क्या आप रोज कचोरी/सेव खा रहे है? सावधान Side Effect of Fried Food

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क्या आप रोज कचोरी/सेव खा रहे है? सावधान Side Effect of Fried Food

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क्या आप रोज कचोरी/सेव खा रहे है? सावधान Side Effect of Fried Food – Dr.Jagdish Joshi, Lifestyle Expert125

Side Effect of Fried Food –सावधान | क्या आप रोज कचौरी, समोसा या सेव मिक्सचर खा रहे है? क्या आप बाजार की चिप्स या अन्य तले हुए पदार्थों का सेवन कर रहे है ? तो निश्चित ही सावधान हो जाईये आप हृदय रोग, मोटापा, मधुमेह व रक्तचाप की बीमारी व अन्य रोगों के  शिकार हो सकते है |

प्राय: हम देखते है की अनेक परिवारों में सुबह के नाश्ते में रोज कचौरी, समोसा या अन्य तले हुए खाद्य पदार्थ होते है |  इसी के साथ स्वाद लोग रोग 100 से 150 ग्राम नमकीन खाने के साथ सेवन कर जाते है | कई लोगो को सेव के बिना खाना ही गले नहीं उतरता है |

कई परिवारों में फल भले ही न मिले | किन्तु सेव व नमकीन का भण्डार जरूर मिलेगा |कई लोग तो सब्जी ही नहीं खाते है | किन्तु सेव जरूर खाते है | 

कई परिवारों में बाजार की चिप्स व अन्य नमकीन खाने की परम्परा है | कई परिवार में बच्चे चिप्स व अन्य तले हुए खाद्य पदार्थों का अत्यधिक सेवन करते है |  इसलिए वे बचपन से ही मोटापे, फैटी  लीवर, एसिडिटी के शिकार हो जाते है |

जिन परिवारो में नियमित रूप से तले हुए खाद्य पदाथो को खाने की आदत है उनके परिवार के सदस्य कम उम्र में ही अनेक गंभीर बीमारियों के शिकार हो जाते है | कई तो असमय ही दुनिया छोड़ देते है | वे इस बात को वंशानुगत कारणों से जोड देते है |

यदि आप नियमित रूप से तले हुए खाद्य पदार्थो का सेवन करते है तो कैसे आप वंशानुगत कारणों को दोष दे सकते है | हम अपने आहार में सकारात्मक आहार को शामिल कर वंशानुगत बीमारियों को अपने से दूर कर सकते है |

प्राय: बाजार में मिलने वाला नमकीन खराब तेल व खाद्य सामग्री से बना होता है | केवल कुछ ही प्रतिष्ठित दुकानदार शुद्ध तेल, मसाले व खाद्य सामग्री का प्रयोग करते है | क्योंकि तेल में मिलावट तो एक आम बात है | जब तेल ही शुध्द नहीं होगा तो उससे बना हुआ खाद्य पदार्थ कैसे शुद्ध  होगा | इसके साथ ही उस तेल को अनेको बार प्रयोग में लाया जाता है | 

हम देखते है की बाजार में बनाने वाले उक्त खाद्य पदार्थों को एक ही तेल में निरंतर तला जाता है | क्या कोई दुकानदार एक ही बार तेल का प्रयोग करता है? कदापि नही यदि वह केवल एक ही बार तेल का प्रयोग करेगा तो जो कचोरी 15 रुपये में मिलती है वही कचौरी उसे 100 रुपये के पड़ेगी | तो क्या आप 100 रुपये वाली कचौरी खाते है | कदापि नहीं | यह प्रेक्टिकली संभव नहीं है |

तो आखिर कार बार-बार एक ही तेल में खाद्य सामग्री पकाने से क्या होता है?(Side Effect of Fried Food):

जब हम तेल को बार बार तलकर खाद्य पदार्थ बनाते है तो उसमे अनेक टॉक्सीन पदार्थ पैदा हो जाते है |  इस प्रकार के तेल में बने हुए खाद्य पदार्थो का सेवन करने से शरीर में फ्री रेडिकल्स की संख्या बढ़ जाती है | जो शरीर में सूजन व उनके गंभीर रोगों  को सीधा आमन्त्रण है | एक ही तेल में तले हुए खाद्य पदार्थ में ट्रांसफेट की मात्रा बहुत अधिक बढ़ने से शरीर हृदय रोग का निश्चित रूप से शिकार हो जाता है |

आखिरकार एक तेल को कितनी बार प्रयोग में लाया जा सकता है (Side Effect of Fried Food ) :  

भारतीय संस्था FSSAI (Food Safety and Standard Authority of India) के अनुसार एक तेल को केवल 3 बार प्रयोग में लाया जा सकता है | इसके बाद यदि तेल को प्रयोग में लाया जाता है तो उस खाद्य पदार्थ में ट्रांस फैट पैदा हो जाता है |

अत्यधिक बार तेल को गर्म करना गंभीर नुक्सान को आमंत्रित करना है :

जब कोई खाद्य सामग्री को बनाने वाला व्यक्ति तेल को अत्यधिक तापमान पर गर्म करता है तो उससे खतरनाक धुवा उठता है | यदि खतरनाक धुवा सबसे पहले खाद्य सामग्री बनाने वाले को अपना शिकार बनाता है | उसके बाद जो उस आहार का सेवन करता है उसे अपना शिकार बनाता है |

तो सावधान जो तले हुए खाद्य पदार्थ बना रहे है वे भी खतरे की सीमा में है | मेरा व्यक्तिगत अनुभव है जो व्यक्ति बंद कमरे में तले हुए खाद्य पदार्थ बना रहे है | या जो लोग उस वातावरण में रह रहे है | वे भी स्वयं को गंभीर रोगो का शिकार बना रहे है | मेने देखा है की इस तरह का आहार बनाने वाले कई व्यापारी 50 वर्ष की उम्र में ही गंभीर रोग के शिकार हो जाते है | कई तो असमय ही मौत के शिकार हो जाते है |

इस बात को हम रसोई घर में लगी चिमनी से समझ सकते है | जब हम चिमनी की सफाई करते है तो उसमे से अत्यधिक मात्रा में तेल निकलता है |  जो सोचिये धुए के रूप में निकलने वाला तेल श्वास (Cholesterol) के माध्यम से कहा जायेगा?

तेल को अत्यधिक उच्च तापमान पर प्रयोग करने से क्या होता है?(Side Effect of Fried Food ) :  

जब हम तेल को बार-बार प्रयोग में लाते है | तेल को अत्यधिक उच्च तापमान पर गर्म करते है तो इसमें रासायनिक प्रतिक्रिया होती है | इस कारण विषाक्त धुंवा पैदा होता है | यही धुंवा आहार में व आहार बनाने वाले के फेफड़े में जाता है | इस प्रकार उक्त आहार बनाने वाला व इस आहार का सेवन करने वाला खतरे की सीमा में आ जाते है |

कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है(Cholesterol Level ):

जब तेल को बार बार अत्यधिक तापमान में गर्म किया जाता है | तो उक्त तेल ट्रांस फेट में बदल जाता है | यही ट्रांस फेट हृदय रोग का मुख्य कारण है | इसी वजह से असमय युवा ह्रदय रोग के शिकार हो रहे है | नियमित रूप से ट्रांस फेट का सेवन हृदय को बुरी तरह नुकसान पहुंचाता है |

रक्तचाप का शिकार बनाता है(High Blood Pressure) :

जब तेल को बार-बार गर्म किया जाता है तो खाद्य सामग्री में उपस्थित नमी, वातावरण की ऑक्सीजन व उच्च तापमान फ्री रेडिकल्स व फ्री फैटी एसिड बनाता है |इस प्रकार हम उच्च रक्तचाप के शिकार हो जाते है | 

इस प्रकार हम देखते है की बार-बार तेल को पकाने से हम किस प्रकार गंभीर रोगो को आमंत्रित कर रहे है |

अत्यधिक तले हुई खाद्य पदार्थो का सेवन मोटापे का शिकार बनाता है :

यदि आप नियमित रूप से तले हुए खाद्य पदार्थो का सेवन करते है तो आप मोटापे के शिकार जरूर होंगे | यदि मोटापे पर नियंत्रण पाना है तो अत्यधिक तले हुए खाद्य पदार्थो का सेवन करना बंद करना ही होगा | तब ही आप मोटापे से मुक्ति पा सकेंगे |

तो क्या तले हुए पदार्थो का सेवन करना बंद कर दे? :

नहीं आप तले हुए खाद्य पदार्थो का सेवन कर सकते है | किन्तु इसकी आदत न बनाये | इसका सिमित मात्रा का ही सेवन करे | नियमित रूप से पर्याप्त फल व सब्जियों का सेवन करे | नियमित व्यायाम करे तो आप सिमित मात्रा में नमकीन का सेवन करेंगे तो आप का स्वास्थ्य सुरक्षित रहेगा |

मेरा उक्त आहार बनाने वालो  व उसका सेवन करने वालों से आग्रह है की आप अपनी सुरक्षा तो करे ही | इसके साथ ही आपके आहार का सेवन करने वालों को भी सुरक्षित जीवन प्रदान करे | उक्त आदत नमकीन निर्माता व उसका सेवन करने वालो को निश्चित ही सुरक्षा प्रदान करेगी |

इस प्रकार आप सही निर्माण व्यवस्था को अपनाकर स्वस्थ समाज के निर्माण में अपना योगदान दे सकते है? 

Lifesytle Expert.in

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