कमर दर्द से आसान मुक्ति Home Remedy for Back Pain

Home remedy for back pain
home remedy for back pain | kamardard | natural remedies for back pain and inflammationupper | left side back pain home remedy | kamar dard ki dava |lower back pain treatment at home| back pain treatment at home | home remedies for lower back pain| kamar ka dard | instant back pain relief | back pain

कमर दर्द क्या होता है और कमर दर्द के क्या लक्षण है?      Home Remedy for Back Pain

home remedy for back pain
kamardard

Home Remedy for Back Pain -lifestyleexpert125.com

Home Remedy for Back Pain Dr.Jagdish Joshi, Life Style Expert 125

Home Remedy for Back Pain -कमर दर्द आज के समय की एक आम समस्या है | बुजुर्ग तो बुजुर्ग युवा भी कमर दर्द के शिकार हो रहे है |   आखिर कार कमर दर्द (back pain) क्यों होता है और कमर दर्द से कैसे मुक्त हो सकते है?

इस विषय में हम चर्चा करेगे की आखिरकार व्यक्ति कमर दर्द का शिकार क्यों हो रहा है ?

मैंने अपने 30 वर्षो के चिकित्सकीय अनुभव से देखा है की व्यक्ति जीवन भर कमर दर्द (kamar ka dard) से परेशान रहता है | यहा तक की कई चिकित्सक भी कमर दर्द (back pain) से परेशान रहते है| क्योकि वे इस रोग के मूल कारणो को जाने बिना इस रोग को दवाईयो के माध्यम से स्वस्थ करने का प्रयास करते है |

जबकि दवाईयो के सेवन के साथ-साथ जीवनचर्या मे पर्याप्त सुधार किया जाय तो कोई कारण नही की कमरदर्द (back pain) से आसान मुक्ति हो सके | आवश्यकता है कमर दर्द (back pain) से मूल कारणो को जानने की है |

वर्तमान समय में कमर दर्द एक बडी समस्या के रुप में मनुष्य के स्वास्थ्य को व उसकी क्षमता को प्रभावित कर रहा है, कमर दर्द के कारण व्यक्ति का स्वास्थ्य व उसके व्दारा किया जाने वाला कार्य भी प्रभावित हो रही है |

आखिर व्यक्ति कमर दर्द (back pain)का शिकार क्यों है? मनुष्य के जीवन से श्रम गायब हो गया है| इसलिए कमर दर्द एक सामान्य रोग बन गया है |

कमर दर्द मानव समाज को विकराल समस्या के रुप में परेशान कर रहां है| व्यक्ति कमर दर्द से मुक्ति पाने के लिए अनेक उपाय करता है | किन्तु कमरदर्द (back pain) से मुक्ति नहीं मिलती है |

किंतु यदि सही जीवन शैली को अपनाया जाय व नियमित रुप से योग अभ्यास के साथ साथ सुपाच्य आहार (Digestive diet) को अपनी जीवनचर्या का अंग बनाया जाय तो कोई कारण नही कि कमर दर्द से मुक्त जीवन जीया जा सकता है ।

मै कमर दर्द से कैसे मुक्त हूँ? (How Can I do to Relieve my Back Pain?) :   

जिस व्यक्ति को कमर दर्द रहता है उसकी एक आम समस्या है की आखिरकार मै क्या करू की मुझे कमरदर्द ही न हो? हर व्यक्ति चाहता है की वह कमर दर्द से मुक्त जीवन जीये | तो हम कमर दर्द के मुख्य कारणो को जानेगे |

कमर दर्द के प्रकार (Home Remedy for Back Pain):   

प्राय: कमर दर्द, कमर के निचले भाग में होता है, किन्तु यदि गैस की वजह से दर्द होता है (Gas hurts) तो वह दर्द कभी राईट तो कभी लेफ्ट की और स्विच करता है | क्योकि गैस की वजह से दर्द अपना स्थान बदलता रहता है (Pain keeps changing) | इसलिए इस प्रकार के दर्द का कारण गैस (Gas) ही होता है |

कमर दर्द के प्रमुख कारण What Cause Lower Back Pain): 

महिलाओं में कमर दर्द का कारण (Home Remedy for Back Pain): 

kamardard
kamardard

महिलाओं में कमर दर्द का मुख्य कारण इनके व्दारा कोई शारीरिक कार्य (Physical activity) नहीं करना | इनके व्दारा आगे झुकने का कोई कार्य नहीं करना | इसके साथ ही घरो में विभिन्न प्रकार की मशीनों (Different type of machines) के प्रयोग के कारण श्रम वाले कार्य जैसे पोछा लगाना, पानी भरना, कपडे धोना व अन्य कार्य न करने की वजह से उनकी रीढ़ का लचीलापन (Spinal flexibility) समाप्त हो रहा है |  इस वजह से रीढ़ का लचीलापन ख़त्म हो जाता है | इस कारण व्यक्ति कमर दर्द (back pain) की शिकार हो जाता है |

पोषक तत्वों की कमी के कारण कमर दर्द (Back Pain Due to Deficiency of Essential Nutrients) :   

शरीर में किसी पोषक तत्व की कमी होने की वजह से कमर दर्द हो सकता है | यदि कमर दर्द केल्शियम (Calcium) की कमी की वजह से है | विटामिन ‘डी’ की कमी की वजह (cause of deficiency) से है, विटामिन ‘बी-12’ की कमी की वजह से है|  तो निश्चित ही फूड सप्लीमेंट या इससे सम्बंधित दवाईयों का सेवन करने से दर्द में आराम अवश्य मिलता है | किन्तु इनका सेवन बिना  चिकित्सक के परामर्श से नही करना चाहिए |

हमारे शरीर में किस तत्व की कमी है की जानकारी रक्त की जांच से मिल जाती है | यदि दर्द अधिक है तो इसके लिए एक्स रे या सीटी स्कैन जो भी आवश्यक जांच है | चिकित्सक के परामर्श से अवश्य करवानी चाहिए | ताकि कमर दर्द का सही दिशा में इलाज हो सके |

गैस व एसिडिटी कमर दर्द का कारण (Instant back pain relief):   

 home remedy for back pain
home remedy for back pain

इसके साथ ही कमर दर्द का मुख्य कारण गैस, एसिडिटी (Acidity) भी हो सकता है| यदि व्यक्ति इन पाचन सम्बंधित शिकायतों (Digestive complaints) का शिकार है तो कमर दर्द उसे परेशान कर सकता है | ऐसी अवस्था में व्यक्ति को पाचन सम्बंधित रोगो से मुक्ति पाने का प्रयास  करना चाहिए | 

पानी का कम सेवन करना कमर दर्द का कारण (Deficiency of Water Cause of Back Pain) :

पानी की कम मात्रा का सेवन करना भी कमर दर्द का कारण हो सकता है | कई मामलों में देखा है की व्यक्ति लम्बे समय तक पानी का कम मात्रा में सेवन करता है | इस वजह से रीढ़ की हड्डियों के बीच की गद्दिया सिकुड़ (Padding shrunk) जाती है | इस से भी कमर दर्द (back pain) हो जाता है |

शरीर का अत्यधिक बढा हुआ वजन (Excessive Body Weight): 

kamar dard ki dava
kamar dard ki dava

शरीर का अत्यधिक बढा हुआ वजन कमर दर्द को जन्म देता है । वर्तमान समय में बढे हुए पेट के अनेक व्यक्ति मिल जाते है । अत्यधिक बढे हुए पेट की वजह से (causes of excessively increased stomach) रीढ के निचले हिस्से पर बहुत अधिक वजन का भार पडता है |  इसी वजह से अत्यधिक वजन वाले ख़ास तोर पर बढे हुए पेट के व्यक्ति निश्चित रुप से कमर दर्द के शिकार हो जाते है । क्योकि एक स्वास्थ्य की कहावत प्रचलित है की “ बढ़ा हुआ पेट अस्थमा व बायपास का वारंट है” |

कमर दर्द का मुख्य कारण मोटापा (Obesity is the main cause of back pain):   

https://youtu.be/WeAx0gAE23E

इसके साथ ही शरीर का अत्यधिक वजन बढा होने की वजह से रीढ की हड्डी पर वजन के कारण प्रतिकूल प्रभाव (Adverse effect to weight) पडता है । इस वजह से व्यक्ति कमर दर्द के शिकार होने के साथ साथ रीढ की हड्डी के अन्य प्रकार के विकारों का भी दर्द (pain) झेलता है ।

इसलिये यदि कमर दर्द से स्थायी मुक्ति पाना है तो अपने शरीर के वजन को खासकर अपने कमर के घेरे को आहार के संतुलित सेवन व योग/व्यायाम के उचित समन्वय से कम करना होगा ।

वजन कम करने में ध्यान की भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है । यदि योग व शारीरिक अभ्यास के साथ साथ ध्यान का नियमित अभ्यास (Regular practice of meditation) किया जाता है तो आहार की मात्रा स्वत: ही कम हो जाती है | इस कारण व्यक्ति सकारात्मक आहार (Positive diet) का सेवन करने लगता है | व्यक्ति  कम आहार के सेवन से ही संतुष्ट हो जाता है | इस प्रकार व्यक्ति कम श्रम से ही  वजन को निरंतर कम करने लगता  है ।

वजन कम करने मे योग व ध्यान की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है | क्योकि योग व ध्यान के अभ्यास से व्यक्ति का Metabolism सही होता है | योग के कुछ आसन जैसे ताड़ासन, कोणासन, शलभासन, भुजंगासन व अन्य आसानो का अभ्यास रीढ़ को स्वस्थ व लचीला बनाता है |      

गर्भावस्था में कमर दर्द कैसे ठीक करे?(Pregnancy me Kamar Dard Kaise Thik Kare?):

गर्भावस्था मे गर्भस्थ शिशु के नियमित रूप से बढ़ने की वजह से पीठ पर भार अधिक आ जाता है | ऐसी स्थिती मे गर्भावस्था के प्रारम्भ से ही नियमित रूप से शारीरिक रूप से सक्रिय रहे | इसके साथ ही आहार मे उचित परिवर्तन कर पीठ की मांसपेशियो को शक्तिशाली बनाना होगा |

गलत आकृति में अपने शरीर को रखना (Staying in Incorrect Posture) :   

प्राय: व्यक्ति सही पाश्चुर (Posture) प्रकार से नही बैठता है| ठीक प्रकार से खडा नही होता है | ठीक प्रकार से सोता नही है | ठीक प्रकार से कुर्सी पर भी नही बैठता है  (Does not even sit properly on chair) |

इस प्रकार निरंतर गलत तरीके से अपने शरीर की आकृति को लम्बे समय तक गलत रखने की वजह से व्यक्ति की रीढ में निरंतर विकृति (Deformity constant) आती रहती है । लम्बे समय तक गलत आकृति में रहने की वजह से व्यक्ति कमर दर्द का स्थायी शिकार (back pain victim) हो जाता है ।

शरीर की आकृति को हमेशा सीधा रखे । ध्यान रखे जब भी खडे हो बैठे हो अपने शरीर को हमेशा सीधा रखे । दोनों पैरो पर समान वजन रखे | सोते  समय शरीर व पैरों को मोढकर नही रखे (Do not fold the body and legs while sleeping) ।

यदि हम अपने शरीर को हमेशा सीधा रखते है तो निश्चित ही शरीर कमर दर्द व अन्य आकृतिजन्य विकारों से मुक्त होगा ।

तेज गति से दो पहियाँ वाहन चलाना (Drive High Speed Two Wheeler) : 

lower back pain treatment at home
lower back pain treatment at home

आज के समय में कार्य की अत्यधिक व्यस्तता ने व्यक्ति को अधिक समय दो पहियाँ वाहन पर बिताने के लिये मजबूर कर दिया है । कार्य की व्यस्तता की वजह से व्यक्ति को अत्यधिक दुरी (extreme distance) तय करना पडती है | कार्य की व्यस्तता भी बहुत अधिक बढ गई है |  इस वजह से व्यक्ति बहुत तेज गति से दो पहियाँ वाहन चलाता है ।

व्यक्ति दो पहियाँ वाहन अत्यधिक लम्बे समय तक चलाता है |  अत्यधिक तेज गति से वाहन को चलाते हुए स्पीड ब्रेकर व गड्डों पर भी तेज गति से दो पहियाँ वाहन चलाता है |  इस वजह से रीढ की हड्डी पर अत्यधिक दबाब पडता है |  व्यक्ति की रीढ की हड्डी पर निरंतर दबाब (constant pressure) पडने से उसके आकार पर प्रतिकूल प्रभाव पडता है | व्यक्ति कमर दर्द का स्थायी शिकार हो जाता है |

दो पहिया वाहन को उचित गति से चलाये (Drive Two Wheeler Within Speed Limit) :       

इसलिये जब भी दो पहियाँ वाहन चलाये समय का सही समंवय करते हुए सामान्य गति से ही चलाये |  कभी भी स्पीड ब्रेकर (Speed breaker) पर तेज गति से वाहन न चलाये (Do not drive at high speed) । इस प्रकार से यदि गाड़ी धीमी गति से चलाई जाये तो रीढ की हड्डी व शरीर के अन्य जोडों पर कभी भी अनावश्यक दबाब नही पडेगा |  इस प्रकार हम जीवन भर रीढ सम्बंधी व अन्य जोड़ो के विकारों (Joints disorder) से मुक्त रहते है ।

नकारात्मक आहार का सेवन करना (Natural Remedies for Back Pain and Inflammation) :     

back pain treatment at home
back pain treatment at home

वर्तमान समय मे आहार में क्रांतिकारी परिवर्तन आया है|  आहार में परिवर्तन नकारात्मक ज्यादा आता है । अत्यधिक मसाले दार आहार, चाय, काफी, तम्बाखू, सिगरेट व अन्य मादक आहार उसकी आहारचर्या मे शामिल हो गए है |

व्यक्ति ने आहार में अम्लीय आहार (Acidic diet) को अत्यधिक मात्रा में शामिल कर लिया है । व्यक्ति के आहार से फल, सब्जी, सलाद व अंकुरित अनाज (Sprouted grains) आहार से गायब हो गये है । इस वजह से व्यक्ति के रक्त का स्वभाव नियमित रुप से अम्लीय हो गया है और इस वजह से व्यक्ति की रीढ की हड्डी के साथ साथ सम्पूर्ण शरीर का स्वास्थ्य भी बुरी तरह से प्रभावित हो गया है ।

सकारात्मक आहार का सेवन करना (Intake Positive Diet) :       

kamar ka dard
kamar ka dard

अपने आहार में क्षारीय आहार अर्थात अंकुरित अनाज, पानी में भिगोये हुए बादाम, किशमिश, अंजीर, बिना पकी हुई सब्जियाँ (पालक, गाजर, मूली, टमाटर, प्याज, ककडी व अन्य) व फलों सब्जियों का सूप व अन्य सकारात्मक आहार का पर्याप्त सेवन करे ताकि रीढ की हड्डी के साथ साथ सम्पूर्ण शरीर स्वस्थ्य व निरोगी रह सके । इसके साथ ही शरीर को पर्याप्त क्षारीय आहार की आपूर्ति हो सके ।

कब्ज का शिकार होना (Suffering From Constipation) : 

home remedy for back pain
home remedy for back pain

गलत आहार अर्थात रेशे के अभाव की वजह से व्यक्ति कब्ज का शिकार होता है |  कब्ज का शिकार होने की वजह से व्यक्ति गैस का भी शिकार होता है | व्यक्ति के गैस के शिकार होने की वजह से गैस शरीर के विभिन्न अंगों में एकत्र होकर मांसपेशियों मे दर्द पैदा कर देती है । इसलिये कब्ज के शिकार होने की वजह से भी व्यक्ति कमर दर्द का शिकार भी हो जाता है । इसीलिये प्राय: यह देखा गया है कि गैस का शिकार होने से व्यक्ति को बचना चाहिए |

https://youtu.be/3Apu81oqAr0

अपने आहार में रेशेयुक्त आहार को शामिल करे (Include Fibrous Food in Diet) : 

अपने आहार में मौसम में आने वाली पर्याप्त रेशेदार सब्जियों व फलों का सेवन करना है | यदि आप रेशेयुक्त आहार का सेवन करता  हो तो व्यक्ति निश्चित रुप से कब्ज से मुक्त रहता है |  यदि व्यक्ति कब्ज से मुक्त रहता है तो उसे गैस अर्थात वात (Gas)एसिडिटी (Acidity) से सम्बंधी रोग भी नही होते है ।

कब्ज व गैस से मुक्ति देने वाला आहार (Food to Get Rid of Constipation and Gas) :

कब्ज व गैस मुक्त करने में अमरुद, पपीता, पाईनापल, आंवला पानी, एलोवेरा जेल, ककडी, टमाटर, पालक, मैथी, लौकी, सुरजने की फली, अंकुरित अनाज, गवार फली, बालोर, गिलकी व अन्य अनेक सब्जियाँ व फलों का सेवन करना चाहिऐ । इसलिये पर्याप्त मात्रा में रेशेदार सब्जियाँ, फलों,अंकुरित अनाज व पानी का सेवन अवश्य करना चाहिए ताकि व्यक्ति कब्ज व गैस से मुक्त रहे ।

मांसपेशियों में पर्याप्त लचीलेपन का अभाव (Insufficient Flexibility in Muscles):   

home remedy for back pain
home remedy for back pain

आधुनिक साधनो की उपलब्धता ने व्यक्ति के जीवन से श्रम को गायब कर दिया है | व्यक्ति व्दारा योग/व्यायाम/टहलने का अभ्यास नही करने, पर्याप्त पानी का सेवन नही करने व क्षारीय पदार्थो(फल.सब्जी, अंकुरित अनाज) का कम या सेवन नही करने की वजह से शरीर की मांसपेशियों में लचीलेपन का अभाव हो जाता है | नकारात्मक आहार से  मांसपेशियाँ कडक हो जाती है और इस वजह से भी व्यक्ति कमर दर्द का शिकार हो जाता है । यदि व्यक्ति शारीरिक रुप से सक्रिय रहता है और नियमित व्यायाम करता है तो कोई कारण नहीं व्यक्ति कमर दर्द का शिकार हो जाता है |

जीवन को सक्रिय बनाये (Make Your Life Active) : 

योग/व्यायाम/टहलना व अन्य कोई सक्रिय शारीरिक गतिविधियो को अपनी जीवनचर्या का अभिन्न अंग बनाये |  क्योकि शारीरिक सक्रियता से ही शरीर की मांसपेशियों में लचीलापन आता है |   व्यक्ति का पाचन संस्थान भी सुचारु रूप से कार्य करता है | इस वजह से रीढ पर अनावश्यक दबाब भी नही आता है । इसके साथ ही पर्याप्त मात्रा में क्षारीय आहार का सेवन करना चाहिए  | ताकि मांसपेशियाँ लचीली बनी रहे और पर्याप्त पानी का सेवन करने से मांसपेशियों में पर्याप्त लचीलापन रहे सके ।

कमर दर्द से मुक्ति देने वाले चमत्कारिक अभ्यास (Exercise to Help Prevent Back Pain) :   

योग के विभिन्न अभ्यास भुजगासन, ताड़ासन, कोणासन, अर्ध-शलभासन व पूर्ण शलभासन का अभ्यास चमत्कारिक रूप से लाभ देता है | इन अभ्यासों को करने का सम्पूर्ण विवरण हम आगामी ब्लॉग में देगे ताकि आप व आपका परिवार इन्हें नियमित रूप से कर स्वस्थ व निरोगी हो सके |

पर्याप्त प्रोटीन का सेवन नही करना (home remedy for back pain) :     

home remedy for back pain
home remedy for back pain

प्राय: यह देखा गया है कि कई व्यक्ति प्रोटीन (दालें, सोयाबीन, अंकुरित अनाज) का पर्याप्त मात्रा में सेवन नही करता है । इस वजह से व्यक्ति की मांसपेशियाँ कमजोर हो जाती है और मांसपेशियों के कमजोर हो जाने की वजह से रीढ की हड्डी व शरीर की अन्य हड्डियो पर शरीर के वजन का दुष्प्रभाव पडता है ।

आहार में पर्याप्त प्रोटीनयुक्त आहार का सेवन करे (Home remedy for back pain) : 

अपने आहार में पर्याप्त मात्रा में अपनी पाचन प्रणाली की क्षमता के अनुसार पर्याप्त दालें/अंकुरित अनाज/सोयाबीन/बादाम/अखरोट व अन्य प्रोटीनयुक्त आहार का सेवन कर सकते है । ध्यान रखे सांध्य कालीन आहार में प्रोटीन( समस्त दाले व मांसाहार ) का सेवन कदापि न करे । क्योकि रात्री भोजन करने के बाद व्यक्ति व्दारा कोई शारीरिक श्रम नही किया जाता है इस वजह से प्रोटीन नही पच पाता है | व्यक्ति कब्ज के साथ साथ गैस का शिकार हो जाता है । इसलिये रात को कभी भी दालों का सेवन कदापि न करे भले ही वह दाल मुंग की क्यों न हो ।

अत्यधिक नमक का सेवन (Excessive Salt Intake):   

 व्यक्ति के व्दारा आहार में सेवन किये गये अत्यधिक नमक (Salt) के सेवन से व्यक्ति की हड्डियाँ निरंतर कमजोर होती जाती है |   इस वजह से रीढ की हड्डी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पडता है और नमक (Salt) के सेवन से व्यक्ति का वजन भी बढता है ।

नमक का सेवन संतुलित मात्रा में करे (Eat Salt Balanced Amount) : 

इसलिये अपने आहार से नमक (Salt)  की मात्रा को कम रखे व चावल, चपाती व छाछ में नमक (Salt) का प्रयोग न करे । इस प्रकार नमक (Salt) की मात्रा को कम करके वजन को भी संतुलित रखने में मदद मिलती है और हड्डियाँ भी सुरक्षित रहती है ।

शक्कर का अत्यधिक सेवन (Excessive Sugar Intake) :     

शक्कर का नियमित रुप अत्यधिक मात्रा में सेवन रीढ की हड्डी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है । अत्यधिक शक्कर का सेवन हड्डियों को कमजोर करता है । जब व्यक्ति शक्कर का सेवन करता है तो शक्कर के सेवन से शरीर में नियमित रुप से केल्शियम (Calcium) की कमी होती जाती है | व्यक्ति कमर दर्द के साथ साथ अन्य प्रकार के हड्डियो के रोगों का शिकार हो जाता है ।

शरीर के केल्शियम को शक्कर कम करती है (Reduces the Body’s Calcium Sugar):   

शक्कर के मूल स्वरुप में पर्याप्त केल्शियम (Calcium) व लोहा (Iron) होता है|  किंतु शक्कर के निर्माण के समय उसे सफेद व आकर्षक बनाने के लिये अत्यधिक मात्रा में रासायनिक पदार्थों का उपयोग किया जाता है जिससे शक्कर में केल्शियम (Calcium) का अभाव हो जाता है |  व्यक्ति जब अत्यधिक शक्कर का सेवन करता है तो शक्कर को पचाने के लिये केल्शियम (Calcium) की आवश्यकता होती है |  इस केल्शियम (Calcium) की आपूर्ति हड्डियों से प्राप्त केल्शियम (Calcium) से होती है |  इस कारण  निरंतर हड्डियाँ कमजोर होती जाती है | इस प्रकार व्यक्ति कमर दर्द के साथ साथ अन्य हड्डियों से सम्बंधित रोगों का शिकार हो जाता है

मीठे की चाहत प्राकृतिक आहार से करे (Love Sweet with Natural Sugar) :   

शक्कर की मात्रा को नियन्त्रित करने के लिये प्रयास करना चाहिए । मीठे की चाहत को संतुलित करने के लिये ब्राउन शुगर, गुड (Jaggery) किशमिश (Raisins), खजूर (Dates) व अन्य प्राकृतिक फलों का सेवन कर अपने मीठा खाने की चाह्त को पुरा करना चाहिएँ |  इस प्रकार  मीठा खाने की चाहत भी पूर्ण हो जाय व शक्कर के सेवन से भी बचा जा सके । अत्यधिक चाय (Tea) व काफी (Coffee) के सेवन से बचना चाहिए | चाय/काफी की न्युनतम मात्रा (Minimum quantity) का ही सेवन करना चाहिए ।

पानी का सेवन कम करना (Reduce Water Intake) : 

पानी का अत्यधिक कम मात्रा में सेवन करने से व्यक्ति की हड्डियों के स्वास्थ्य के साथ साथ मांसपेशियो (muscles) का स्वास्थ्य प्रभावित करता है । क्योकि हड्डियों मे भी कम मात्रा मे पानी (water) होता है | अत्यधिक कम पानी (water) का सेवन करने की वजह से मांसपेशियों में पानी (water) की कमी हो जाती है और व्यक्ति अनेक रोगों के शिकार होने के साथ साथ कमर दर्द का भी शिकार हो जाता है ।

ठंड के मौसम में गुनगुने पानी का सेवन करे (Drink Luke Warm Water in Cold Weather ) : 

24 घंटें में पानी (Water) की 2-3 लीटर मात्रा का सेवन करना है । प्राय यह देखा गया है कि व्यक्ति ठंड के डर की वजह से पानी (water) का सेवन करना भुल ही जाता है | ठंड के सेहत वाले मौसम में स्वतह: (Automatically) ही अनेक बीमारियों को आमंत्रित कर लेता है ।

ठंड के मौसम (Cold Whether) में भोजन के बाद गुनगुने पानी (Luke warm water) का सेवन करना चाहिए । भोजन के 1 घंटे बाद व भोजन के 1 घंटे पहले पानी (Water) का सेवन करना चाहिए । भोजन के दौरान 1 ग्लास से अधिक पानी (Water) का सेवन नही करना चाहिए ।

केल्शियम युक्त आहार का सेवन नही करना (Avoiding Calcium Reach Diet) :     

प्राय: यह देखा गया है कि व्यक्ति अपने आहार में केल्शियमयुक्त आहार (Diet) का सेवन नही करता है । इस वजह से शरीर में निरंतर केल्शियम (Calcium) की कमी होती जाती है | शरीर में केल्शियम (Calcium) की कमी हो जाती है | इस वजह से शरीर के विभिन्न अंगो की हड्डियाँ कमजोर हो जाती है | इसी तरह रीढ की हड्डी के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पडता है ।

पर्याप्त केल्शियमयुक्त आहार का सेवन करे (Eat Enough Calcium Rich Diet): 

अपने नियमित आहार में दुध व दुध के उत्पाद (milk and milk products), कद्दू के बीज ( Pumpkin seeds), बादाम (Almonds), अखरोट (Wall nuts), सहजन की फली (Drumstick pod), मैथी दाने (Fenugreek seeds) का काढा, हरी सब्जियाँ (Green vegetable), सोयाबीन (परिष्कृत किया हुआ) व अन्य केल्शियम युक्त आहार का सेवन अपनी पाचन प्रणाली की क्षमता के अनुसार करे |

पर्याप्त मौसमी सब्जियों व फलों का सेवन करे (Eat Enough Seasonal Fruits and Vegetables):     

जो व्यक्ति पर्याप्त मौसमी सब्जियों व फलों का सेवन नही करते है |  इस कारण मांसपेशिया व हड्डियाँ कमजोर हो जाती है । प्रकृति हमें प्रत्येक मौसम में विभिन्न प्रकार के विटामिंस, खनिज लवण व पर्याप्त मात्रा में रेशा देती है । उक्त विटामिन, खनिज (mineral) लवण (Salt) हम शक्ति व उर्जा प्रदान करते है | इनमें उपस्थित रेशा पाचन प्रणाली को शक्तिशाली बनाकर उन्हे स्वच्छ करता है । इसलिये हमें प्रत्येक मौसम में आने वाली सब्जियों व फलों का भरपूर सेवन करना चाहिए ।

अपनी जीवन चर्या में करीब करीब 800-900 कच्ची सब्जियाँ (Raw vegetables) व फलों का सेवन अवश्य करना चाहिए | ताकि शरीर को उस मौसम में सुरक्षा प्राप्त हो सके व पर्याप्त फल व सब्जियों के सेवन करने से मांसपेशियों (muscles) व हड्डियों (bones) में पर्याप्त लचीलापन (Flexibility) आ सके ।

कमर दर्द से तुरंत मुक्ति (Instant Back Pain Relief):

एक्यूप्रेशर व प्राकृतिक चिकित्सा के प्रयोग गरम ठंडे सेक के माध्यम से कमर दर्द मे तुरंत आराम मिल जाता है | किन्तु यह आराम अस्थायी होता है |

कमर दर्द की दवा (kamar dard ki dava):   

क्या कमर दर्द की कोई दवाई है? ताकि कमर दर्द से मुक्ति मिल जाय, संसार में ऐसी कोई चमत्कारिक दवा (Miracle medicine) या क्रीम, या दर्द निवारक तेल (Pain relief oil) नहीं है जिससे कमर दर्द में स्थायी (Back pain lasting) रूप से लाभ मिल जाय |

स्थायी आराम पाने के लिए आपको रोग के मूल कारणो को जानकर उसके अनुसार कमरदर्द को ठीक करना होगा |

स्वास्थ्य प्रेमियो के लिए महत्वपूर्ण सन्देश (Important Message for Health Lovers):   

उक्त जानकारी सामान्य स्वास्थ्य व सुरक्षा के उदेश्य से दी गई है |इस प्रकार हम देखते है की यदि हम अपनी जीवन चर्या में कुछ परिवर्तन कर लेते है तो निश्चित ही कमर दर्द से मुक्त जीवन जी सकते है | आवश्यकता है केवल सही जीवन शैली जीने की साथ ही यदि आपकी जीवनचर्या में कोई गलती हो तो उसे सुधारने की ताकि आप व आपका परिवार कमर दर्द (back pain) से मुक्त होने के साथ-साथ स्वस्थ व निरोगी जीवन जी सके |

Share to...