श्राध्द पक्ष मे हम अपने पूर्वजो को विशेष रूप से याद करते है |

हमारे पूर्वजो ने अनेक जीवन जीने की पध्दति हमे सिखाई है |

किन्तु हमने आधुनिकता के चक्कर मे हमारे पूर्वजो द्वारा स्थापित परम्पराओ को भुला दिया है |

 इन परम्पराओ मे श्राद्ध कर्म भी शामिल है | हम श्राद्ध पक्ष मे अपने पूर्वजो को विशेष रूप से याद करते है |

श्राद्ध कर्म का केवल धार्मिक महत्व ही नही है | इसका वैज्ञानिक कारण भी है | इसलिए हम श्राद्ध मनाते है |

श्राद्ध पक्ष मे अत्यधिक गर्मी पड़ती है | क्योकि श्राद्ध पक्ष मे हमारे शरीर मे पित्त की मात्रा बहुत अधिक बढ़ जाती है | इस वजह से हम बीमार होते है |

यदि श्राद्ध पक्ष मे हम खीर का भोग अपने पूर्वजो को लगाते है | साथ ही हम खीर का पुरी श्राद्ध पक्ष मे सेवन करते है तो हमारे शरीर मे अम्ल (ऐसिडिटी) की मात्रा नही बढ़ती है |

इसलिए श्राद्ध पक्ष मे खीर का सेवन जरूर करना चाहिए | ताकि आपके शरीर मे अम्ल की मात्रा न बढ़े और आप बीमारी से पूर्ण रूप से सुरक्षित रहे |

किन्तु खीर मे गरम पदार्थो का प्रयोग नही करना चाहिए | अन्यथा खीर का चिकित्सकीय महत्व खत्म हो जाएगा |खीर मे शीतलता प्रदान करने वाले तत्वो का ही प्रयोग करना चाहिए |

खीर मे इलायची का भरपूर मात्रा मे प्रयोग करना चाहिए | केशर व जायफल का खीर मे प्रयोग नही करना चाहिए |क्योकि केशर व जायफल गरम स्वभाव के है | इलायची ठंडी प्रकृति की है |इसलिए इलायची का प्रयोग पर्याप्त करे |

आओ अपने पूर्वजो की परम्पराओ को अपनाये ताकि हम अपने पूर्वजो को प्रसन्न कराते हुए स्वम भी स्वस्थ व निरोगी रहे |