चाय को अमृत बनाये Benefits of Milk Tea

Benefits of Milk Tea

चाय को अमृत बनाये Benefits of Milk Tea

चाय को अमृत बनाये Benefits of Milk Tea – Dr.Jagdish Joshi, Lifestyle Expert 125

Benefits of Milk Tea
Benefits of Milk Tea

आओ चाय को अमृत बनाए | प्राय चाय को नकारात्मक पेय के रूप मे जाना जाता है | इस वजह से अनेक लोग चाय का सेवन ही नहीं करते है | किन्तु यह पूर्ण रूप से सही नही है | चाय हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाती है यह आंशिक रूप से सही है |

यदि आप सामान्य रूप से पी जाने वाली चाय ज्यादा मात्रा मे सेवन करते है तो निश्चित ही चाय आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुचाती है | अधिक चाय पीने से व्यक्ति ऐसिडिटी व कब्ज व अनेक रोगो का शिकार हो जाता है |

कहते है ना की ऐसिडिटी सर्दी से लेकर केन्सर रोग का कारण है | इसलिए ऐसिडिटी को हल्के मे लेने का प्रयास न करे | यदि आप किसी गंभीर रोग की जड़ मे जाएगे तो निश्चित ही ऐसिडिटी का रोग मिलेगा |

दूध वाली चाय के फायदे (Benefits of Milk Tea):

सामान्य रूप से हमारे देश मे दूध वाली चाय का सेवन किया जाता है | किन्तु चाय का वास्तविक स्वरूप बिना दूध के बनने वाली चाय है | चाय की पत्ती को गरम पानी मे डालकर सेवन किया जाता है |

किन्तु यदि हम दूध वाली चाय में यदि कुछ खाद्य पदार्थो का प्रयोग करते है तो निश्चित ही चाय के गुणों मे चमत्कारिक रूप से वृध्दी हो जाती है | इसके गुणो मे स्वास्थ्य प्रदान करने वाली वृध्दी होती है |

चाय पीने के लाभ(Health Benefits of Drinking Tea) :

चाय मे निम्न लिखित गुण पाये जाते है –
चाय मे एंटी आक्सीडेंट तत्व पाये जाते है |
चाय मे काफी की तुलना मे कैफीन की मात्रा कम पायी जाती है |
चाय के सेवन से ह्रदय रोग व स्ट्रोक की संभावना कम हो जाती है |
चाय हड्डियों को सुरक्षा प्रदान करती है |
चाय के सेवन से तुरंत ऊर्जा प्राप्त होती है |
चाय के सेवन से जीवन शक्ति मे वृध्दी होती है |
चाय केन्सर से सुरक्षा प्रदान करती है |
चाय का सेवन शरीर को पानी से भरपूर (Hydrant) रखता है |

चाय पीने के नुकसान (Disadvantage of Tea):

चाय को यदि आप सीमित मात्रा मे सेवन करते है तो चाय ओषधि का कार्य करती है | वही यदि आप चाय की अत्यधिक मात्रा का सेवन करते है तो चाय कब्ज व ऐसिडिटी के साथ-साथ अनेक रोगो का शिकार बना देती है |

क्या रोज चाय पीना अच्छा है?(Benefits of Drinking Tea Every Day):

रोज चाय पीने से कोई नुकसान नही है | यदि इसकी सिमित मात्रा का सेवन किया जाय |

चाय के फायदे और नुकसान(Tea Benefits and Side Effects):

चाय की उचित मात्रा लाभ देती है | वही चाय की अत्यधिक मात्रा स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुचाती है |(Disadvantages of Tea) ज्यादा चाय पीने से तनाव, अनिद्रा, पाचन संबन्धित रोग व अन्य रोगो का शिकार हो जाते है | इसलिये चाय की उचित मात्रा का ही सेवन करना चाहिए |

कौनसी चाय स्वास्थ के लिए लाभदायी है?(Which Tea has most Health Benefits):

तो आईये चाय को कैसे अमृत बनाये? इस विषय पर जानते है | यदि हम चाय को बनाते समय उसमे अपने शरीर की प्रकृति के अनुसार निम्न लिखित खाद्य पदार्थो मे से कुछ पदार्थो का प्रयोग करते है तो तो चाय एक दिव्य पेय बन जाती है |

अदरक वाली चाय (Benefits of Milk Tea) – अदरक का सेवन चाय को सर्दी खांसी से मुक्ति करता है | अदरक मे भूख बढ़ाने वाले तत्व होते है | इसलिये ठंड व बारिश मे मौसम मे अदरक का प्रयोग करना चाहिए |

किन्तु जिनकी प्रकृति गरम है उन्हे अदरक का सेवन नही करना चाहिए |

लेमन ग्रास वाली चाय(Benefits of Milk Tea) – लेमन ग्रास भी एक तरह की ओषधि है | इसके सेवन से आप चाय को ओषधि गुण प्रदान कर सकते है | इसके चाय मे उपयोग करने से चाय का स्वाद भी बढ़ जाता है |

लेमन ग्रास मे एंटी आक्सीडेंट गुण पाये है | लेमन ग्रास दर्द, बुखार व सूजन दूर करती है | रक्त शर्करा के स्तर को उचित लेवल पर रखती है |कोलेस्ट्राल को उचित स्तर पर रखती है | महिलाओ के मासिक धर्म संबन्धित तकलीफों को भी दूर करती है |

तुलसी वाली चाय (Benefits of Milk Tea) – तुलसी के गुणो को हम बरसो से जान रहे है | तुलसी मे अनेक दिव्य गुण पाये जाते है | इसलिए ठंड व बारिश के मौसम मे चाय मे तुलसी का प्रयोग अवश्य करना चाहिए | तुलसी के प्रयोग से आप सर्दी व खांसी से सुरक्षित रहते है |

तुलसी मे प्राकृतिक रूप से जीवनी शक्ति बढ़ाने वाले गुण होते है | तुलसी का सेवन बुखार व दर्द दूर करता है | तुलसी का सेवन तनाव, ह्रदय रोग, मधुमेह व अनेक रोगों को दूर करने के गुण पाये जाते है |

अश्वगंधा वाली चाय : अश्वगंधा का प्रयोग चाय को स्वाद प्रदान करने के साथ-साथ स्वास्थ प्रदान करने वाली बना देता है |

आप अश्वगंधा को पावडर के रूप मे या पत्ती के रूप मे प्रयोग मे ला सकते है | आप अश्वगंधा के पोधे को अपने घर पर गमले पर लगा सकते है | अश्वगंधायुक्त चाय का सेवन कर आप शरीर मे अपार ऊर्जा का अनुभव करते है |

अश्वगंधा के सेवन से तनाव दूर होता है | मांसपेशियो को ताकत मिलती है | यौन शक्ति मे वृध्दी होती है | टेस्ट्रोरोन हार्मोन्स मे भी वृध्दी होती है | मस्तिष्क की क्षमता का विकास करती है | ह्रदय को स्वस्थ रखती है |

नर्सरी मे अश्वगंधा का पोधा मिलता है | आप इसे आसानी से घर पर भी गमले मे लगा सकते है | जिस प्रकार से हम चाय मे तुलसी के पत्ते का प्रयोग करते है उसी प्रकार आप अश्वगंधा के पत्ते का चाय मे आसानी से प्रयोग कर सकते है | एक कप चाय के लिए एक अश्वगंधा का पत्ता पर्याप्त है

बाजार मे अश्वगंधा का पावडर भी आसानी से मिल जाता है | आप इस पावडर की चुटकी भर मात्रा का चाय मे प्रयोग कर सकते है |

इलायची वाली चाय  :इलायची वाली चाय का सेवन एक आनंद दायी स्वास्थ प्रदान करता है | जिन लोगो की प्रकृति गरम होती है उनके लिए इलायची एक श्रेष्ठ आहार है | किन्तु जिनकी प्रकृति ठंडी होती है जिन्हे जल्दी सर्दी-खांसी होती है उन्हे इलायची का सेवन नही करना चाहिए | इलायाची के प्रयोग से चाय का स्वाद बहुत बढ़ जाता है |

इलायची मे एंटी इन्फ्लेमेटरी व एंटी आक्सीडेंट गुण पाये जाते है | इस वजह से हम अनेक गंभीर रोगों से सुरक्षित रहते है |

दालचीनी : चाय मे दाल चीनी का प्रयोग चाय को स्वाद के साथ-साथ हमे स्वस्थ बनाता है | दालचीनी में एंटी आक्सीडेंट व एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाये जाते है | दालचीनी के सेवन से ह्रदय रोग का खतरा भी टलता है | दालचीनी के सेवन से कोलेस्ट्रॉल भी उचित स्तर पर रहता है | सर्दी-खांसी से सुरक्षा हो जाती है |

मुलेठी वाली चाय : चाय मे मुलेठी पावडर चाय के गुणों को बढ़ा देता है |मुलेठी में एंटी इंफेलेंमेटरी, एंटी बैक्ट्रिरियल गुण पाए जाते है | इसके साथ ही मुलेठी के सेवन से गले से सम्बंधित रोग व पाचन सम्बंधित रोग दूर होते है |

सर्दी-खांसी से सुरक्षित रखने वाली आयुर्वेदिक चाय :

यदि आप चाय मे आयुर्वेदिक चूर्ण बना कर प्रयोग करते है तो यह चाय ओषधि बन जाती है | इस चाय का प्रयोग लाखो लोगो ने किया व परिवार को सर्दी-खांसी से मुक्त किया |

इस आयुर्वेदिक फार्मूले को आप आप अपने घर पर ही आसानी से बना सकते है | इस आयुर्वेदिक चाय के बारे मे आप ब्लॉग मे दिए गए लेख के माध्यम से विस्तार से जान सकते है |

विशेष सावधानी: चाय के संबध में जानकारी विस्तार से चिकित्सा के मान दंडो के अनुसार दी गयी है | आपको उक्त तथ्यों के आधार पर चाय व उसमे प्रयुक्त खाद्य पदार्थो का प्रयोग करना चाहिए | उक्त जानकारी सामान्य स्वास्थ्य के अनुसार दी गयी है |

 

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