वज्रासन आसन एक लाभ अनेक Benefits of Vajrasana in Hindi

Benefits of Vajrasana in Hindi
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वज्रासन (Vajrasan in Hindi) वज्रासन आसन एक लाभ अनेक  Benefits of Vajrasan in Hindi  वज्रासन का अर्थ “बलिष्ठ या बलवान” होता है वज्रासन ही एक ऐसा आसन है जो नाश्ता करने के बाद या भोजन उपरांत भी किया जा सकता है।  वज्रासन करने से हमारा शरीर बलिष्ठ बलवान और ताकतवर बनता है वज्रासन करने से  पाचन शक्ति (Constipation remedies) मजबूत होती हैं इस आसन के लगातार अभ्यास से स्त्री और पुरुष के प्रजनन अंगों (Generative Organ Male) पर प्रभावी असर पड़ता है।

Benefits of Vajrasana in Hindi
Benefits of Vajrasana in Hindi

वज्रासन के बारे मे जानने योग्य बाते (Benefits of Vajrasana in Hindi):

वज्रासन के नियमित अभ्यास से शरीर वज्र के समान शक्तिशाली होता है |

बाबा रामदेव भी वज्रासन के महत्त्व को बताते है (By Baba Ramdeo):

बाबा रामदेव भी पाचन संबन्धित रोगो मे वज्रासन के महत्व को बताते है |

वज्रासन की विधि  How to do Vajrasana Yoga (Vajra Pose):

एक सुविधाजनक व स्वच्छ स्थान पर कम्बल या आसन बिछाए। दोनों पैर सामने की तरफ फैलाकर बैठ जाए।

अब बाएं पैर के घुटने को मोड़कर इस तरह बैठे के पैरो के पंजे पीछे और ऊपर की और हो जाए।

अब दाएं  पैर का घुटना भी मोड़कर इस तरह बैठे के पैरो के पंजे पीछे और ऊपर की और हो जाए और नितम्ब दोनों एड़ियों के बीच आ जाए।

दोनों पैर के अंगूठे एक दूसरे से मिलाकर रखे। दोनों एड़ियो में अंतर बनाकर रखे और शरीर को सीधा रखे।

अपने दोनों हाथो को घुटने पर रखे और धीरे-धीरे शरीर को ढीला छोड़े।

आँखे बंद रखे और धीरे-धीरे लम्बी गहरी साँसे ले और छोड़े।

वज्रासन कितने समय तक करे (Time duration of Vajrasna) :

इस आसन को आप जब तक आरामदायक महसूस करे तब तक कर सकते हैं। शुरुआत में केवल 2 से 5 मिनिट तक ही करे।

इसका नियमित अभ्यास हो जाने के बाद आप इसे 30 मिनट तक इस आसन में बैठ सकते हैं।

खाना खाने के बाद कौनसा आसन करना चाहिए (Is Vajrasan is Good after Meal):

खाना खाने के बाद किया जाने वाला एक मात्र आसान वज्रासन है | इसे भोजन के बाद भी किया जा सकता है |

भोजन के बाद वज्रासन करने का महत्त्व (After Lunch/ Dinner & Vajrasan after eating):

भोजन करने के 5 मिनिट बाद  यदि आप वज्रासन मे बैठते है तो भोजन के पाचन मे मदद मिलती है |

यदि आप वज्रासन के अभ्यास के दौरान अपना दाया स्वर अर्थात सूर्य स्वर चलाते है तो भोजन के पाचन मे आसानी हो जाती है | इसलिए वज्रासन करते समय अपने बाए स्वर को बंद कर दे व दाया स्वर चलने दे |

वज्रासन की समय सीमा वज्रासन सुबह खाली पेट भी किया जा सकता है और भोजन के बाद भी किया जा सकता है।

वज्रासन से अतिरिक्त लाभ (Additional Benefits from Vajrasan) :

शुरुआत मेँ वज्रासन तीन से पाँच मिनट तक करना चाहिए। अभ्यास हो जाने पर इसे अधिक समय तक (तीस मिनट तक) भी किया जा सकता है। पैर दुखने लगें या कमर दर्द होने लगे उतनी देर तक वज्रासन मेँ नहीं बैठना है।

वज्रासन के लाभ (Vajrasan ke fayde in Hindi me) :

वज्रासन के अभ्यास से पेट की चर्बी कम होती है | क्योकि वज्रासन से पाचन अग्नि तेज होने से चर्बी कम होती है |

वज्रासन का अभ्यास शरीर को सुडोल बनाता है और वजन कम (Obesity Treatment) करने में सहायक  हैं।

वज्रासन के अभ्यास से महिलाओ में मासिक धर्म की अनियमितता दूर होती हैं।

वज्रासन के अभ्यास (Vajrasan Practice) रीढ़ की हड्डी मजबूत होती हैं और मन की चंचलता को दूर कर एकाग्रता बढ़ाता हैं।

वज्रासन का अभ्यास अपचन, गैस, कब्ज(Constipation and gas) इत्यादि विकारो को दूर करता हैं और पाचन शक्ति बढ़ाता हैं।

वज्रासन का अभ्यास प्रजनन प्रणाली को शक्तिशाली बनाता हैं।

वज्रासन का नियमित अभ्यास सायटिका मे लाभ देता हैं।

यदि आप इस आसन का नियमित अभ्यास करते है तो  घुटनो में दर्द, गठिया होने से बचा जा सकता हैं।

वज्रासन का अभ्यास पैरो की मांसपेशियों से जुडी समस्याओ में लाभ देता हैं।

वज्रासन मे धीरे-धीरे लम्बी गहरी साँसे लेने से फेफड़े मजबूत होते हैं।

वज्रासन से नितम्ब, कमर,और जांघ  पर जमी हुई अनचाही चर्बी कम हो जाती हैं।

वज्रासन का अभ्यास उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करता है।

वज्रासन कैसे काम करता है ?

जब आप वज्रासन करते है तो कमर के निचले भाग मे रक्त का संचार नही होता है | जब हमारे कमर के ऊपरी भाग मे रक्त का संचार होता है तो हमारे पाचन अंगो को भरपूर रक्त मिलता है | आईएएस वजह से हमारी आंते, लीवर व अन्य पाचक अंग अपनी पूर्णक्षमता से कार्य करते है | इस वजह से वज्रासन को अपनी जीवनचर्या का अंग बनाना चाहिए |

वज्रासन मे कितनी देर तक बैठना चाहिए ?:

वज्रासन के अभ्यास को 5 मिनिट से लेकर 30 मिनिट तक किया जा सकता है | सामान्य रूप से 5 मिनिट तक वज्रासन करना पर्याप्त है | किन्तु यदि आपके पैरों मे लचीलापन है तो आप इस आसन की अवधि को बढ़ा सकते है |

रात मे खाना खाने के बाद कौनसा योग करना चाहिए ?:

रात मे खाना खाने के बाद वज्रासन किया जाना चाहिए |  रात के समय जब हमारी पाचन अग्नि मंद होने से पाचन प्रभावित होता है | किन्तु यदि आप रात के भोजन के बाद वज्रासन करते है तो पाचन आसान हो जाता है | भोजन का पाचन अच्छी तरह से होने से आप पाचन संबन्धित रोगो से मुक्त हो जाते है | 

वज्रासन कब नही करना चाहिए :

वज्रासन के अभ्यास को 5 मिनिट से लेकर 30 मिनिट तक किया जा सकता है | सामान्य रूप से 5 मिनिट तक वज्रासन करना पर्याप्त है | किन्तु यदि आपके पैरों मे लचीलापन है तो आप इस आसन की अवधि को बढ़ा सकते है |

यदि घुटनों मे दर्द है, साईटिका रोग, घुटने की समस्या, रीढ़ के रोग व पैरो के लचीलेपन के अभाव मे नही करना चाहिए |

वज्रासन में सावधानियां  (Precaution /Side Effect of Vajrasana):

वज्रासन का अभ्यास (Vajrasan Practice) यदि आप वज्रासन के अभ्यास के दौरान अपना दाया स्वर अर्थात सूर्य स्वर चलाते है तो भोजन के पाचन मे आसानी हो जाती है | इसलिए वज्रासन करते समय अपने बाए स्वर को बंद कर दे व दाया स्वर चलने दे |

वज्रासन की समय सीमा वज्रासन सुबह खाली पेट भी किया जा सकता है और भोजन के बाद भी किया जा सकता है। करते समय यदि चक्कर आनें लगे (Vertigo), पीठ दर्द होने लगे, टखनें दुखने लगें (Ankle pain during Vajrasan), घुटनें या शरीर के किसी भी अन्य जोड़ अधिक दर्द करें लगे तो फौरन इस आसन का अभ्यास रोक दें।

एड़ी के रोग से पीड़ित व्यक्ति वज्रासन न करे।

गर्भवती महिलाओं (Pregnant Lady) को वज्रासन बिलकुल नहीं करना चाहिए।

मासिक धर्म की अवस्था मे (Vajrasan During Period) ;

मासिक धर्म की अवस्था मे वज्रासन नही करना चाहिए |

कभी भी वज्रासन जल्दबाज़ी में नहीं करना चाहिए।

टखनें, घुटनें, या एड़ियों पर किसी भी तरह का ऑपरेशन कराया हों, उन्हे वज्रासन बिलकुल नहीं करना चाहिए।

हड्डियों मेँ कम्पन की बीमारी वाले व्यक्ति को यह आसन नहीं करना चाहिए।

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