एसिडिटी से कैसे तुरंत मुक्ति पाये? Home remedy for Acidity in Hindi

एसिडिटी से कैसे तुरंत मुक्ति पाये? Home remedy for Acidity in Hindi – Dr.Jagdish Joshi, Lifestyle Expert 125

क्या करू मेरा जी घबराता है?

बारिश के मौसम के आते ही सम्पूर्ण प्रकृति सुंदर हो जाती है | बारिश आने से भीषण गर्मी से राहत तो मिल जाती है |

किन्तु कुछ लोगो को इस मौसम मे जी घबराना, सिर दर्द होना, दस्त हो जाना व अन्य समस्या पैदा हो जाती है | आखिर यह आनंद देने वाला मौसम कैसे मुसीबत बन जाता है?

बारिश के मौसम में हमारी पाचन प्रणाली पर भी प्रभाव पड़ता है | अक्सर इस मौसम मे अनेक व्यक्तियों को पित्त बढ़ने की समस्या हो जाती है | ऐसी अवस्था में व्यक्ति अनेक उपाय करता है, किन्तु इन उपायो से केवल कुछ समय के लिए ही लाभ होता है |

शरीर में अत्यधिक मात्रा मे एसिड बनना (Acidity reflux):

शरीर मे अत्यधिक एसिड बनने व बार बार एसिड बनने की अवस्था Acid Reflux की समस्या हो जाती है | इसका निदान केवल सही जीवन शैली के द्वारा ही है |

तो हम जानेंगे आखिर शरीर मे पित्त बढ़ने के क्या-क्या लक्षण है?एसिडिटी के लक्षण क्या होते है?:

पित्त बढ़ना अर्थात शरीर मे जलन होना |

गले मे जलन होना |

जी घबराना |

चर्म रोग होना |

सिर दर्द होना |

खुजली होना |

सीने मे जलन(heartburn) होना |

शरीर के जोड़ो मे (uric acid) का एकत्र होना |

एसिडिटी का दर्द कहाँ होता है?:

एसिडिटी का मुख्य लक्षण जलन होना है | सीने मे जलन, गले मे जलन व मुंह मे खट्टा पानी आना है |

एसिडिटी होने का कारण क्या है?:

एसिडिटी होने पर गैस्ट्रिक ग्रंथियां अत्यधिक अम्ल का उत्पादन करने लगती है | अत्यधिक चाय, कॉफी, मसालेदार भोजन, असमय भोजन करने की वजह से एसिडिटी होती है |

पेट मे ज्यादा एसिड होने से क्या होता है?;

पेट मे ज्यादा एसिड होने से शरीर के विभिन्न आंतरिक अंगों की सतह पर जलन होती है | कई बार अत्यधिक एसिड की वजह से छाले भी हो जाते है |

प्राय: हम पित्त बढने के मूल कारण को दूर नही करते है :

प्राय: पित्त (एसिडिटी) की शिकायत होने पर हम विभिन्न प्रकार की चिकित्सा पद्धति की दवाईयों(Antacid) का सेवन करते है | विभिन्न प्रकार के देशी उपायो को करते है | अनेक घरेलू उपायों को करते है, किन्तु रोग के मूल कारणों को दूर नही करते है |

इस प्रकार व्यक्ति जीवन भर एसिडिटी का  शिकार बना रहता है |

एसिडिटी एक खतरनाक रोग है:

आमतौर पर अनेक व्यक्ति एसिडिटी को रोग मानते ही नही है | एसिडिटी के शिकार होने पर भी वे उसकी चिंता नही करते है |

आप ही सोचिए कि आप के शरीर मे एसिड जमा हो रहा है | आप उसे शांत नही करेंगे तो वह एसिड आपके शरीर के विभिन्न आंतरिक अंगो को जलाता है | शरीर के विभिन्न अंग निरंतर कमजोर होते जाते है |

ऐसी अवस्था मे हमें शरीर मे अत्यधिक एसिड को बनने से रोकना होगा | इसके साथ ही आहार मे उचित सुधार करना होगा ताकि शरीर मे एसिड का निर्माण ही न हो |

गैस व एसिडिटी मे अंतर :

यदि व्यक्ति गैस का शिकार होता है तो उसके गुदाद्वार से गैस का निष्कासन होता है | डकार आती है | पेट फूला हुआ महसूस होता है |

जब व्यक्ति एसिडिटी का शिकार होता है तो उसमें उपरोक्त विवरण मे दिये गए लक्षण पैदा होते है |

लीवर मे जलन के लक्षण क्या है?:

जब शरीर मे अत्यधिक मात्रा मे एसिड का उत्पादन होता है तब लीवर मे जलन होती है | ऐसी अवस्था मे दवाइयों व घरेलू उपायों से भी जलन शांत नही होती है | ऐसी अवस्था मे व्यक्ति को भूख भी नही लगती है |

बार-बार एसिडिटी क्यो होती है?:

व्यक्ति द्वारा भोजन मे की गई अनियमितता की वजह से एसिडिटी होती है | इसके साथ ही अम्लीय आहार का सेवन एसिडिटी का कारण होता है |

एसिड अटैक क्या होता है?:

जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक एसिडिटी (Hyper Acidity) से परेशान होता है तो उसे ह्रदय मे जलन, गले मे जलन, भोजन नही पचना, भूख नही लगना, पेट मे छाले होना | भोजन करने की गलत आदते, शराब पीना, सिगरेट पीना, नियमित रूप से व्यायाम नही करने की वजह से व गलत Life Style की वजह से एसिड अटैक होता है |

घर पर पित्त(एसिडिटी) को तुरंत कैसे ठीक करें?:

शरीर मे पित्त बढ़ने पर योग की शोधन क्रिया कुंजर क्रिया से तुरंत लाभ मिल जाता है |क्योकि इस प्रयोग के माध्यम से आमाशय मे जमा कफ व अम्ल तुरंत निकल जाता है |

शरीर मे पित्त (एसिडिटी) की अत्यधिक शिकायत होने पर 3-4 गिलास गुनगुने पानी मे चुटकी भर के काला नमक मिला ले | अब इस पानी को बाथरूम मे पंजे के बल या किसी पटिये पर बैठ जाये | अब इस पानी को जल्दी-जल्दी पी ले |

अब हाथो की दो अंगुली(मध्यमा व तर्जनी) अंगुली को पानी मे गीला कर जीभ के अंतिम सिरे पर हल्का-हल्का चलाये | ऐसा जब तक करे जब तक अधिकतम पानी निकल न जाये | इस प्रकार आपके आमाशय मे एकत्र पित्त निकल जाएगा | शरीर से अनावश्यक पित्त निकलने से बहुत राहत होती है |

जब आप कुंजल क्रिया कर ले, तो उसके बाद आप दूध, पानी व मिश्री की लस्सी पी ले |

आवश्यक सावधानी :

यदि आपको उच्च रक्तचाप या ह्रदय रोग की शिकायत है तो आपको उक्त प्रक्रिया मे नमक का प्रयोग नही करना है |   

दूध, पानी व मिश्री की लस्सी कैसे बनाये :

एक कप दूध मे 4 कप पानी मिला ले | इस मे 1 चम्मच मिश्री का पाउडर मिला कर अच्छी तरह से फेट ले | अब इसे आराम से पी ले | इस प्रकार आपको एसिडिटी से तुरंत लाभ हो जायेगा |

इसके साथ ही आपको एसिडिटी को नियंत्रित करने के लिए अपने आहार मे आवश्यक सुधार करना होगे | यदि आप सकारात्मक आहार का सेवन करते है तो निश्चित ही एसिडिटी मे आराम मिलता है |

एसिडिटी होने पर क्या नही खाना चाहिए?:

एसिडिटी होने पर चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक्स, तले हुए खाद्य पदार्थ, अत्यधिक मिर्च मसाले वाले खाद्य पदार्थों का सेवन नही करना चाहिए |

तो आइये स्वस्थ समाज के निर्माण मे अपना योगदान सुनिश्चित करने के लिए इस लेख को जन-जन तक प्रसारित कर स्वस्थ समाज का निर्माण करे |

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