कुटकी पीने के फायदे और नुकसान Kutki ke fayade in Hindi

Kutki ke fayade in Hindi
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Kutki ke fayade in Hindi- कुटकी चिरायता पीने के फायदे और नुकसान    

Kutki ke fayade in Hindi – Dr.Jagdish Joshi, Lifestyle Expert125

Kutki ke fayade in Hindi – कुटकी रस में कड़वी, रुखी, शीतल, पाक में तीखी हल्की, मल भेदक, अग्नि दीपक, ह्रदय के लिए हितकारी, कफ, पित्त, प्रमेह, खांसी, श्वास, रक्त विकार, जलन, चर्म रोग व कृमि नाशक है |

जिन्हें फेटी लीवर की समस्या है, जिन्हें खाना हजंम नहीं होता है उनके लिए कुटकी राम बाण दवा है | कुटकी लघु सूक्ष्म, हल्की व सुखी प्रकृति की है | इसका स्वाद तिक्त अर्थात कड़वा होता है | इसकी प्रकृति ठंडी होती है | यह कफ व पित्त को संतुलित करती है | चर्म रोग, ह्रदय रोग, लीवर के रोग में लाभ देता है | जो लोग बैठे रहते है उनके लिए कुटकी लाभ प्रद होती है |

लीवर के लिए उपयोगी कुटकी
Kutki ke fayade in Hindi :

लीवर के स्वास्थ्य को इसका सेवन उन्नत करता है | जिन्हें भूख नहीं लगती, हाथ पैर गर्म रहते है, पीलिया की शिकायत रहती है उनके पित्त को कुटकी का सेवन नियमित करता है |

लीवर की समस्या में 1/4 चम्मच कुटकी को 1 चम्मच शहद के साथ दिन में 2 बार चाटने से लीवर स्वस्थ होता है |

पीलिया रोग की शिकायत होने पर 1/2 चम्मच कुटकी पावडर पानी के साथ दिन में 2 बार सेवन करने से लाभ होता है |

कफ-पित्त की समस्या से मुक्ति
Kutki ke fayade in Hindi
कुटकी का सेवन कफ, पित्त की समस्याओं से मुक्ति दिलाता है | जिनको खाने के बाद ही समस्या आती है | जिन्हें वर्म की शिकायत होती है, जिन्हें वर्म की वजह से समस्या होती है, जिन्हें शरीर में सूजन होती है, जिनके शरीर में पानी की वजह से सूजन होती है | जिनके शरीर में पानी एकत्र होता है | जिनके पैर में अंगुठा दबाने में दब जाता है गढ़ा पड जाता है |


2-3 चुटकी कुटकी, 2-3 चुटकी मुलेठी शहद के साथ चाटने से ह्रदय रोग की समस्या में लाभ मिलता है |
श्वास की समस्या, जब शरीर से कफ नहीं निकलता है, गर्मी और कफ की समस्या रहती है तो इसका सेवन कफ को कम करता है |

श्वास रोग में कुटकी व पीपल की छाल का काढा बनाकर सेवन करने से लाभ होता है |

हिचकी, उल्टी के निदान में सहायक कुटकी
Kutki ke fayade in Hindi
हिचकी की शिकायत में कुटकी पावडर को शहद के साथ सेवन करने से लाभ होता है |

मूत्र सम्बन्धित समस्या
Kutki ke fayde for urinary problem:

इसका तिक्त रस सुखाने का कार्य करता है | इसके सेवन से आकाश तत्व व वायु तत्व की वृध्दि होती है जिससे बार पेशाब आने की समस्या व मधुमेह में लाभ होता है |



कब्ज का निदान कुटकी
Kutki ke fayade for constipation in Hindi:

खाने के पहले 2-3 चुटकी कुटकी की मात्रा का सेवन करने से भोजन का पाचन अच्छे से होता है व एसिडिटी से मुक्ति मिलती है |

मल में चिकनापन, अत्यधिक बदबू आना की शिकायत होने पर आधा चम्मच कुटकी महिने में एक बार रात को सोने के पहले ले सकते है |

कब्ज की शिकायत होने पर कुटकी व शक्कर समान मात्रा में मिला कर आधा चम्मच सेवन करने से दस्त खुल कर लगती है और पेट अच्छे से साफ हो जाता है |

जिन लोगो को कब्ज की शिकायत हमेशा बनी रहती है वे इसके काढ़े का सेवन कर कब्ज से प्राकृतिक रूप से मुक्त हो सकते है |

कब्ज की सामान्य शिकायत होने पर 1/4 चम्मच कुटकी की मात्रा पानी के साथ सेवन करने से कब्ज से राहत मिलती है |

जिन लोगो को भूख कम लगती है वे कुटकी व सौठ सामान मात्रा में मिलाकर एक चौथाई चम्मच मात्रा का भोजन के 1 घंटे पहले सेवन करने से खुलकर भूख लगती है |


जिन लोगो का पित्त बढ़ा रहता है उनके लिए कुटकी व गुड को सामान मात्रा में मिलाकर छोटी छोटी गोली बना ले व 2-2 गोली सुबह शाम सेवन करे |

कुटकी व मिश्री सामान मात्रा में लेकर इसकी एक चौथाई चम्मच मात्रा को सुबह शाम पानी के साथ सेवन करने से पीलिया रोग में लाभ होता है |


बुखार दूर करने के लिए कुटकी
Kutki ke Fayde for fewer in Hindi:

पित्त की वजह से होने वाले ज्वर में कुटकी को शक्कर के साथ समान मात्रा में सेवन करने से लाभ होता है |
सितम्बर के महीने में गर्मी की वजह से होने वाले रोगों में, कफ पित्त बढ़ने पर, मोटापा, पेट साफ नहीं होने, ह्रदय सम्बंधित शिकायत होने, मुंह का कड़वा होने, सुबह 6 बजे पेट साफ हो जाता है | इसकी 3 ग्राम मात्रा का सेवन करना है |


जिन्हें बार बार धीमा बुखार आता है वे 10 ग्राम कुटकी, 1/2 चम्मच पीपल पावडर को 500 मिलि पानी में 20 मिनिट तक उबाले | इसकी आधा कप मात्रा दिन में 3 बार सेवन करे |


जलोदर के लिए कुटकी
Kutki ke fayde Jalodar ke nidan hetu:

शरीर के किसी अंग में जल के संचय अर्थात जलोदर की शिकायत होने पर 20 ग्राम कुटकी को 200 मिलि पानी के साथ उबाले व 15 मिनिट उबालने के पश्चात इसके दो भाग कर इसके एक भाग को सुबह शाम सेवन करे उक्त पेय से कुटकी के फायदे मिल जाते है |


बुखार होने पर 1 ग्राम कुटकी 3 ग्राम मिश्री के साथ भोजन के 10 मिनिट पूर्व सेवन करे |
सर्दी-खासी की वजह से होने वाले बुखार में 5 ग्राम कुटकी को 1 चम्मच शहद के साथ सेवन करे |

कुटकी चिरायता पीने के फायदे
Kutki and Chirata for Eczema in Hindi:

ऐग्जिमा में कुटकी व चिरायता की सामान मात्रा बना ले | इसकी आधा चम्मच मात्रा को आधा कप पानी में रात्री को गला दे | सुबह खाली पेट 3 माह तक इसका सेवन कर ले | 1 घंटे तक कुछ भी सेवन न करे | इस प्रकार 3 माह में ऐग्जिमा से मुक्ति मिल जाती है |

चर्म रोग से मुक्ति दिलाये कुटकी
Kutki Herb ke fayde for skin disorder:

त्वचा सम्बंधित रोगों में इसका नियमित सेवन चर्म रोग से मुक्ति दिलाता है |


कुटकी के सेवन से त्वचा सम्बधित रोग सोरायसिस, एक्जिमा में इसके सेवन से आराम मिलता है |
कफ-पित्त में लाभ होता है | हाथ पैर में जलन होने पर कुटकी व घी का सेवन लाभ देता है | 1/4 चम्मच कुटकी व आधा चम्मच घी के साथ लेने में लाभ मिलता है |

गठिया रोग मुक्ति के लिए कुटकी
Kutki ke fayde for arthritis in Hindi:

गठिया रोग होने पर 1/4 चम्मच चुटकी व 1 चम्मच शहद का सेवन दिन में 2 बार सेवन करे |
उल्टी व हिचकी की शिकायत होने पर 2 ग्राम कुटकी 1 चम्मच शहद के साथ सेवन करे |

मधुमेह के निदान में सहायक कुटकी
Kutki ke fayde
for diabetics in Hindi
मधुमेह रोग में इसकी 5 ग्राम मात्रा का दिन में 2 बार सेवन करने से पेनक्रियाज सक्रिय होती है और रक्त शर्करा लीवर में एकत्र होने में मदद मिलती है |

वजन कम करे कुटकी
Kutki ke fayde for weight loss in Hindi:

मोटापा की शिकायत होने पर कुटकी का सेवन करने से पाचन अग्नि तेज होने से चयापचय प्रक्रिया तेज होती है और मोटापे से मुक्ति मिलती है इस प्रकार से हम कुटकी की फायदे लेकर इसे अपने घर के दवाईघर में स्थान अवश्य देना चाहिए ये कुटकी के मुख्य फायदे है |

कुटकी के अन्य लाभ
Kutki ke fayde
& Other benefits in Hindi:
महिलाओं को स्थनपान कराने से पाचन सम्बंधित समस्या व एसिडिटी की समस्या होती है माँ का दूध शुध्द होता है |

कुटकी का सेवन ब्लाकेज हटाता है | इसका तिक्त स्वाद रक्त के इन्फेक्शन को हटाता है, गर्मी बढाता है व बीपी को बढाता है | गुस्से व निम्न में उपयोगी है |

कुटकी के फायदे और नुकसान
Kutki ke nuksan in Hindi

गर्भावस्था के दौरान व मधुमेह की अवस्था में इसका सेवन सावधानी से करे | गर्भावस्था के दौरान चिकित्सक की सलाह से ही इसका सेवन करे | मधुमेह की अवस्था में इसका प्रयोग सावधानी से करे क्योकि इसके सेवन से रक्त शर्करा के कम होने की संभावना बढ़ जाती है | हमें कुटकी के फायदे और नुकसान को ध्यान में रखते हुए सेवन करना चाहिए |

जिनकी प्रकृति अत्यधिक ठंडी है उन्हें कुटकी का सेवन सोठ के साथ करना चाहिए |

आवश्यक सावधानी: हर व्यक्ति की प्रकृति अलग-अलग होती है | इसलिए कुटकी का चिकित्सकीय प्रयोग आपको किसी कुशल योग्य चिकित्सक के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए |


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