विश्व योग दिवस International Yoga Day in Hindi

INTERNATIONAL YOGA DAY

INTERNATIONAL YOGA DAY

विश्व योग दिवस International Yoga Day in Hindi

विश्व योग दिवस International Yoga Day in Hindi –Dr. Jagdish Joshi Lifestyle Expert 125

योग हमारे देश की एक अत्यंत ही पुरानी कला है | आज विश्व ने योग के महत्व को जाना है | जो योग केवल साधु-संतो तक ही सीमित था वह योग घर-घर मे अपना स्थान बना चुका है | आज योग को लाखों लोगो ने अपने जीवनचर्या का अंग बना लिया है | आज के भोतिक युग मे मनुष्य शारीरिक व मानसिक रोगो का शिकार हो रहा है | आज के इस तनाव से भरे हुए जीवन मे योग अमृत के समान कार्य कर रहा है |

योग को चिकित्सा विज्ञान के विशेषज्ञों ने भी महत्व दिया है | उनके चिकित्सा परामर्श मे भी योग के अभ्यासो का परामर्श दिया जा रहा है | जो योग की महत्ता सिध्द करता है |विश्व के अनेक देशो ने योग को अपनाया है| योग के विभिन्न आयामो पर शोध कार्य किए जा रहे है | इस वजह से योग के प्रभाव को विश्व के अनेक देश मान्यता दे रहे है |

International Yoga Day in Hindi – वर्तमान भौतिक युग में योग को हर स्तर पर अपनाया जा रहा है | 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र  महासभा (UNO) ने प्रत्येक वर्ष 21 जून को अंतराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दी है |21 जून को विश्व योग दिवस के रूप मे मनाने के लिए विश्व के 177 देशो ने मान्यता प्रदान की थी |

यूनाईटेड नेशन ने योग के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए योग को एक समग्र दृष्टीकोण प्रदान किया | प्रस्ताव मे बताया की योग स्वास्थ्य के समस्त पक्षो मे संतुलन बनाकर मानव समाज का कल्याण करता है |योग को अंतराष्ट्रीय रूप से एक महा आयोजन के रूप मे सफल बनाने मे हमारे देश के यशस्वी प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का बहुत ही महत्वपूर्ण योग दान है | उन्ही के अथक प्रयासो से विश्व मे योग को महत्वपूर्ण दर्जा प्राप्त हुआ है |

21 जून 2015 से सम्पूर्ण विश्व में प्रथम अंतराष्ट्रीय योग दिवस मनांया गया |

21 जून 2015 को 192 देशो में योग का सफल आयोजन किया गया | इस आयोजन में 47 मुस्लिम राष्ट्रो की भी भागीदारी रही |

21 जून 2015 को दिल्ली में 35,000 से अधिक लोगो ने योग का एक साथ एक ही स्थान पर योग का अभ्यास किया गया | इस योग अभ्यास में 84 देशो के प्रतिनिधियो की मोजूदगी मे हुआ था |  भारत में 2 विश्व रेकॉर्ड बनाकर गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज किया था |

21 जून 2015 को सम्पूर्ण विश्व में लाखो लोगों ने रेकार्ड संख्या में योग के इस महायज्ञ मे भाग लिया |

इतनी बड़ी रेकार्ड संख्या में आज तक किसी भी शारीरिक अभ्यास को नहीं किया | अपने आप में यह एक विश्व कीर्तिमान है | जो हमारे भारत देश के लिए गौरव का विषय है | क्योकि योग का प्रादूर्भाव हमारे देश से ही हुआ है |

21 जून को ही योग दिवस क्यो मनाया जाता है – (Why is 21st June International Yoga Day?):21 जून का दिन ग्रीष्म संक्रांति के रूप मे जाना जाता है | यह वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है | इसलिए भी विश्व योग दिवस को 21 जून को मनाने का फैसला लिया गया |

प्रथम अन्तराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को सम्पूर्ण विश्व में मनाया गया |

International Yoga Day in Hindi:

इस वर्ष भी 21 जून 2023 को सम्पूर्ण विश्व मे योग के अभ्यास को किया जाएगा | मुख्य कार्यक्रम कर्नाटक के मैसूर मे आयोजित किया जाएगा |

कौनसा दिवस योग दिवस है?(What day is National Yoga Day?);

21 जून को राष्ट्रीय योग दिवस के रूप मे अपनाया जाता है |

21 June 2021 Yoga Day: 21 जून 2021 का योग दिवस कोविड निदान हेतु समर्पित किया गया था | वर्ष 2021 मे  योग को कोविड से सुरक्षा प्रदान करने हेतु अपनाने का आव्हान किया था |International Yoga Day 2022 theme:  21 जून 2022 को योग को  “मानवता” के लिए समर्पित किया गया है | 21 जून 2022 की थीम ‘Yoga for Humanity’ है |

International Yoga Day in Hindi :

योग केवल एक शारीरिक अभ्यास ही नहीं है एक आध्यात्मिक अभ्यास भी है | योग के माध्यम से शरीर ही नहीं मन, मस्तिष्क व आत्मा के बीच उचित संचालन बनाया जाता है |योग के माध्यम से शरीर को शारीरिक व मानसिक रोगो से मुक्त किया जाता है |योग की उत्पात्ति  संस्कृत के शब्द ‘युज’  से ही हुई है | यूज शब्द का अर्थ आत्मा को सार्वभोमिक चेतना से मिलाना है |  यही मनुष्य के जीवन का अंतिम लक्ष होना चाहिए |

वैदिक शास्त्रों के अनुसार योग का वेदो में उल्लेख मिलता है | अनेक पुरातत्व शास्त्रियों के अनुसार सिंधु घाटी की सभ्यता में अनेक योग करते हुए ध्यान करते हुए मूर्तिया प्राप्त हुई थी |योग को रोग की रोकथाम के लिए, स्वास्थ्य के संर्वधन के लिये व जीवन शैली के विकास के लिए जाना जाता है |

हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार योग को साधू, सन्यासियों व योगियों द्वारा पुरातन काल से ही अपनाया गया | वर्षो पूर्व यह एक गहन साधना/तपस्या का मुख्य भाग था | योग हजारो वर्षो पूर्व से अपनाया जा रहा है |योग के विभिन्न अंग होते है |

योग शास्त्र के अनुसार योग की विभिन्न प्रकार है :

हठ योग
मन्त्र योग
लय योग
राज योग

सार्वभोमिक रूप से योग के जनक महर्षि पाताजंलि माने जाते है |

आम तोर पर अनेक लोग योग को केवल शारीरिक व्यायाम ही समझते है | योग केवल एक शारीरिक अभ्यास नहीं है | अनेक व्यक्ति योग को केवल शारीरिक अभ्यास के रूप में ही अपनाते है | एक सामान्य व्यक्ति योग को केवल शारीरिक अभ्यास ही मानता है | किन्तु योग केवल शारीरिक अभ्यास नही है | योग के 8 अंग होते है |

योग के 8 अंग निम्नानुसार है :

यम – सत्य बोलना, अहिंसा, लालच न करना, विषयो के प्रति आसक्त  न होना | स्वार्थी नहीं होना |
नियम – पवित्रता, संतुष्टी, तपस्या, अध्ययन ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पण  होना है |
आसन – योग के विभिन्न अभ्यास |

प्राणायाम – सांस पर नियंत्रण के साथ विभिन्न अभ्यास |
प्रत्याहार – वाह्य जगत से अपने को दूर करना |धारणा – चित्त को किसी विचार से बढ़ लेना धारणा कहलाता है |
ध्यान – ध्यान का अभ्यास करना
समाधि – यह योग की चरम व् अंतिम स्थिति है |

योग के आठ अंगो की व्याख्या:

आष्टांग योग के अनुसार योग के प्रथम पाँच  अंग (यम, नियम, आसन, प्राणायाम तथा प्रत्याहार) बहिरंग के अंतर्गत आते है | इसी प्रकार योग के शेष तीन अंग (धारणा, ध्यान, समाधि) अतरंग के नाम से प्रचलित है | बहिरंग का अभ्यास सधने पर ही अतरंग की साधना का अभ्यास होता है |

यम ओर नियम शील व तपस्या के प्रतीक है |

भगवत गीता के अनुसार योग  के तीन अंग है :

कर्म योग – कर्म योग के अनुसार व्यक्ति अपने शरीर की सामर्थ के अनुसार कर्मो को शुद्धतापूर्वक करता है |

भक्ति योग – इसमें व्यक्ति ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए कीर्तन करना व ईश्वर का जाप करता है |

ज्ञान योग – इस योग के अनुसार मनुष्य अपने ज्ञान को बढ़ाना है |

योग किसने शुरू किया? (Who first started yoga?):

योग का प्रारम्भ 5000 वर्ष पूर्व दक्षिण भारत से हुआ योग के प्रारम्भ के बारे मे जानकारी ऋग्वेद मे मिलती है |ऋग्वेद चार वेदो मे से एक पुरातन वेद है | ये सभी वेद संस्कृत मे लिखे गए है |

विश्व प्रसिद्ध योग गुरु कौन है?(Who is famous Yoga  Gurus):

भारत देश ने विश्व को अनेक योग गुरु दिए है | जिनमे है बीकेएस अयंगर,  महर्षि महेश योगी, श्री श्री रविशंकर, बाबा रामदेव, विक्रम चौधरी  व इसके अतिरिक्त अनेक योग गुरु दिए है | इन योग गुरुओ ने सम्पूर्ण विश्व में देश का मान व गौरव बढ़ाया है |

योग को किसने विश्व प्रसिद्ध किया?(Who made yoga famous) :

योग को विश्व में प्रसिध्द करने का कार्य बीकेएस अयंगार, महर्षि महेश योगी, श्री श्री रविशंकर, बाबा रामदेव, एच आर  नागेन्द्र, श्रीमती हंसाजी जयदेव योगेन्द्र और स्वामी आत्माप्रियनन्दा को शामिल  व अनेक हजारो योगियों ने योग को प्रसिद्ध किया |

विश्व/हमारे देश के कौनसे योग गुरु प्रसिध्द है – (Top Yog Guru in India/World) :

त्रिर्युमलई कृष्णमूर्ति
स्वामी शिवानंद सरस्वती
बीकेएस  आयंगर
के पट्टा भी जोश
महर्षि महेश योगी
परमहंस योगेंद्र
बाबा रामदेव
बिक्रम चौधरी
इंद्रा देवी
तिरुमलाई कृष्णमाचार्य
वी कुमारा स्वामी

आधुनिक योग के प्रसिध्द योग गुरु (Who is the Modern Famous Yoga Guru?):

स्वाती सिंगढ़ा सुर (Swati Snigdha Suar) देश के विख्यात योग गुरु है | तिरुमलाई कृष्णामाचार्य (Tirumala iKrishnamacharya) को आधुनिक योग का पितामह कहा जाता है |

प्रसिध्द योग गुरु –(Famous Yoga Gurus)  :

हमारे देश मे अनेक योग गुरु हुए है | आजकल देश मे योग की शिक्षा का तेजी से प्रसार हो रहा है |इस वजह से हमारे देश मे हजारो योग गुरु देश की सेवा मे अपना योगदान दे रहे है |

इंदौर शहर मे योग का स्थान (International Yoga Day 2022)  :

इंदौर शहर को योग की राजधानी कहा जाय तो कोई अति नही होगी | इंदौर शहर मे अनेक योग केन्द्रो के माध्यम से योग का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है | 21 जून 2023 को इंदौर मे भी अनेक स्थानो पर हजारो लोग योग का अभ्यास करेगे |

कौनसी पुस्तक योग के प्रारम्भिक अभ्यास के लिए श्रेष्ठ है (Which Yoga Book is best for Beginners):

योग विद्यालय मुंगेर की आसन, मुद्रा व बंध, पातंजलि  योग सूत्र, पतांजल योग दर्शन, योग द्वारा स्वस्थ जीवन, योग साधना एवं योग चिकित्सा रहस्य, १२५ वर्ष स्वस्थ व निरोगी रहने का रहस्य, पूर्णायु  व अन्य योग विशेषज्ञों द्वारा अनेक पुस्तकों का लेखन किया गया है |

क्या योग हिन्दुत्व है?- (Is yoga a Hindu?):

योग की मूल जड़े भारतीय संस्कृति से जुड़ी हुई है | योग हिन्दू दर्शन मे निहित एक आध्यात्मिक अनुशासन है | यह सार्वभोमिक  रूपसे मानव समाज के सभी वर्गो के लिए उपलब्ध है |योग पर समस्त मानव जाति का अधिकार है | योग का मुख्य भाग आसन है | इसमे शरीर को विभिन्न आकृतियों मे आकार दिया जाता है | इसे हम योगाभ्यास कहते है |

योग के अभ्यास के नाम पशु, पक्षियो, वृक्षों  व अन्य प्राणियों के नाम पर है | ताड़ासन, कोणासन, भुजंगासन, तितली आसन, माउनटेंन पोज, सिंहासन व अन्य आसन |

कौनसा वेद योग की व्याख्या करता है?- (Which Veda is related to yoga?):

4 पुरातन वेदो मे से ऋग्वेद योग के बारे मे जानकारी उपलब्ध कराता है |

योग की कौनसी भाषा है?(What is the language of yoga?):

संस्कृत सभी भाषाओ की जनक है | योग की मूल भाषा भी संस्कृत है | किन्तु आजकल योग की जानकारी विश्व अनेक भाषाओ मे उपलब्ध है |

क्या योग का कोई ईश्वर है – (Does yoga have a God?):

विश्व की अदृश्य शक्ति सम्पूर्ण विश्व का संचालन कर रही है | इसी दिव्य शक्ति मे अपने को विलीन कर लेना ही योग का अंतिम लक्ष है | योग के साधक ईश्वर की पूजा के स्थान पर आत्म साक्षात्कार को अपने जीवन का लक्ष मानते है |

योग की खोज कब हुई – (When was yoga invented?):

योग व्यापक रूप से सिंधु सरस्वती घाटी की सभ्यता से है |  इसका प्रारम्भ 2700 ईसा पूर्व हुआ |

योग के मूल ग्रंथ के रचयिता कौन है? :

वैसे तो पुरातन काल से ही योग की साधना की जाती रही थी | किन्तु योग को सम्पूर्ण रूप से योग के मूल ग्रंथ के रूप मे पाताञ्जल योग दर्शनका लेखन महर्षि पाताञ्ज्ल ने किया था |

योग का जन्म स्थान क्या है?(International Yoga Day 2022):

ऋषिकेश योग का मूल स्थान है | इसे योग का जन्म स्थान भी कहा जाता है | योग का अभ्यास शरीर के साथ मन को भी स्वस्थ करता है |

इंदौर में योग की स्थापना कैसे हुई ?

इंदौर में योग का प्रारम्भ बहुत पहले ही हो गयी थी | किन्तु इसका विकास श्री जाम्बूलकर जी के माध्यम से डॉ आर सी वर्मा साहब के द्वारा की गयी | डॉ. वर्मा जी के द्वारा अनेक योग प्रशिक्षणों को तैय्यार किया गया | इंदौर में जो भी योग का विकास हुआ उसकी नीवं में डॉ. आर. सी .वर्मा साहब है | इस कार्य में उनके प्रमुख सहयोगी स्वंत्रता संग्राम सेनानी श्री रामप्रसाद जी आजाद, श्री मुरलीधर जी नेमा व अनेक योग साधक रहे है |
वर्तमान समय में डॉ बी. के. बांद्रे, श्री चन्द्रशेखर आजाद, डॉ. प्रकाश फणसे , डॉ. संजय लोंढे, डॉ. हेमंत शर्मा व अनेक योग विशेषज्ञ अपनी सेवाए दे रहे है |

हरी ओम योग केंद्र व योग मित्र मंडल व अन्य संस्थानों द्वारा श्रेष्ठ योग प्रशिक्षक तैय्यार किये जा रहे है |

इंदौर बहुत ही भाग्य शाली शहर है जहाँ हजारो की संख्या में योग शिक्षक है | इंदौर शहर में अनेक योग शिक्षण संस्थान व निशुल्क योग केंद्र संचालित हो रहे है |

योग मे कितने आसन होते है ?:

योग शास्त्र के अनुसार योग के चौरासी लाख आसन है |ये सभी आसन जीव जन्तुओ के नाम पर रखे गए है | किन्तु वर्तमान समय मे केवल 32 आसन ही प्रचलन मे है |

इसके साथ ही अनेक आसनो को विभिन्न आसन की खोज की है | जो समय व काल के अनुसार लाभदायी है |

योग करने के पहले कौनसा व्यायाम करना चाहिए?(Which Exercise should be done before doing Yoga):

योग प्रारम्भ करने के पहले शरीर संचालन के अभ्यास से योग का प्रारम्भ करना चाहिए |

सुबह उठकर कौनसा योग करना चाहिए?(Which Yoga Should be done after waking up in Morning):

सुबह  उठकर शरीर व मन को शांत रखने के लिए सूक्ष्म योग के अभ्यासो को करना चाहिए |

योग कितने मिनिट करना चाहिए?(How many minutes should you do Yoga):

योग के अभ्यास को प्रारम्भ मे 10 मिनिट से प्रारम्भ कर 1 घंटे तक करना चाहिए | योग के अभ्यास की अवधि को आपके शरीर की सामर्थ के अनुसार ही करना चाहिए |

 योग के अभ्यास कौन कौन सी बीमारियो मे लाभ देते है :

योग के अभ्यास अनेक बीमारियो  मे लाभ देते है | योग के अभ्यास को नियमित रूप से करने मे रोग के निदान मे मदद मिलती है | योग शरीर के साथ-साथ मन पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है |

योग के अभ्यास से शरीर की समस्त ग्रंथिया स्वस्थ होती है | इसके साथ ही योग के अभ्यास से आहार पर नियंत्रण आता है | व्यक्ति सकारात्मक आहार का ही सेवन करता है |

योग के अभ्यास को किसी अनुभवी योग प्रशिक्षक के मार्ग दर्शन मे ही करना चाहिए |

कभी भी ऐसे आसन मे अभ्यास नही करना चाहिए जिससे आपके शरीर को तकलीफ हो | यदि आपको किसी आसन मे बैठने मे तकलीफ होती है तो उस आसन का अभ्यास करे | केवल उसी आसन मे बैठकर अभ्यास करे जिसे  करने मे आसानी हो और आप सुविधाजनक हो |

ध्यान मे बाधक तत्व कौन सा है?(What is the obstacle to Meditation):

ध्यान मे बाधक तत्व राग, द्वेष, व मोह है | यदि ध्यान मे सफलता प्राप्त करनी है तो आपको  इनका त्याग करना चाहिए | यदि आप नियमित रूप से योग व ध्यान का अभ्यास करते है तो आपका आसानी से ध्यान लगने लग जाता है | क्योकि आत्मा ही शाश्वत सत्य है |

योग दर्शन साधना के कितने मार्ग है? (How many paths of Yog Darshan Sadhna are there):

योग साधाना को योग दर्शन मे हेय, हेय हेतु, हान और हानोपाय के रूप मे प्रस्तुत किया है |इन चार क्रमो  मे पुरुष दुःखो से मुक्ति पा जाता है | इसलिए योग मे इसे चतुव्यूवाद बोला गया हैइन चार क्रमो मे हम दुखो से मुक्त होते है | योग का यही परम उदेश्य है |

योग दर्शन के कुल कितने सूत्र होते है?(How many Sutras are there in yoga philosophy) ;

योग दर्शन मे 195 सूत्र है व कुल चार अध्याय है |

पातांजल योग सूत्र मे कितनी वृत्तिया बताई गई है?(Patanjal yog sutra in Hindi):

पातांजल योग सूत्र के अनुसार क्षिप्त, मूढ़, विक्षिप्त, निरुध्द व एकाग्र ये 5 प्रकार की वृत्तिया

बतलाई गई है | इन वृतियों को चित्तभूमि कहा जाता है |

पतंजलि ने चित्त की क्षिप्त, मूढ़, विक्षिप्त, निरुद्ध और एकाग्र ये पाँच प्रकार की वृत्तियाँ मानी है,

जिनका नाम उन्होंने ‘चित्तभूमि’ रखा है।

योग की मुसलमानो मे स्वीकार्यता (Do Muslims in India do yoga):

योग को वैसे सभी धर्मो मे स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए स्वीकार किया है | किन्तु कुछ रूढ़ीवादी मुसलमानो ने इसका विरोध किया है | उनका विरोध का कारण इसे हिन्दू धर्म का अंग बताना है |किन्तु यह तो मानव कल्याण करने वाली अनमोल व्यायाम की विधि है | योग का वैज्ञानिक आधार है |

आयुष मंत्री श्री पद नाईक ने मुसलमानो को योग के श्लोक के स्थान पर अल्लाह का नाम लेने का सुझाव दिया है | ताकि उनके धर्म के अनुसार योग किया जा सके |

योग की मुस्लिम देशों मे स्वीकार्यता(Is Yoga accepted in Muslim Country):

विश्व के अनेक मुस्लिम देशों मे योग को सहजता के साथ स्वीकार किया है | विश्व के अनेक मुस्लिम देशों मे योग को अपनी जीवनचर्या का अंग बनाया है |

इस प्रकार हम देखते है की योग सम्पूर्ण मानव समाज के लिए एक अनमोल देन है |

योग करने हेतु आवश्यक सावधानी(Necessary Precautions to do Yoga ):

  • योग को कभी भी देखा-देखी या बिना प्रशिक्षक के नही करना चाहिए | योग काअभ्यास किसी कुशल योग प्रशिक्षक के मार्ग दर्शन मे ही करना चाहिए |
  • योग के अभ्यास को अपने शरीर की सीमा मे ही करना चाहिए |
  • योग को करने के पूर्व मल-मूत्र व प्रातकालीन कर्मो से मुक्त हो कर ही करना चाहिए |
  • योग का अभ्यास खाली पेट ही करना चाहिए |
  • योग का अभ्यास भोजन करने के 5-6 घंटे बाद ही करना है |
  • योग का अभ्यास किसी आसन पर बैठ कर ही करना चाहिए |
  • योग का अभ्यास शुध्द हवा मे ही करना चाहिए |

Lifestyleexpert125.com

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