खीर खाने के फायदे Kheer Khane Ke fayde

Health Benefits of Eating Kheer in Hindi

खीर खाने के फायदे Health Benefits of Eating Kheer in Hindi

खीर खाने के फायदे Health Benefits of Eating Kheer in Hindi – Dr.Jagdish Joshi, Lifestyle Expert 125

Health Benefits of Eating Kheer in Hindi

Health Benefits of Eating Kheer in Hindi – हमारी भारतीय परंपरा मे श्राध्द पक्ष से खीर (Payasam) सेवन करने का नियम है | हम श्राद्ध पक्ष मे अपने पूर्वजो को खीर के प्रसाद का भोग लगाते है | खीर का सेवन हम श्राध्द से लेकर शरद पूर्णिमा तक सेवन करते है |

इसके अतिरिक्त शादी, सगाई, उपनयन संस्कार, भगवान के प्रसाद के रूप मे खीर को बनाया जाता है | खीर को मिष्ठान के रूप मे, प्रसाद के रूप मे आयुर्वेदिक दवा के रूप मे सेवन किया जा सकता है|

खीर मे क्या-क्या ओषधीय गुण पाये जाते है | इसका क्या चिकित्सकीय महत्व है? इसके बारे मे हमे विस्तार से जानकारी होनी चाहिए | ताकि हम इसका सेवन कैसे करे? कब करे? के बारे मे जानकारी प्राप्त हो सके |

खीर के विभिन्न कितने प्रकार है? हम किस-किस प्रकार की खीर का सेवन कैसे कर सकते है |खीर कितने प्रकार की होती है (Payasam) :

चावल की खीर

साबूदाने के खीर (Sabudana Kheer)

मोरधन की खीर

लोकी की खीर

उड़द की दाल की खीर

कद्दू की खीर

आखिर खीर खाने का क्या वैज्ञानिक महत्व क्या है’?:

चावल की खीर (Rice Kheer):

बारिश के मौसम मे वातावरण मे मच्छर बहुत अधिक संख्या मे होते है | इस वजह से व्यक्ति के अस्वस्थ होने व शरीर मे बेक्टरिया फैलने की पूर्ण संभावना रहती है |

यदि हमारा शरीर व हमारी जीवनी शक्ति मजबूत है तो हम मलेरिया के शिकार नही होगे | इस मौसम मे शरीर मे पित्त बढ़ा हुआ रहता है | किन्तु इस मौसम मे हम खीर का नियमित रूप से सेवन करते है तो निश्चित ही शरीर मे पित्त की मात्रा नही बढ़ेगी | जब शरीर मे पित्त की मात्रा बढ़ी हुई नही होगी तो हम मलेरिया के शिकार नही होगे |

शरीर का असन्तुलित पित्त ही समस्त रोगो का कारण है?:

यदि हमारे शरीर मे पित्त बढ़ा हुआ होगा तो निश्चित ही हम मलेरिया के शिकार होगे |

किन्तु यदि हम नियमित रूप से खीर का सेवन करते है तो हमारा पित्त संतुलित अवस्था मे रहता है | इस प्रकार हम मलेरिया से सुरक्षित रहेगे |

आखिर हमारे शरीर मे पित्त का संतुलन कैसे बिगड़ता है ?

बारिश के मौसम के बाद तेज धूप होती है | क्योकि आसमान मे बादल व वातावरण मे धूल नही होती है इस वजह से हमारे शरीर मे पित्त की मात्रा बढ़ जाती है |

बारिश के बाद अपने घरो के आसपास गद्दे पानी के भरे हुए होते है | इस वजह से मच्छरों की संख्या बहुत अधिक हो जाती है |

शरद पूर्णिमा को खीर खाने का महत्व:

दूध की खीर के फायदे(Milk Kheer Benefits):

हमारे शरीर मे पित्त की वृध्दि न हो इस उदेश्य से हम शरद पूर्णिमा के दिन चादनी रात मे चांदी के बर्तन मे खुले हुए खीर को रखते है | ताकि चंद्रमा की शीतल किरणे खीर को शीतलता प्रदान कए | जिससे हम पित्त के शिकार न हो |

रोग निवारंक खीर बनाने मे क्या-क्या सावधानी रखे?:

जब भी हम इन अवसरो पर खीर बनाए तो उसमे केसर व ड्राय फ्रूट्स का प्रयोग न करे | क्योकी इस अवधि मे शरीर मे पित्त को संतुलित करना होता है | किन्तु यदि हम इस अवसर पर खीर मे सूखे मेवो या केशर का प्रयोग करते है तो खीर गर्म प्रकृति की हो जाती है | श्राद्ध से लेकर शरद पूर्णिमा की अवधि के दौरान शरीर मे पित्त अधिक रहता है | तो ऐसी अवस्था मे क्या सूखे मेवो का प्रयोग करना उचित है? कदापि नही | आप अन्य मौसम मे केशर व ड्राय फ्रूट्स का खीर मे प्रयोग कर सकते है |

खीर खाने से क्या लाभ होता है ?

खीर का सेवन पित्त का शमन करता है | बारिश के बाद शरीर मे पित्त की अधिकता हो जाती है | इस वजह से शरीर के अस्वस्थ (मलेरिया व अन्य प्रकार के बुखार) होने की पूर्ण संभावना हो जाती है | किन्तु खीर का सेवन करने से बीमारी की आशका कम हो जाती है | क्योकि हमारे शरीर मे पित्त की मात्रा संतुलित मात्रा मे होती है |

शरद पूर्णिमा मे खीर खाने का क्या महत्व है(Which Kheer is Healthy):

हमारी भारतीय संस्कृति मे खीर खाने का बहुत महत्व है | शरद पूर्णिमा की रात मे चंद्रमा अपनी सम्पूर्ण कलाओ से पूर्ण होता है | खीर को कुछ घंटो तक चंद्रमा की रोशनी मे रखकर सेवन करने से तन व मन को शीतलता मिलती है | ऐसी मान्यता है की शरद पूर्णिमा के अवसर पर चांदनी मे राखी हुई खीर अमृत के समान हो जाती है |

क्या खीर आसानी से पच जाती है? (Is kheer easy to digest):

इसके साथ ही खीर का वैज्ञानिक महत्व भी है | जब दूध को कुछ समय के लिए वातावरण मे छोड़ दिया जाता है तो लेक्टिक ऐसिड को उत्तेजित करता है | इस कारण सकारात्मक बेक्टरिया उत्पन्न होते है | इस प्रकार से तैयार की गई खीर हमे स्वास्थ प्रदान करती है | खीर आसानी से पच जाती है |

क्या खीरे खाने से वजन बढ़ता है (Which Kheer is good for weight loss):

यदि हम दूध, चावल व सूखे मेवो की खीर का सेवन करते है तो निश्चित रूप से वजन बढ़ता है |

यदि आप खीरा के आनंद के साथ-साथ वजन को भी नियंत्रित रखना चाहते है तो आपको कम फेट वाले दूध से खीर बनाना है | खीर मे सूखे मेवो का प्रयोग नही करना है | खीर मे शक्कर की मात्रा उचित रखना है | इस प्रकार की खीर का सेवन कर आप आसानी से वजन भी कम कर लेगे व खीर का आनंद भी ले पायेगे |

शरद पूर्णिमा की खीर मे क्या-क्या डालना चाहिए?;

शरद पूर्णिमा की खीर मे इलायची, गाय का घी, चावल व शक्कर का प्रयोग करना चाहिए | क्योकि यदि हम शरद पूर्णिमा के अवसर पर बनायी जाने वाली खीर मे सूखे मेवो व केशर का प्रयोग करते है तो खीर की प्रकृति गरम हो जायगी | हमारा उदेश्य खीर को शीतलता से परिपूर्ण करना है | ताकि हमारे शरीर मे शीतलता आये और हमारे शरीर मे पित्त भी संतुलित मात्रा मे रहे |

एक कटोरी खीर मे कितनी कैलोरी होती है?( Nutrients in Kheer)

एक कटोरी खीरे मे सामान्यतः 235 कैलोरी होती है | इसमे 122 कैलोरी कार्बोहाईड्रेट, 24 कैलोरी प्रोटीन और 73 कैलोरी वसा होती है | जो एक सामान्य व्यक्ति की आवश्यकता का 12 प्रतिशत प्रदान करती है |

प्रग्नेंसी मे खीर खा सकते है? (Kheer in Pregnancy):

हाँ गर्भावस्था मे खीर खा सकते है | ध्यान रखे इस खीर मे अत्यधिक केसर का प्रयोग नही करना है | क्योकि केशर की प्रकृति गरम होती है | इसके साथ ही शक्कर का उचित मात्रा मे ही सेवन करना है |

खीर मे पाये जाने वाले पोषक पदार्थ (What are the Nutrients Present in the Kheer):

खीर मे स्टाचे पर्याप्त मात्रा मे होता है | जो शरीर के स्वास्थ्य को लाभ देता है | इसके सेवन से आंतों की सक्रियता बढ़ती है | इससे आंते स्वस्थ होती है | इसके सेवन से सूजन दूर होती है | इसके सेवन से शरीर सम्पूर्ण रूप से पोषण प्राप्त होता है | इसका सेवन अस्थमा रोगियो को भी लाभ देता है | इसलिये शरद पूर्णिमा को ओषधीय युक्त खीर का सेवन अस्थमा रोगियो को करवाया जाता है |

खीर मे पाये जाने वाले पोषक तत्व (What are the nutrients present in kheer) :

खीर मे विटामिन सी व ए भी पाया जाता है | इसके साथ ही खीर केल्शियम का भंडार है |

कौनसी खीर स्वास्थ्य को ज्यादा लाभ देती है (Which kheer is Healthy) :

यदि आप बाउन राईस की खीर का सेवन करते है तो वजन नही बढ़ता है | बाउन राईस की खीर फोलेट, विटामिन बी, आयरन, मेग्नेशियम, सेलिनियम व अन्य पोषक तत्व पाये जाते है |

खीर के लिए आवश्यक सामग्री (Kheer recipe) :

खीर का मुख्य तत्व दूध होता है | खीर बनाने मे चावल/मौरधन/साबुदाना/उड़द की दाल/कद्दू/लोकी/मखाने की खीर बनाई जाती है | इसके साथ ही इसमे शक्कर भी एक महत्वपूर्ण घटक होता है | इसके स्वाद व इसके पोष्टिक बनाने के लिए इसमे केशर, इलायची, बादाम, पिस्ता, चारोली, जायफल व अन्य खाद्य पदार्थ

विभिन्न प्रकार की खीर व उसके लाभ :

दूध चावल की खीर :

सामान्य तह: प्रयोग मे लायी जाने वाले खीर है | इसका सेवन पित्त को संतुलित करने मे किया जाता है | श्राद्ध व शरद पूर्णिमा के अवसर पर इसका सेवन किया जाता है |

साबूदाने के खीर (Sabudana Kheer):

साबुदाना खीर का सेवन शरीर की कमजोरी व अस्वस्थता की स्थिति मे किया जाता है | यह आसानी से पचने वाली खीर है |

मोरधन की खीर (Which Kheer is best for Weight Loss):

मोरधन की खीर भी आसानी से पच जाती है | इसका सेवन कमजोर पाचन वाले या उपवास के दौरान के दौरान इसका सेवन किया जाता है | इस खीर के सेवन से वजन को आसानी से कम किया जा सकता है |

लोकी की खीर(Which Kheer is best for Weight Loss):

लोकी की खीर भी आसानी से पचने वाली खीर है | इसमे लोकी के साथ सूखे मेवो का भी प्रयोग किया जा सकता है |

उड़द की दाल की खीर:

उड़द की दाल की खीर शरीर को वीर्यवान बनाती है | इसका सेवन शरीर की यौन शक्ति को बढ़ाता है | उड़द की दाल की खीर मे दूध, घी, सूखे मेवे, केशर व इलायची का प्रयोग करना चाहिए |

उड़द की दाल की खीर का सेवन ठंड के मौसम मे किया जाता है | इसके सेवन के बाद पर्याप्त शारीरिक श्रम करना होता है |

कद्दू की खीर:

कद्दू की खीर आसानी से पचने वाली खीर है | इस खीर मे भी सूखे मेवो का प्रयोग किया जा सकता है |

आयुर्वेदिक ओषधि से युक्त खीर (Kheer benefits in Ayurved):

शरद पूर्णिमा के दिन कुछ विशेष ओषधि से युक्त खीर का सेवन किया जाता है | उक्त खीर के माध्यम से दमा ठीक होता है | अनेक परमार्थिक ट्रस्ट शरद पूर्णिमा के दिन ओषधियुक्त खीर का वितरण करते है |

विशेष सावधानी” आप उपरोक्त खीर मे से जो भी आपकी प्रकृति के अनुसार आप खीर का चुनाव का स्वास्थ लाभ ले सकते है | आपको अपने शरीर के स्वास्थ्य के अनुसार ही खीर का सेवन करना है |

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