकत गेहूँ  के ज्वारों  में है | गेहूँ  के ज्वारों में विटामिन बी 12 होता है जिसे लेट्रियन भी कहा जाता है |  यह विटामिन केन्सर को दूर करने वाला विटामिन है |

गेहूँ के ज्वारे शरीर को पौष्टिकता प्रदान करते है (Gehu ke Jaware ka ras):

गेहूँ के ज्वारे में अनेक पोषक तत्व, विटामिन, मिनरल्स, अमीनो एसिड व अनेक महत्वपूर्ण तत्व जाते है |इसमे अनेक पोषक तत्व पाये जाते है | इनका सेवन शरीर को दिव्य ऊर्जा देता है | इसमे अनेक विटामिन्स, खनिज लवण पाए जाते है | इसके साथ ही इसमे एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटी ऑक्सीडेंट व एंटी बैक्टीरियल गुण पाये जाते है | जो शरीर को डी टॉक्सीफाईड करते है | शरीर को पोषण प्रदान करते है |

गेहूँ के ज्वारे शरीर से टॉक्सिन (गंदगी) को बाहर निकलते है(Gehu ke Jaware in Hindi) :  

गेहूँ के ज्वारे का सेवन शरीर में जमा गंदगी व पुरानी गंदगी को शरीर से बाहर निकाल देता है |

गेहूँ के ज्वारों में क्लोरोफिल नाम का महत्वपूर्ण तत्व पाया  है | जो हमें अनेक स्वास्थ्य लाभ देता है | क्लोरोफिल शरीर से गंदगी को निकालता है |

गेहूँ के ज्वारों सेवन से लीवर स्वस्थ होता है | जब आपके शरीर से गंदगी निकल जाती है तो शरीर भरपूर ऊर्जा का अनुभव करता है |

गेहूँ के ज्वारे अनमोल ओषधि है (Gehu ke jaware ke fayde):

गेहूँ  के ज्वारों के रस से अस्थमा, स्थाई सर्दी, शारीरिक कमजोरी, पेट से जुड़ी हुई समस्याए,अल्सर, ईरिटेबल इंटेस्टाईन सिंड्रोम ह्रदय रोग शरीर मे विषेले पदाथों का जमाव, लाल रक्त कणिकाओ मे कमी, व अनेक रोगो मे लाभ होता है | इन समस्त रोगों में  गेहूँ  के ज्वारे  बूटी का काम करते है |

गेहूँ  के ज्वारो  में पाए जाने वाले पोषक तत्व  (Wheatgrass Nutrition value in Hindi): 30  मिली  गेहूँ के ज्वारे में निम्न लिखित पोषक तत्व पाए जाते है:
ऊर्जा 10 कैलोरी
प्रोटीन 2 ग्राम
वसा 0 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट २ ग्रामं
रेशा 0 ग्राम
शर्करा  2 ग्राम

गेहूँ के ज्वारे हमें 17 एमिनो एसिड देते है |  इनका उत्पादन हमारा शरीर नही करता है |विभिन्न एमिनो एसिड शरीर को अनेक प्रकार के चमत्कारिक लाभ देते है |  गेहूँ के ज्वारों मे पाए जाने वाले एमिनो ऐसिड के विभिन्न कार्य निम्ननानुसार है :
लाईसिन –आयु में वृध्दी करता है |
ल्यूसिन –शरीर को ऊर्जावान व नाड़ी तंत्र को सक्षम बनाता है |
ट्रिफ्टोफेन –शरीर की त्वचा को स्वस्थ बनाना है व बालों के विकास मे सहायक है
फिनाईल एलेनीन –थायराइड हार्मोन को स्वस्थ करता है |
थ्रियोनीन -पाचन मे मदद करती है |
वेलीन –मस्तिष्क व मांसपेशियों मे आवश्यक सहयोग बनाने सहायक |
मीथीयोनीन –लीवर व किडनी को स्वच्छ करने मे सहायक |
एलेनीन –रक्त के निर्माण मे सहायक है |
आर्जिनेन –वीर्य के उत्पादन मे सहायक है |
ग्ल्यूटेमिक एसिड –मस्तिष्क को स्वस्थ व जागरूक रखता है |
एस्पार्टिक एसिड –ऊर्जा के उत्पादन का कार्य करता है |
ग्लाईसीन – ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ाता है |
प्रोलीन –ग्लूटेमिक एसिड के अवशोषण मे मदद करता है |
सेरीन –मस्तिष्क को ऊर्जावान बनाता है |
आईसोल्यूसीन –भ्रूण के विकास मे सहायक है |                                                                                                                                   
हिस्ट्रीडीन –सुनने की क्षमता को बढ़ाता है | नाड़ी के विभिन्न क्रियाओ मे सहायक है |

मोटापा घटाए गेहूँ के ज्वारे का रस (Motapa Kaise Kam kare):

अनेक आहार शास्त्रियों ने मोटापे से मुक्ति के लिए गेहूँ के ज्वारे पर प्रयोग किया है | शोध से ज्ञात हुआ की गेहूँ के ज्वारे का रस का नियमित सेवन करने से मोटापा कम करने में मदद मिलती है |

गेहूँ के ज्वारे के रस के सेवन से शरीर की चयापचय क्रिया (Metabolism) सक्रिय होती है | गेहूँ के ज्वारे के रस में पर्याप्त मात्रा में रेशा होता है |  गेहूँ के ज्वारे के रस का सेवन करने से शरीर बलवान होता है | क्योकि गेहूँ के ज्वारे के रस का सेवन करने से शरीर की क्षमता (Efficiency) में वृद्धि होती है |  इसलिए गेहूँ के ज्वारे के रस (Wheat Grass Juice )का सेवन करने वाले ज्यादा  देर व्यायाम कर पाते है | इसलिए उन्हें वजन कम करने में आसानी हो जाती है |

मेटाबोलिज़म गेहूँ के जवारे के रस का सेवन करने से शरीर की चयापचय प्रणाली सक्रिय होती है | जैसे वजन कम करने मे आसानी हो जाती है | क्योकि इसमे वसा नही होता है  |इसकी कैलोरी वेल्यू भी कम होती है |

इसके सेवन के बाद भूख कम लगती है | क्योकि इसके सेवन के बाद बहुत देर तक खाना खाने की इच्छा नही होती है | क्योकि इसके सेवन के बाद पेट के भरे होने का अहसास होता है |

गेहूँ के ज्वारे का रस थायराइड ग्रंथि को स्वस्थ करता है | इस वजह से अनावश्यक रूप से बढा हुआ वजन कम हो जाता है |

भोजन के पाचन में मदद करता है (How to use wheatgrass in hindi):

गेहूँ के ज्वारे के रस में पर्याप्त मात्रा में एन्जाइम्स पाए जाते है | एन्जाइम्स भोजन को तोड़ने का कार्य करते है | इसके साथ ही शरीर के लिए भोजन पोषक तत्वों के अवशोषण करने में मदद करता है |

कब्ज को दूर करे गेहूँ  के ज्वारे (Wheatgrass for Constipation in Hindi):

प्राय: हम देखते है की जब कोई पशु शेर, बिल्ली  व कुत्ते कब्ज के शिकार होते है तो वे घास खाते है | वे घास खाकर उल्टी करते है | उक्त बात स्पष्ट रूप से बताती है की गेहूँ  के ज्वारे के रस का सेवन कब्ज को दूर करता  है |

गेहूँ के ज्वारे के रस का सेवन शरीर की मेटाबॉलिज्म को तेज करता है | इस वजह से आंते अनावश्यक मल को तेजी से बाहर निकालती है |

गेहूँ  के ज्वारे का रस मल विर्सजन आसान हो जाता है | इस वजह से व्यक्ति रेक्टल ब्लीडिंग से बचता है | गेहूँ  के ज्वारे में पाया जाने वाला तत्व कब्ज से मुक्ति देता है |

गेहूँ के ज्वारे के सफाई करने के गुणों की वजह से इसका सेवन आंतों की अच्छे से सफाई करते है | जिससे आंत पुरानी गन्दगी से मुक्त होती है | जैसे पेट में गैस की समस्या व अन्य पाचन संबंधी समस्याओं से मुक्ति मिलती है |

पाचन प्रणाली को स्वस्थ बनाता है(Gehu ke Jaware in Hindi) :   

गेहूँ के ज्वारे मे अनेक अमीनो ऐसिड पाये जाते है | जो भोजन को छोटे –छोटे टुकड़ो मे तोड़ने का व उसके अवशोषण का कार्य करते है | गेहूँ के ज्वारे मे पाये जाने वाले सफाई के गुण की वजह से आंतों मे जमा पुरानी गंदगी बाहर निकलती है |

इस वजह से गैस से मुक्ति मिलती है | पेट का फूलना व अन्य पाचन संबन्धित समस्याओ से मुक्ति मिलती है |

गेहूँ के ज्वारे का रस जी मिचलाने से मुक्ति देता है (Gehu ke jaware ke fayde):

गेहूँ के ज्वारे के रस के सेवन से शरीर टॉक्सिन तत्वों से मुक्त होता है | इस वजह से शरीर कफ व आंतरिक गन्दगी से मुक्त होत है |  जी घबराने से मुक्ति मिलती है |

त्वचा के लिए गेहूँ  के ज्वारे  (Wheat Grass for Skin):

सूर्य की तीव्र किरणों के कारण यदि त्वचा में जलन हो रही है तो गेहूँ  के ज्वारे लगाने से राहत मिलती है | जब गर्मी में त्वचा जलने लगती है तो गेहूँ  के ज्वारे के पावडर को पानी में 5  मिनिट  के लिए गला दे | इसके पेस्ट को सूर्य की किरणों से प्रभावित अंग पर लगा दे | इसी प्रकार फोड़े, फुंसी, घाव पर गेहूँ ज्वारे के पावडर के पेस्ट को लगाने से भी लाभ मिलता है |

सूजन के लिए गेहूँ के ज्वारे के फायदे  (Wheatgrass for Inflammation in Hindi):

शरीर में चोट लगने के बाद सूजन आना शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली  की वजह से होता है |  किन्तु चोट व सूजन की अवस्था में गेहूँ के ज्वारे के रस का सेवन सूजन व चोट के दर्द को कम करने में मदद करता है |  क्योकि गेहू के ज्वारे सेवन की वजह से रक्त क्षारीय होता है |

जोड़ो के दर्द मे:गेहू के जवारे मे सूजन को दूर करने के गुण पाये जाते है | इसकी वजह से सूजन, कड़ापन, दर्द व अनेक संबन्धित रोगो मे लाभ होता है |

 कफ सम्बंधित रोगों में प्रभावी  (Wheat Grass good for Cough and Cold):

Relief from cough and cold

सर्दी,  खांसी,अस्थमा, साइनस,एलर्जी व अन्य कफ जनित बीमारियों में ज्वारे का सेवन चमत्कारिक लाभ देता है | मैने कफ सम्बंधित रोगों में अनेक लोगों को गेहूँ  के ज्वारे का प्रयोग करवाया जिससे उन्हें चमत्कारिक लाभ हुआ |

गेहूँ के ज्वारे शरीर को विषाक्त पदार्थों से मुक्त करते है (Free from Toxin) :

गेहूँ  के ज्वारे के रस का सेवन शरीर को टॉक्सिन से मुक्त करता है |  इसके साथ ही शरीर की प्रत्येक कोशिकाओं तक ऑक्सीजन का प्रदाय करता है | इस प्रकार शरीर अपार शक्ति का मालिक बनता है |

मानसिक रूप से स्वस्थ करता है(Mental Health) :

Health Benefits of Wheat Grass Therapy
Health Benefits of Wheat Grass Therapy

आज के समय में तनाव एक बहुत बड़ी समस्या है | ऐसे में गेहूँ  के ज्वारे के सेवन से मस्तिष्क स्वस्थ व निरोगी हो जाता है | इस वजह से एल्जाइमर  जैसी बीमारी से आप सुरक्षित रहते है |

एसिडिटी पर नियंत्रण (Control Acidity):

यदि आप गेहूँ के ज्वारों के रस का सेवन करते है तो एसिडिटी पर नियंत्रण आता है | क्योकि गेहूँ के ज्वारों के रस का सेवन रक्त के पी.एच. के स्तर को बढ़ाता है | जिससे एसिडिटी नियंत्रित होती है | मस्तिष्क तेज होता है | तनाव दूर होता है | बुढ़ापा दूर होकर योवन प्राप्त होता है | बालों की समस्या दूर होती है |

बालों की समस्या (Hair Fall) :

गेहूँ के ज्वारों के रस का नियमित सेवन करने से बालों की समस्या दूर होती है | क्योकि गेहूँ के ज्वारों के रस रक्त को टॉक्सिक पदार्थों  से मुक्त करता है | शरीर के टॉक्सीन से मुक्त होने से बालों का अच्छा विकास होता है |

अर्थराइटिस व जोड़ों के दर्द में  लाभदायी (Gehu ke Jaware ka ras ke Fayde) :

गेहूँ के ज्वारे के रस का सेवन अर्थराइटिस व जोड़ों के दर्द में प्रभावी लाभ देते है | गेहूँ के ज्वारे के रस के सेवन से शरीर की सूजन, दर्द, कड़क पन व अन्य लक्षणों में लाभ होता है |

गेहूँ  के ज्वारे से यौन शक्ति  बनी रहती है (Wheat Grass for Premature Ageing in Hindi):

गेहूँ  के ज्वारे के सेवन से आप बुढ़ापे से मुक्त रहते है | एजिंग प्रोसेस स्लो हो जाती है | गेहूँ के ज्वारे के रस में मौजूद क्लोरोफिल शरीर को आंतरिक रूप से स्वच्छ कर श्रेष्ठ पोषण प्रदान करता है | क्योकि गेहूँ  के ज्वारे के रस में अनेक विटामिन्स, खनिज लवण, एमिनो ऐसिड व अन्य  महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते है |

गेहूँ  के ज्वारे के रस से उच्च रक्तचाप नियंत्रित होता है (Wheat Grass for  Blood Pressure Control in Hindi):

गेहूँ  के ज्वारे के रस से रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढाती है | इसके साथ ही गेहूँ  के ज्वारे के रस से शरीर टॉक्सीन पदार्थो से मुक्त होता है | इस वजह से रक्त वाहिनियाँ लचीली होती है | इस कारण रक्तचाप अपने उचित स्तर पर रहता है |

रक्त वाहिनियों के लचीला होंने के कारण ह्रदय का काम आसान हो जाता है | इसके  साथ ही रक्त से अम्लीयता (Acidity) कम होने से रक्त स्वस्थ होता है |

गेहूँ के ज्वारे के रस से रक्त में आक्सीजन की मात्रा बढ़ती है | इस वजह से आक्सीजनित रक्त वाहिनियों को आतंरिक रूप से स्वच्छ करता है | रक्त के स्वस्थ होने व रक्त के क्षारीय होने से उच्च रक्तचाप (Blood Pressure)को नियंत्रित करने में मदद मिलती है |

कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को घटाना (Cholesterol Kam karane ke upay ):

जब आप गेहूँ के ज्वारे का सेवन करते है तो मोटापा कम होता है |  मोटापा कम होने से शरीर की  चर्बी कम होती है | इस वजह से रक्त से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा घटती है | इस प्रकार आप हृदय रोग से सुरक्षित हो जाते है |  इस वजह से ह्रदय रोग की संभावना कम हो जाती है |

शरीर की जीवन शक्ति में वृद्धि होती है:

गेहूँ के ज्वारे का सेवन शरीर की जीवनी शक्ति(Immunity Booster) को बढ़ाता है | इसके सेवन से शरीर आंतरिक रूप से स्वच्छ होने से शरीर के अंगों की कार्यक्षमता बढ़ जाती है | इससे व्यक्ति अपने शरीर मे अपार ऊर्जा को अनुभव करता है |

मानसिक स्वास्थ्य को उन्नत करता है | गेहूँ के ज्वारे के सेवन से मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) उन्नत होता है | इसमे पाया जाने वाला  तत्व मस्तिष्क को स्वस्थ व निरोगी बनाता है |  इसके सेवन की वजह से अल्ज़ाइमर्स (Alzheimer’s)होने की संभावना खत्म हो जाती है |

 मधुमेह रोग में लाभदायक(Gehu ke Jaware ka ras ke Fayde) :

गेहूँ के ज्वारे के रस का सेवन रक्त शर्करा के  स्तर को उचित स्तर पर नियंत्रित करता है | इसलिये मधुमेह-2(Type-2 Dibetics)  के शिकार व्यक्तियों के लिए यह एक अनमोल उपहार है |

क्योकि गेहूँ के ज्वारे (Wheat Grass) में इन्सुलिन से मिलते हुए रासायनिक गुण होते है | जो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycemic  Index) को कम करते है | इस वजह से मधुमेह रोगियों (Type -2 Diabetes)के लिए यह एक अनमोल उपहार है |

गेहूं के जवारे मे व इंसुलिन में कुछ तत्व समान होते है | इस वजह से रक्त शर्करा का स्तर अपने उचित स्तर पर बना रहता है | इसलिए इसका सेवन मधुमेह रोगियों को लाभ देता है |

 मौखिक स्वास्थ्य के लिए गेहूँ के ज्वारे का रस (Oral Health Hygiene):

गेहूँ के ज्वारे के रस में एंटी वायरल व एंटी बैक्ट्रिरियल गुण पाए जाते है | इसलिए गेहूँ के ज्वारे की पत्तियों को चबाकर खाने से दांतो, मसूड़ों के दर्द व सूजन में राहत मिलती है |  इसके सेवन से मुंह में अवस्थित कीटाणुओं का नाश हो जाता है | यदि आप मुंह की बदबू  परेशान है तो इसकी 2 -3 पत्तियों को मुंह  रखकर चबाने से आपके मुंह की बदबू ख़त्म हो जाती है  |

शरीर की  हड्डियों को शक्तिशाली बनाये (Healthy Bone Density) :

गेहूँ  के ज्वारों के रस में पाया जाने वाला क्लोरोफिल  हमें मैग्नीशियम प्राप्त होता है | मैग्नीशियम हड्डियों को मजबूत बनाता है | मेग्नेशियम हड्डियों व स्नायु संस्थान को शक्तिशाली बनाता है | गेहूँ के ज्वारे मे विटामिन सी होता है | विटामिन सी व मैग्नीशियम की उचित मात्रा से मांसपेशियां शक्तिशाली होती है |
 
केन्सर रोग दूर करे – गेहू के ज्वारे  (Wheatgrass in Cancer):

आधुनिक चिकित्सा के चिकित्सक डा विग्मोर ने गेहू के ज्वारे (Wheat Grass)से केन्सर को ठीक करने का दावा किया है |

आज के समय में अनेक लोग वर्तमान में चल रही चिकित्सा  के साथ-साथ गेहूँ के ज्वारे का प्रयोग कर कैंसर से मुक्त हो रहे है |

क्योकि इसके सेवन से कैंसर सेल की वृद्धि को रोका जा सकता है | वर्तमान समय में चल रही चिकित्सा के साथ इसे करने से लाभ होता है |  क्योकि इसका प्रयोग शरीर को आंतरिक रूप से स्वच्छता प्रदान करता है |

गेहू के ज्वारे (Wheat Grass) का रस कब पीना चाहिए ?:  

यदि आपको कोई एक सामान्य रोग है तो आप  गेहूँ के ज्वारे का सेवन सुबह एक समय कर सकते है | गेहूँ  के ज्वारों के रस का सही समय प्रातःकाल खाली पेट ही है |

किन्तु यदि कोई व्यक्ति किसी गंभीर रोग का शिकार है और उसका आहार केवल फल ही है तो ऐसी अवस्था में व्यक्ति को दिन में 2 -3 बार गेहूँ  के ज्वारों के रस का सेवन कराया जा सकता है |

गेहूँ के ज्वारे  का सेवन कैसे करे?(Wheatgrass khane ka sahi Tarika in Hindi):

गेहूँ के ज्वारे को आप रस के रूप में, पाउडर के रूप में व कैप्सूल के रूप में सेवन कर सकते है |

गेहूँ के ज्वारे का सेवन करने का सबसे सही व प्रभावी तरीका उसे उगा कर उसके रस का सेवन करना ही है | यह गेहूँ के ज्वारे के रस को सेवन  करने का सबसे सही तरीका है |

गेहू के ज्वारे (Wheat Grass) को किसी भी रस या किसी भी  खाद्य पदार्थ के साथ मिलाकर बिलकुल नहीं लेना है |  इसे केवल इसके प्राकृतिक स्वरूप में ही लेना है | इसमें कुछ भी नहीं मिलाना है |

 
गेहूँ  के ज्वारा सेवन के अन्य फायदे (Health Benefits of Wheat Grass Therapy in Hindi) :
गेहूँ  के ज्वारों का सेवन फोड़े फुंसी व मुंहासों को ठीक करता है |
त्वचा पर गेहूँ  के ज्वारों का रस लगाने से त्वचा का ढीलापन दूर हो जाता है | त्वचा चमकने लगती है |
शरीर के घाव, कीड़े के काटने, त्वचा पर चकते व अन्य चर्म रोग में प्रभावी है |
गेहूँ के ज्वारों का रस शरीर में हीमोग्लोबिन स्तर को बढ़ाता है |
गेहूँ के ज्वारों का रस का सेवन मधुमेह के प्रारम्भिक स्तर पर प्रभावी है |
गेहूँ  के ज्वारों के रस का सेवन शराब के हेंग होवर में प्रभावी कार्य करता  है |
अवसाद से पीड़ित व्यक्ति के लिए गेहूँ के ज्वारों का रस एक अनमोल उपाय है |
गेहूँ  के ज्वारों का रस पुरुषों  व महिलाओ के प्रजनन स्वास्थ को उन्नत करता है |
इसको चबाने से गले की खराश दूर होती है | मुंह की दुर्गंध दूर होती है |
गरारे करने से मसूड़ो का संक्रमण दूर होता है |
मूत्राशय मे इसका डूस लेने से योनि की खुजली व दुर्गंध दूर होती है |

 गेहूँ के ज्वारे को कैसे उगाये(Gehu Ke jaware Kaise ugaye) :

काली मिट्टी में 1/6 भाग गोबर की खाद मिला ले | काली मिट्टी व गोबर की खाद को अच्छी तरह से मिला ले | अब इस खाद मिली हुई मिट्टी को गमले में 50% भर ले |

अब इस मिट्टी पर गेहूँ की एक परत बिछा दे | अब इस परत को मिट्टी से ढँक दे | इस गमले में पानी को छीट दे | गमले को पहले 1-2 दिन धूप में रखे | ताकि अंकुरण अच्छी तरह से हो जाए | 3  रे दिन गमले को छाव में रख दे | क्योकि ज्वारे के उगने के बाद उसे धुप में रखा जाता है तो उसका क्लोरोफिल उड़ जाता है |

7 वे दिन आपके गेहूँ के ज्वारे 6-7 इंच के हो जाते है | अब इन ज्वारों को जड़ के ऊपर से काट ले |  
  
गेहूँ  के ज्वारे का रस कैसे बनाये?(Gehu ke jaware ke ras kaise banaye)) :

गेहूँ  के ज्वारे (Wheatgrass Juice) का रस बनाने के  लिए गेहूँ  के ज्वारे को काट ले | इन्हे इस प्रकार से काटे की उसकी जड़ ज्वारे में न आये | अब इसे बारीक बारीक काट ले | इसे काटने के लिए कैची का प्रयोग करे | क्योकि इन्हे चाकू से काटना आसान नहीं होता है | इन्हे बारीक काटने के बाद मिक्सर में थोड़ा पानी डालकर पीस ले |

कभी भी बिना काटे ज्वारे को मिक्सर में न डाले अन्यथा मिक्सर के ब्लेड टूट जाएगी | ज्वारे पीस जाने के बाद इन्हे छान ले | अब आप इसका सेवन कर सकते है |

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गेहूँ  के ज्वारे के रस का सेवन कैसे करे ?(Gehu ke Jaware ke ras ke fayde):

गेहूँ  के ज्वारे के रस का सेवन जब भी आप करे कुछ विशेष बातो का ध्यान रखे | जब भी हम गंगाजल किसी बर्तन में लेते है तो उसे स्वच्छ बर्तन में लेते है |

शरीर की आंतरिक सफाई कर के ही ज्वारे का सेवन करे (How to drink Wheat Grass Juice):

क्या कभी गंदे बर्तन में लेते है क्या ? इसी प्रकार जब भी हम गेहूँ  के ज्वारे का प्रयोग करें अपने शरीर की आंतरिक सफाई कर के ही करे |

शरीर के आंतरिक अंगों की सफाई के लिए आप गेहूँ  के ज्वारे के सेवन  के पूर्व प्राकृतिक चिकित्सा के प्रयोग गर्म-ठंडा सेक, मिट्टी की पट्टी, सब्जियों का सूप या फलों के सेवन या उपवास कर शरीर की शुध्दता जरूर कर ले | निश्चित ही आप गेहूँ  के ज्वारे का सेवन कर पूर्ण लाभ प्राप्त कर पाएंगे |

गेहूँ के ज्वारे की कितनी मात्रा का सेवन करना चाहिए(Gehu ke Jaware ka Juice) :

गेहूँ के ज्वारे की  60-120 मिली मात्रा एक बार मे सेवन की जा सकती है | किन्तु यदि इसे दिन मे 2-3 बार सेवन करना है तो इसकी 30-60 मिली मात्रा का सेवन करना है |

जब इसका सेवन करते है तो प्रारम्भ मे उल्टी जैसा, उबकाई आने जैसा लगता है | इससे डरने की आवश्यकता नहीं है | उक्त स्थिति हमारे शरीर की अशुध्दता को बताती है |

प्राय: यह देखा गया है शेर, कुत्ते, बिल्ली व अन्य मांसाहारी प्राणी पेट खराब होने पर घास खाते है | ताकि शरीर शुध्द हो जाये | यदि उक्त समस्या आती है तो इसकी अत्यधिक कम मात्रा का धीरे-धीरे सेवन करना चाहिए |

जैविक गेहूँ के ज्वारे का पावडर (0rganic Wheatgrass Powder):

जैविक गेहूँ के ज्वारे  पावडर बाजार में भी मिलता है | इसे आप अपने घर पर भी बना सकते है | इसके लिए आपको गेहूँ की ज्वारों को उपरोक्त दी गयी विधि के अनुसार उगा कर सुखाना है |

ध्यान रखे गेहूँ के ज्वारे को सूखाते समय छाँव में सुखाना है | जब ये अच्छी तरह से सुख जाए तो इसे मिक्सर में पीस ले | इसे आप संग्रहित कर के रख ले | इस के पावडर की 1 चम्मच मात्रा को खाली पेट सुबह सेवन करना है | किन्तु यदि आप फरवरी से लेकर अप्रेल तक इसके ताजे रस का सेवन करते है तो बहुत लाभदायी परिणाम प्राप्त होते है |

पातांजलि गेहूँ  के ज्वारे:(Wheatgrass Juice Patanjali) :

बाबा रामदेव की कंपनी गेहूँ  के ज्वारे का रस (Patanjali Wheat Grass Juice) का विक्रय करती है | इसे आप आसानी से खरीद  कर सेवन कर सकते है |

इसमे कोई भी पदार्थ जैसे नमक, शक्कर, गुड या नमक ना मिलाये |

गेहूँ के ज्वारे के सेवन से नुकसान ( Side Effect of Wheat Grass in Hindi):
नियमित रूप से लंबे समय तक पीने से उल्टी की शिकायत हो सकती है |
इसके सेवन से सिरदर्द, एलर्जी हो सकती है |
इसके सेवन से शुरुवात मे दस्त हो सकती है |
इसकी कम मात्रा से ही इसके सेवन का प्रारम्भ करे | इसकी मात्रा धीमे-धीमें बढ़ानी चाहिए |  

सार (Summary):

हमने देखा की गेहूँ के ज्वारे प्रकृति का एक अनमोल उपहार है |  इसके सेवन से कौनसा रोग दूर नहीं होता? अनेक रोगों को दूर करने वाले इस अनमोल प्रयोग से आप अपने  परिवार के  सदस्यों के असाध्य रोगों को दूर कर सकते है | मेरा व्यक्तिगत अनुभव कहता है की दुनिया की सारे टॉनिक एक तरफ व गेहूँ के ज्वारे एक तरफ | उक्त कथन गेहूँ के ज्वारे के महत्व को सिद्ध कर देता है  |

किन्तु  इसके साथ ही आपको आहार, विचार, विश्राम व व्यायाम के नियमों का पालन करना होगा |

आवश्यक सावधानी(Special Precautions) :

आपको लेख में गेहूँ के ज्वारे के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करने का प्रयास किया गया है | किन्तु यदि आपको कोई रोग विशेष है? या आपकी प्रकृति ठंडी है तो आपको इस का सेवन अपने चिकित्सक के मार्गदर्शन से ही करना है | गेहूँ के ज्वारे 100 % अमृत है |

किन्तु  यदि किसी को इसके सेवन समस्या  है तो उसके लिए ज्वारे दोषी नहीं है | इस के लिए आपके शरीर की प्रकृति जबाबदार है | अत: इसका सेवन किसी अनुभवी चिकित्सक में मार्गदर्शन में ही करे | आपको 100% लाभ निश्चित ही मिलेगा | 

 Lifestyleexpert.com

https://en.wikipedia.org/wiki/Wheatgrass_(disambiguation)
https://en.wikipedia.org/wiki/Wheatgrass
https://en.wikipedia.org/wiki/Wheatgrass_(disambiguation)
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%97%E0%A5%87%E0%A4%B9%E0%A5%82%E0%A4%81_%E0%A4%95%E0%A5%87_%E0%A4%9C%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%87
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