डेंगू बुखार से सुरक्षा व उपचार Dengue Symptoms & Treatment in Hindi
Dengue Symptoms & Treatment in Hindi by Dr.Jagdish Joshi, Lifestyle Expert 125
Dengue Symptoms & Treatment in Hindi – दुनिया मे प्रतिवर्ष लाखो लोग डेंगू के शिकार होते है | डेंगू बुखार एक विशेष प्रजाति के मच्छर के काटने से होता है | डेंगू मच्छर का सर्वाधिक दस वर्ष से कम उम्र के बच्चो पर सर्वाधिक रहता है | डेंगू की वजह से 6 से 30 प्रतिशत मृत्यु की संभावना रहती है |मानसून के बाद डेंगू के मच्छर वातावरण में पैदा हो जाते है |(dengue-fever-symptoms-treatment-and-prevention जिनकी जीवनी शक्ति मजबूत होती है वे डेंगू से सुरक्षित रहते है, किन्तु जो व्यक्ति कमजोर जीवनी शक्ति के होते है वे डेंगू के शिकार हो जाते है |
इसे हड्डी तो बुखार भी कहते है (Break Bone Fever)| डेंगू वायरस के संक्रमित होने के 3-14 दिनो मे ही लक्षण प्रगट होते है |यदि हमें डेंगू से सुरक्षित रहना है तो नियमित रूप से अपने हाथो को अच्छी तरह से लिक्विड सोप से अच्छे से धोना चाहिए | क्योकि मच्छरों से सुरक्षा के साथ-साथ हाथो की सफाई का भी ध्यान रखना होगा |
डेंगू रोग कौनसे मच्छर के काटने से होता है?:
डेंगू रोग मादा एडीज़ मच्छर(Aedes Aegypti) के काटने के कारण होती है |
डेंगू के लक्षण (Dengue Symptom) : डेंगू बुखार की क्या पहचान है? (Dengue Fever Symptoms):
Dengue Symptoms – डेंगू की अवस्था में तेज बुखार, अत्यधिक सिरदर्द, जोड़ो में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान, त्वचा पर लाल धब्बे (Dengue fewer rash) | निम्न रक्तचाप हो जाता है है |
डेंगू वायरस(Dengue Mosquito) के फैलने के 1 घंटे मे ही जोड़ो मे दर्द प्रारम्भ हो जाता है |ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) तेजी से गिरता | ह्रदय की गति कम हो जाती है |आंखों का लाल होना, दर्द होना |भूख नही लगाना, सिर दर्द होना, ठंड लगाना, बुखार आना ये डेंगू के प्रमुख लक्षण है |
एक स्वस्थ व्यक्ति के रक्त मे 1.5लाख से 4 लाख प्लेट लेट्स होते है | (dengue-fever-symptoms-treatment-and-prevention)किन्तु डेंगू बुखार की वजह से प्लेट्स लेट्स की संख्या 50000 तक आ जाती है | ऐसी स्थिति स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा हो जाती है |
डेंगू बुखार कितने प्रकार के होते है? (Dengue Symptoms & Treatment in Hindi ):
डेंगू बुखार तीन प्रकार के होते है | साधारण डेंगू बुखार, डेंगू हंम्रेजिक बुखार, डेंगू शाक सिंड्रोम है | डेंगू बुखार को हड्डी तो बुखार भी कहते है |
फीवर कैसे चेक किया जाता है ?(Dengue Treatment) :
बुखार होने पर शरीर का तापमान थर्मामीटर के माध्यम से नापा जाता है | थर्मामीटर को मुंह, काँख या गुदा व्दार मे 2 मिनिट के लिए लगाकर प्राप्त किया जा सकता है | गुदा व्दार के माध्यम से लिया गया तापमान मुंह के तापमान से 1 डिग्री अधिक होता है |
डेंगू की सबसे गंभीर अवस्था कौनसी है? (What Is the most severe stage of Dengue):
डेंगू जब बहुत विकट हो जाता है| जब शरीर मे प्लेट लेट्स की संख्या मे अत्यधिक कमी हो जाती है | ऐसी अवस्था मे रक्त स्त्राव की गंभीर समस्या हो सकती है |
डेंगू बुखार के क्या कारण है (Dengue fever Causes):
मच्छरो का काटना | घर के आसपास पानी का जमाव होना | संक्रमित भोजन का सेवन करना | शरीर की इम्युनिटी कमजोर होना |
डेंगू बुखार मे कौन सी दवा लेनी चाहिए?(Dengue Treatment):
डेंगू बुखार मे रोगी को राहत देने के लिए एंटी बायोटिक दवा व इंजेक्शन का प्रयोग चिकित्सक करवाते है | इसके साथ ही आवश्यक होने पर ग्लूकोज भी चढ़ाते है |
( उक्त चिकित्सा के साथ साथ प्लेट लेट्स बढ़ाने के लिए कुछ घरेलू उपाय भी चिकित्सक के परामर्श से प्रयोग मे लाना चाहिए |)
डेंगू की घरेलू चिकित्सा (Dengue Treatment):
Dengue Symptoms in Hindi – डेंगू रोग की कोई घरेलू चिकित्सा नहीं है | किन्तु यदि किसी चिकित्सा विशेषज्ञ व्दारा चिकित्सा के साथ-साथ यदि कुछ आहार सम्बंधित उपाय व नियमो का पालन किया जाय |इस रोग में चिकित्सा लेने के साथ साथ इन घरेलू उपायों को शामिल कर लिया जाय | चिकित्सा में शीध्र लाभ मिलता है |
डेंगू की सरल घरेलू चिकित्सा (Dengue Treatment)
डेंगू बुखार मे गिलोय (Giloy) :
किसी भी प्रकार के बुखार में गिलोय का सेवन चमत्कारिक लाभ देता है | गिलोय की गोलिया या गिलोय की पत्ती या उसके तने का काढा पीने से बुखार को नियंत्रित करने में लाभ मिलता है |
डेंगू बुखार मे मैथी की भाजी (Methi dana: Dengue Treatment) :
यदि मैथी की सब्जी का सेवन किया जाता है तो बुखार कम करने में मदद मिलाती है साथ ही मांसपेशियों के दर्द में राहत मिलती है |
डेंगू बुखार मे पपीते के पत्ते का रस (Papaya: Dengue Treatment):
डेंगू की अवस्था में तेज बुखार की वजह से प्लेट लेट्स तेजी से गिरने लगते है, ऐसी अवस्था में यदि नियमित रूप से पपीते के पत्ते के रस की 10-20 मिलि मात्रा पानी के साथ लेने से प्लेट लेट की गिरावट रुकती है और प्लेट लेट की संख्या में वृध्दि होती है | पपीते के पत्ते में विटामिन सी व एंटी आक्सीडेंट पाये जाते है जो शरीर का तनाव कम करते है |
बाजार में अनेक एलोपैथी व आयुर्वेदिक कंपनियां पपीते के पत्ते से बनी हुई दवाईयों का उत्पादन कर रही है | आप इनकी जानकारी प्राप्त कर इनका सेवन कर डेंगू की वजह से प्लेट्स लेटस की गंभीर कमी को दूर कर सकते है |
डेंगू बुखार मे हल्दी (Turmeric-Dengue Treatment):
हल्दी हमारे रसोई घर की शान है, हल्दी के बिना हम अपने आहार की कल्पना भी नही कर सकते है | हल्दी में एंटी सेप्टिक, एंटी इन्फेमेंटरी, एंटी मईकोबाईल व अन्य ओषधिय गुण पाये जाते है | इसके सेवन से शरीर की चयापचय क्षमता बढ़ती है | इसके साथ ही शरीर के स्वास्थ्य में आतंरिक सुधार होता है | इसकी ५-१० ग्राम मात्रा का सेवन कर सकते है |
डेंगू बुखार मे तुलसी की पत्ती (Basil Leaf -Dengue Treatment)
तुलसी की पत्ती के गुणों को हम सभी जानते है | तुलसी के सेवन से शरीर की जीवन शक्ति में वृध्दि होती है | यदि तुलसी के रस के साथ काली मिर्च का सेवन किया जाता है तो शरीर इन्फेक्शन से लड़ने में सक्षम हो जाता है |
पर्याप्त पानी का सेवन करना (Dengue Symptoms & Treatment in Hindi ):
डेंगू बुखार की अवस्था में शरीर में पानी की कमी हो जाती है | इसलिए बुखार की अवस्था में पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन रोगी को अवश्य करवाना चाहिए ताकि शरीर में पानी की कमी न हो |
डेंगू बुखार मे नीम के प्रयोग से बहुत लाभ होता है | (Neem: Dengue Treatment) :
नीम के पते के रस का सेवन रक्त मे प्लेटलेट्स(Platelets) व सफेद रक्त कणिकाओ की संख्या बढ़ाता है | नीम के पत्ते के रस के सेवन से रोगी की इम्म्यूनिटी शक्ति बढ़ती है | नीम के पत्ते के रस का सेवन चिकित्सक के परामर्श से ही करना चाहिए |
नीम के पते के रस का सेवन शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है और शरीर शक्तिशाली होता है | Neem ke fayde or Nuksan
डेंगू बुखार मे चुकुंदर (Beet Root :Home remedies for dengue treatment in hindi):
चुकुंदर मे भरपूर मात्रा मे एंटी आक्सीडेंट तत्व पाये जाते है | 50 मिली चुकुंदर के रस को 150 मिली गाजर के रस के साथ सेवन करने से डेंगू मे तेजी से लाभ होता है |
डेंगू बुखार मे संतरे का रस (Orange Juice- Home remedy to treat Dengue fever in hindi):
खट्टे फल स्वास्थ्य की प्राप्ति में योगदान देते है | संतरे के रस का सेवन करने शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है | शरीर की कोशिकाए स्वस्थ होती है साथ ही संक्रमण से सुरक्षा मिलती है |
डेंगू बुखार मे एलोवेरा का रस (Aloe Vera: Dengue Treatment) :
एलोवेरा के रस में विटामिन डी छोड़कर समस्त विटामिन्स पाये जाते है | यदि 10-40 मिलि एलोवेरा के रस का सेवन करते है तो प्लेट लेट्स में वृध्दि होती है | ध्यान रखे एलोवेरा कड़वा नहीं होना चाहिए |
डेंगू बुखार मे अमरूद के पत्ते का रस (Guava Leaf Juice: Dengue Treatment) :
अमरूद के पत्तो में अनेक ओषधिय गुण पाये जाते है | इसमें भरपूर मात्रा में विटामीन ‘सी’ होता है जो शरीर की इम्मुनिटी बढाता है | दिन में एक बार एक कप अमरूद के पत्तो के रस का सेवन करना चाहिए |
डेंगू बुखार मे रोगी का खानपान(Patient’s diet in Dengue Fever) :
डेंगू रोगी जो भी आहार पसंद करे उसे खाने को दे | उसे पर्याप्त मात्रा मे पानी का सेवन करवाए | रोगी को पर्याप्त लिक्विड डाईट दे |
ध्यान रखे रोगी को नियमित 3-4 घंटे मे पेशाब होती रहे इसका ध्यान रखे |
डेंगू बुखार मे डेंगू का बुखार अधिक होने पर क्या करे?(Dengue Treatment) :
जब डेंगू का बुखार 102 या इससे से अधिक है तो रोग के कपाल पर ठंडे पानी की पट्टी निरंतर बदलते रहे |ऐसा जब तक करे जब तक रोगी का तापमान सामान्य न हो जाये |
रोगी के कमरे मे शुध्द हवा का आवागमन सुनिश्चित करे | यदि आवश्यक हो तो कूलर या पंखे की मदद से कमरे का तापमान ठंडा बनाए रखे | ताकि कमरे मे घुटन का वातावरण न रहे |
डेंगू के रोगी को मच्छर दानी से सुरक्षा प्रदान करवाए | ताकि घर के अन्य सदस्य डेंगू के मच्छरो Dengue Mosquitoसे सुरक्षित हो सके |(Dengue-Fever-Symptoms-Treatment-and-Prevention) क्योकि रोगी को जब मच्छर काटेगा तो वही मच्छर परिवार के अन्य सदस्यो को काटकर डेंगू फैला सकता है |
रोगी की हाईजीन का पूरा ध्यान रखे | रोगी को स्पंजिंग करा सकते है | यदि रोगी को अच्छा लगे तो उसे गुनगुने पानी से स्नान करवा सकते है |
डेंगू की जांच कितने रुपये मे होती है?(How much does dengue test cost?):
डेंगू की जांच 250रुपये (Dengue Test) के कीट मे हो जाती है | किन्तु अनेक लेब्स इसके 1200 रुपये तक चार्ज करती है | बाजार मे डेंगू टेस्ट की 2 कीट (एंटी बाड़ी व एंटीजन)उपलब्ध है | डेंगू की जांच के लिए मेडिकल स्टोर से एंटी बाड़ी कीट 150 व एंटीजन कीट 250 रुपये मे खरीदी जा सकती है |
डेंगू मे नही लेनी चाहिए ये दवाए(Medicine should not be taken in Dengue Fever :
बुखार, शरीर का दर्द, मसल्स का खिचाव दूर करने के लिए लोग प्राय एस्परीन, निमोस्लाईड, ब्रूफेन और काम्बीप्लेम जैसी दवाईयो का सेवन करते है | डेंगू की अवस्था मे इन दवाईयो के सेवन से दूर रहना चाहिए | इन दवाओ का सेवन चिकित्सक की सलाह से ही करना चाहिए |
डेंगू से सुरक्षा (Dengue fewer prevention):
उक्त समस्त स्वास्थ्य की जानकारी आपको जल्द स्वस्थ होने के उदेश्य से दी गयी है | जब भी आप किसी बुखार या डेंगू के शिकार हो तो तुरंत अपने पारिवारिक चिकित्सक (Allopathy) को तुरंत दिखाए व अपनी चिकित्सा प्रारम्भ करवा ले |
उक्त प्रयोगों को चिकित्सकीय मार्गदर्शन में ही करे तभी आपको इसका लाभ | कभी भी बुखार या डेंगू को हलके में न ले त्वरित चिकित्सा ही रोग का निदान है |
डेंगू हो जाय तो क्या करे? (What to do if you get Dengue):
डेंगू बुखार होने पर अपने घर के आसपास की सफाई करे | ध्यान रखे की कही पुराना पानी तो भरा हुआ नही है | आसपास कही भी पुराना पानी भरा हुआ न रहने दे | निदान है कभी डेंगू को कभी हल्के मे न ले |
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