साबुत अनाज स्वास्थ्य का खजाना (Secret of Health Whole Grain)

Secret of Health Whole Grain -Dr.Jagdish Joshi, Lifestyle Expert 125
Secret of Health Whole Grain –
आज के समय व्यक्ति मोटापा, कब्ज, एसिडिटी व अनेक रोगों का सामना कर रहा है | विभिन्न प्रकार की दवाइयों का सेवन करने के बाद भी ये रोग दूर नहीं हो रहे है | (Secret of Health Whole Grain) आखिर इतने सारे रोगो का निदान क्या है? अनेक रोगों से सुरक्षित रहने का कोई दिव्य उपाय है? हां समस्त रोगों से मुक्त होने का उपाय फाइबर है | जिस प्रकार से झाड़ू हमारे घर को स्वच्छ रखती है | उसी प्रकार फाइबर हमारे शरीर को स्वच्छ व रोगों से मुक्त रखता है |
फाइबर क्या करता है? रोगों की जड़ पेट का अच्छी तरह से साफ नहीं होना है | पेट साफ नहीं होने का मुख्य कारण है हमारे द्वारा अपने आहार में साबुत (रेशेयुक्त)अनाज का सेवन नहीं करना | जब हमारे आहार में फाइबर शामिल नहीं होता है तो हम अस्वस्थ हो जाते है |
आखिर हमें कितने फाइबर की आवश्यकता होती है(Secret of Health Whole Grain) :

एक महिला को 21-25 ग्राम फाइबर की आवश्यकता होती है | वही एक पुरुष को 30 -38 ग्राम फाइबर की आवश्यकता होती है | यदि हम इसकी उचित मात्रा का सेवन करते है तो स्वास्थ्य हमारे हाथ में रहता है |
फाइबर का हमारे आहार में क्या महत्त्व है (What is the importance of the fiber in the Diet ) :
आहार में फाइबर की मात्रा मल के भार व आकार को बढ़ाती है | यदि मल का आकार ज्यादा होगा तो वह आंतों से आसानी से निकलेगा | आंतो में नहीं चिपकेगा | फाइबर मल को ठोस आकार प्रदान करता है | क्योकि फाइबर पानी को सोख लेता है | इस प्रकार फाइबर हमारे शरीर को नियमित रूप गन्दगी से मुक्त करता है |
जब आप साबुत (रेशेयुक्त)अनाज वाले आहार का सेवन नहीं करते है तो आपके पाचन संस्थान की सफाई अच्छे से नहीं होती है | इस प्रकार हम अनेक रोगो के शिकार हो जाते है | तो आईये हमारे शरीर को भरपूर रेशा कैसे मिले? हम साबुत अनाज के माध्यम से रेशा कैसे प्राप्त करे? हम अपने आहार में साबुत अनाज को शामिल कर कैसे स्वास्थ्य के साथ-साथ स्वाद का भी आनंद ले?
अपने आहार में साबुत (रेशेयुक्त)अनाज को कैसे व्यावहारिक रूप से कैसे शामिल करे इस बारे में जानेगे | ताकि हम अपने आहार में साबुत (रेशेयुक्त)अनाज को शामिल कर स्वयं को व परिवार को स्वस्थ व निरोगी बना सकेंगे |
सभी प्रकार के खड़े व साबुत अनाज जटिल कार्बोहाइड्रेट की श्रेणी में आते है | खड़े अनाजों में कार्बोहाईड्रेट के साथ अनेक खनिज व विटामिन्स होते है | इसलिए खड़े साबुत अनाज स्वस्थ आहार का मुख्य स्त्रोत है | इस वजह से इसका सेवन करना वजन को नियंत्रित कर मोटापे से मुक्ति देता है |
साबुत अनाज का सेवन पाचन सम्बंधित समस्त रोगो को दूर करता है (Health Benefits of Fiber):
यदि आप अपने आहार में पर्याप्त मात्रा में साबुत अनाज को शामिल करते है, तो आप सभी प्रकार के पाचन सम्बंधित रोगो से मुक्त रहते है | क्योकि जब आपके आहार में पर्याप्त मात्रा में रेशा शामिल होगा तो हमारे व्दारा सेवन किये गए आहार का पाचन अच्छी तरह से होगा | बड़ी आंत (कोलोन) की अच्छी तरह से सफाई होगी | इस प्रकार हम कब्ज की वजह से होने वाले अनेक रोगो से सुरक्षित रहेंगे
साबुत अनाज का सेवन मोटापा कम करता है (Health Benefits of Fiber):

साबुत (रेशेयुक्त)अनाज में प्राकृतिक रूप से से फाइबर पर्याप्त मात्रा में होता हैं | फाइबर के सेवन से पेट को लम्बे समय तक भरे हुए पेट का अहसास होता है | इस वजह से व्यक्ति कम आहार का सेवन करता है | जब व्यक्ति कम आहार सेवन करेगा तो वह आसानी से मोटापे से मुक्त हो जाएगा | इस प्रकार हम देखते है की खड़ा अनाज मोटापा कम करने में मददगार है |
साबुत अनाज का सेवन अनेक रोगों से सुरक्षा प्रदान करता है(Health Benefits of Fiber):
साबुत अनाजों का सेवन कर आप हृदय रोग, मधुमेह, कैंसर और अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धित समस्याओं से भी सुरक्षित हो जाते है |
साबुत अनाज में अनेक पोषक तत्व होते है (Secret of Health Whole Grain) :
साबुत अनाज में फाइबर और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्वों जैसे विटामिन बी , आयरन, फोलेट, सेलेनियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम पाए जाते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञो के अनुसार हमारे आहार का में 50% साबुत अनाज शामिल होना चाहिए | यदि हमारे आहार में पर्याप्त मात्रा में साबुत अनाज शामिल होंगे तो हम निश्चित ही स्वयं को स्वस्थ रख पाएंगे |
हम कैसे खड़े अनाजों को अपने आहार का हिस्सा बनाए, ताकि हम स्वस्थ व निरोगी हो(Secret of Health Whole Grain) :

हमारे द्वारा दैनिक जीवन में चपाती बनाने हेतु प्रयोग किया जाने वाला अनाज पीसा जाता है | अनाज को पीसे जाने की प्रक्रिया के दौरान अनाज को बहुत पीसा जाता है | इस वजह से उसका छिलका व अन्य पोषक तत्व हट जाते है |
इसी प्रकार चावल को चमकाने के लिये उसके ऊपर की सतह को निकाल दिया जाता है | इस प्रकार हम सार विहीन चावल का सेवन करते है |
इस प्रकार जब हम पतले आटे की चपाती, ब्रेड, बिस्किट, चावल, दालों का सेवन करते है | इस प्रकार हमारा शरीर पतले व रिफाइन्ड आहार का सेवन कर शरीर को रोगी बना लेता है | जब हम निरन्तर इस प्रकार का आहार सेवन करते है तो हमारे शरीर के सम्पूर्ण प्रणाली रेशा विहीन भोजन कर गंदगी से भर जाती है | क्योकि ऐसे आहार में रेशा तो होता ही नहीं है | जब आहार में रेशा नहीं होगा तो शरीर की पाचन प्रणाली कैसे स्वच्छ होगी | जब पाचन प्रणाली स्वच्छ नहीं होगी तो हम निरोगी कैसे हो सकते है?

साबुत खड़े अनाज के प्रकार(Secret of Health Whole Grain) :
साबूत अनाजों में मुंग, मोठ, चना, मसूर, उड़द, राजमा, काबुली चने, काले चने, मटर व अन्य अनाज आते है |
इसके साथ ही यदि हम गेहूँ, ज्वार, बाजरा, मक्का व रागी को मोटा पिसाते है तो वह भी रेशे का भण्डार बन जाते है |
यह बताना हमेशा आसान नहीं होता कि किसी उत्पाद में किस प्रकार का अनाज है, विशेष रूप से ब्रेड। उदाहरण के लिए, ब्राउन ब्रेड जरूरी नहीं कि साबुत गेहूं हो – भूरा रंग अतिरिक्त रंग से आ सकता है।
हम जब भी बाजार में बनी हुई खाद्य सामग्री लेते है तो हम यह नहीं जानते की उसमे साबुत अनाज प्रयोग किया की नही | उसमे प्रयोग किया गया आटा पतला है या रेशा युक्त है | इसलिए जब भी कोई आहार बाजार से खरीदे उसके लेवल में देख ले की उसमे साबुत अनाज लिखा है या नही |
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आटे की चपाती के बारे में (Secret of Health Whole Grain) :
चपाती/ब्रेड हमारे आहार का मुख्य भाग होती है | प्राय: हम जब भी चपाती बनाते है तो हम बाजार से आटा खरीदते है | इस आटे सफेद बनाने के लिए बारीक पीसा जाता है | इसके साथ ही इसके ऊपर का छिलका निकाल कर फेक दिया जाता है | इसके गेहू की चपाती का आटा यदि मोटा पीसा होगा तो उसमे सभी पोषक तत्व मौजूद होंगे |
अपने नियमित आहार में पर्याप्त मात्रा में साबुत अनाज कैसे शामिल करे?(Health Benefits of Fiber in Diet):
अपने भोजन और नाश्ते में पर्याप्त मात्रा में साबुत अनाज शामिल करने के लिए अपनी आहार चर्या में कुछ आवश्यक परिवर्तन करने होंगे |
प्रथम स्वलाल्पाहार में पानी में गले हुए, किशमिश, अंजीर, मनुक्का व खजूर को शामिल कर सकते है |
दिव्तीय स्वल्पाहार में अंकुरित अनाज, फाइबर वाले फल जैसे मोसम्बी, संतरा, अमरूद,चीकू, पाईनपल व अन्य मौसमी फलों,सब्जियों व साबुत अनाजों को शामिल कर सकते है |
दोपहर के आहार में मुंग, मोठ, चना, राजमा, काबुली चना, खड़े उड़द व अन्य साबुत अनाज को सब्जी के रूप में शामिल कर सकते है |
इसके साथ ही चपाती के लिए बिना छाना हुआ चोकरयुक्त मोटा आटा प्रयोग में लाना है
यदि आप दाल आहार में शामिल करते है तो दाल बिना पालिश की होनी चाहिए |
चावल भी बिना पालिश या ब्राउन राइस होते चाहिए |
इस प्रकार हम सुबह, दोपहर व शाम के आहार में साबुत अनाज व भरपूर रेशे युक्त आहार को शामिल कर शरीर को
यदि आप अपने आहार में विभिन्न प्रकार के साबुत अनाज खाने से आप कब्ज के साथ-साथ अनेक रोगो से सुरक्षित हो जाते है | इस प्रकार आपको अधिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले पोषक तत्व मिलते हैं | इसके साथ ही साबुत अनाज का प्रयोग भोजन और नाश्ते को अधिक रोचक बनाने में भी मदद करता है।
सार :
हम अपने आहार में पर्याप्त मात्रा में साबुत अनाज, अन पॉलिशड दाल, बिना पॉलिश्ड या ब्राउन राइस के साथ चोकरयुक्त आटे का सेवन कर आप अपने परिवार को स्वस्थ बना सकते है | ध्यान रखे की आहार में फाईबर (रेशे) के उचित मात्रा ही शामिल करे | रोग विशेष होने पर चिकित्सक का परामर्श आवश्यक है |
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https://en.wikipedia.org/wiki/Fiber
https://simple.wikipedia.org/wiki/Fibre
https://en.wikipedia.org/wiki/Dietary_fiber
https://en.wikipedia.org/wiki/Optical_fiber
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