कैसे प्रोस्टेट को स्वस्थ करे? How to Cure Prostate

PROSTATE HEALTH

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कैसे प्रोस्टेट को स्वस्थ करे? How to Cure Prostate How to Cure Prostate

कैसे प्रोस्टेट को स्वस्थ करे? How to Cure Prostate – Dr.Jagdish Joshi, Lifestyle Expert 125

How to Cure Prostate – आम तोर पर उम्र के बढ़ने पर प्रोस्टेट व मूत्र त्याग सम्बंधित समस्याए पैदा हो जाती है | किन्तु जानकारी के अभाव में व्यक्ति परेशान होता रहता है | किन्तु यदि हमें इस रोग के बारे में उचित जानकारी है तो निश्चित ही हम अपनी चिकित्सा के लिए उचित निर्णय ले सकते है | इस उदेश्य के लिए प्रोस्टेट ग्रंथि व मूत्र त्याग सम्बंधित लेख को दिया जा रहा है |

प्रोस्टेट एक ग्रंथि है जो केवल पुरुषों में ही होती है। प्रोस्टेट ग्रंथि का आकार अखरोट के आकार के बराबर होता है | प्रोस्टेट ग्रंथि मूत्राशय की ग्रीवा के नीचे मूत्राशय के निकास (मूत्रमार्ग) के इर्द-गिर्द मौजूद होती है। प्रोस्टेट एक दूधिया तरल पदार्थ बनाता है | यह दूधिया तरल पदार्थ वीर्य का एक अंश होता है | यह दूधिया पदार्थ शुक्राणुओं के लिए भोजन के रूप में कार्य करता है।

Enlarged Prostate- जैसे जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती है वैसे वैसे शरीर के विभिन्न अंग कमजोर होते है | क्योकि गुरुत्वाकर्षण की वजह से विभिन्न अंगों की उम्र बढ़ने के साथ-साथ कमजोरी आती है | उसी प्रकार पुरुषों की उम्र बढ़ने के साथ-साथ प्रोस्टेट ग्रंथि का आकार बढ़ता जाता है। इस वजह से कुछ वर्षो में प्रोस्टेट की समस्या बढ़ती जाती है | इस वजह से पुरुषों के लिए यह मूत्राशय से संबंधित समस्याएँ पैदा हो जाती है।

Prostate Problem -प्रोस्टेट ग्रंथि की समस्या मूत्राशय पर खराब नियंत्रण अन्य स्वास्थ्य संबंधी कारणों की वजह से भी हो सकता है। मूत्राशय के खराब नियंत्रण से ग्रस्त पुरुष इस समस्या से परेशान और शर्मिंदा हो सकते हैं। यदि आपकी मूत्राशय नियंत्रण क्षमता में कोई परिवर्तन दिखता है | ऐसी अवस्था में आपको अपनी प्रोस्टेट ग्रंथि के बारे में चिंता करनी चाहिए | ऐसी अवस्था में आपको अपने चिकित्सक से परामर्श लेने में विलम्ब नहीं करना चाहिए ।

क्योकि कई बार प्रोस्टेट सम्बंधित समस्याओ के लिए एंटी बायोटिक दवाईया शीध्र लाभ दे देती है |

सामान्य प्रोस्टेट ग्रंथि की समस्याएँ क्या हैं?(Enlarged Prostate Symptoms):

स्टेट ग्रंथि की समस्या में प्रोस्टेटाइटिस (Prostatitis) है | इस रोग में प्रोस्टेट ग्रंथि में सूजन और पीड़ा होती है | यह समस्या मूत्राशय के संक्रमण के कारण होती है | प्राय यह समस्या युवा पुरुषों में ज्यादा होती है।

बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लेसिया [Benign Prostatic Hyperplasia (BPH)] :

सामान्य तोर पर यह समस्या मध्य-जीवन की आयु में होती है | इस रोग की अवस्था में प्रोस्टेट ग्रंथि के आकार में धीरे-धीरे वृद्धि होती हैं। इस रोग की अवस्था में केवल 25% रोगियों को ही सर्जरी की आवश्यकता होती है | BPH लगभग चार में से एक पुरुष को इस समस्या के लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है | BPH की अवस्था में कैंसर रोग नहीं होता है ।

प्राय: प्रोस्टेट कैंसर में सामान्य तोर पर कोई लक्षण प्रगट नहीं होते है | प्रोस्टेट कैंसर की जांच के लिए रक्त परीक्षण की आवश्यकता होती है | इसके लिए रक्त परीक्षण जिसे PSA कहा जाता है | यह पुरुषो में पाया जाने वाला एक सामान्य रूप से पाया जाने वाला कैंसर है | प्रोस्टेट कैंसर की संभावना उम्र के 50 वे वर्ष के बाद बढ़ जाती है परंतु यह सबसे अधिक आसानी से उपचार किए जाने वाले कैंसरों में से एक है। प्रोस्टेट कैंसर होने पर डरने की आवश्यकता नहीं है | प्रोस्टेट कैंसर होने पर सही समय पर इसकी जांच करवाकर इसके उचित निदान की आवश्यकता है |

आखिर हमें कैसे पता चलेगा की मुझे प्रोस्टेट की समस्या है?(Prostate Symptoms):

यदि आपको निम्न लिखित समस्याओ में से कोई शारीरिक लक्षण प्रगट होते है तो आपको प्रोस्टेट ग्लैंड की समस्या हो सकती है:

मूत्र प्रवाह के दौरान कष्ट का अनुभव होना |
एक बार शुरू कर देने के बाद धीमी मूत्र-धारा निकलना |
दिन या रात में बार बार मूत्र की आवश्यकता महसूस होती है |
मूत्र त्याग व मल त्याग के बाद भी रिसाव होना |
मूत्र त्याग के बाद पुन : मूत्र त्याग के इच्छा होती है |
मूत्र-त्याग पर नियंत्रण नहीं होता तुरंत मूत्र त्याग की आवश्यकता होती है |
मूत्र-त्याग करते समय जलन या पीड़ा का अनुभव होना
मूत्र त्याग के समय रक्त का निकलना |
मूत्र त्याग करने के बाद भी मूत्राशय पूर्ण रूप से खाली नहीं होता है | इसके साथ ही मूत्र ज्ञात के बाद संतुष्टी का अनुभव नहीं होता है |
यदि आपको उक्त लक्षण प्रगट होते है तो कोई जरूरी नहीं की आपको प्रोस्टेट की समस्या हो | हो सकता है उक्त समस्या मूत्राशय के अस्वस्थ होने की वजह से हो सकती है |

उक्त समस्या मूत्राशय में मूत्र में जमा करने की वजह से हो सकती है | उक्त बात का निर्णय आपका चिकित्सक ही कर सकता है |

प्रोस्टेट से मूत्राशय की समस्या कैसी होती है ?(Prostate Symptoms):                         

मूत्र मार्ग में रुकावट : जैसे-जैसे प्रोस्टेट का आकार बढ़ता जाता है, वैसे वैसे मूत्र निष्कासन में बाधा होती है | यही बाधा मूत्राशय को पूर्ण रूप से खाली नहीं होने देता है | इस वजह से कई बार मूत्र जमा हो जाता है | इस वजह से मूत्र निरंतर रिसता है | यदि मूत्र का नियमित रिसना हो तो ऐसी अवस्था में तुरंत अपने चिकित्सक से विलम्ब परामर्श लेना चाहिए |

कई बार मूत्राशय को इस वजह से अतिसक्रिय होना पड़ता है | इस वजह से मूत्र त्याग अचानक हो जाता है | इस अवस्था में मूत्र त्याग पर से अपना नियंत्रण हट जाता है | मूत्र से नियंत्रण हट जाना व बिना इच्छा के मूत्र त्याग होना इस लक्षण के मुख्य लक्षण है | यह अवस्था कुछ सप्ताहों में और अधिक खराब हो जाती है | इसलिए ऐसी अवस्था होते ही अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य लेना चाहिए |

यदि आप इस रोग की अवस्था में सर्जरी करवाते है तो मूत्राशय की मांस पेशियों व तंत्रिकाओं को हानि पहुंचा सकती है | इस वजह से मूत्राशय पर से आपका नियंत्रण कम हो सकता है |

मूत्राशय पर नियंत्रण पाने के लिए क्या उपहार है?(Enlarged Prostate Treatment):

यदि आपको मूत्राशय सम्बंधित समस्या का अनुभव होता है तो ऐसी स्थिति में चिकित्सकीय परामर्श में विलम्ब नहीं करना है | ऐसी अवस्था में चिकित्सक के परामर्श से प्रोस्टेट संक्रमण, मधुमेह की जांच आवश्यक रूप से करना चाहिए |

प्रोस्टेट ग्रंथि को कैसे स्वस्थ किया जा सकता है?(Enlarged Prostate Treatment):

यहाँ हम कुछ ऐसे उपायों के बारे में बात करेंगे जिसके माध्यम से मूत्र त्याग से संबधित समस्याए व प्रोस्टेट की समस्या को कैसे सुरक्षित रूप से दूर किया जा सके |

यदि आपको इस तरह के कोई लक्षण प्रगट हो तो तुरंत अपने चिकित्सक से परामर्श लेकर आवश्यक जांचे अवश्य करवाना चाहिए |चिकित्सक से परामर्श लेने से हो सकता है किसी उपचार की आवश्यकता ही न पड़े |केवल कुछ दवाईयों के सेवन से इस रोग पर नियंत्रण पाया जा सकता है |

आवश्यक दवाईया (How to Cure Prostate):

प्रोस्टेट ग्रंथि की समस्या व मूत्र त्याग की समस्या के लिए अनेक दवाईयां उपलब्ध है |

प्रोस्टेट की सर्जरी (How to Cure Prostate):

यदि आपको प्रोस्टेट की समस्या गंभीर है तो सर्जरी के माध्यम से इसके क्षतिग्रत भाग को निकाला जा सकता है | यदि रोग की अवस्था गंभीर है तो पुरी ग्रंथि को ही निकाल दिया जाता है |

मूत्र त्याग का प्रशिक्षण (How to Cure Prostate):

मूत्र त्याग के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता है | मूत्र त्याग की प्रक्रिया को सुगम व सहज बनाने के लिए योग की वज्रोली क्रिया का अभ्यास किया जा सकता है | इस क्रिया के माध्यम से श्वास को खाली कर व रोककर लिंग को नियमित रूप से अंदर की खींचना व ढीला छोड़ना है | इस क्रिया को श्वास रुकने तक किया जा सकता है | इस क्रिया के माध्यम से मूत्राशय की मांसपेशियो में शक्ति आती है | इससे मूत्र विसर्जन प्रक्रिया आसान हो जाती है |

पेल्विक रीजन की माँसपेशियो को सक्रिय करना (Enlarged Prostate Treatment ):

योग में अनेक क्रियाए होती है | ऐसी ही कुछ क्रियाए है जिनके माध्यम से पेल्विक रीजन की माँसपेशियो को स्वस्थ व सक्रिय किया जा सकता है | योग की प्रभावी क्रिया अग्निसार क्रिया, भस्त्रिका क्रिया के माध्यम से पेल्विक रीजन को सक्रिय किया जा सकता है | इस प्रकार आप अपने पेल्विक रीजन को शक्तिशाली बनाकर मूत्र त्याग को व मूत्राशय को स्वस्थ व सक्रिय बना सकते है |

 

प्रोस्टेट सम्बंधित समस्या के लिए प्राकृतिक चिकित्सा का प्रयोग गर्म-ठंडा सेक बहुत ही प्रभावी प्रयोग है | इस रोग के प्रारम्भ में इसे कर के आप पेल्विक रीजन के रक्त संचार को व्यवस्थित करके मूत्र संबधित समस्या में लाभ प्राप्त किया जा सकता है |

प्रोस्टेट सम्बंधित समस्या होने पर क्या नहीं खाना चाहिए?(How to Cure Prostate):

जैसे ही आपको ज्ञात हो की आपको प्रोस्टेट समबंधित समस्या परेशान हो तो अपने आहार में कुछ परिवर्तन करे | मांसाहार, शराब, बीयर, अत्यधिक चाय-काफी का सेवन न करे | क्योकि इनके सेवन से डिहाइड्रेशन की समस्या होती है | इसीलिये जब भी हम चाय का सेवन करते है बार बार पेशाब के लिए जाना पड़ता है | मांसाहार व शराब ब्लेडर में दूषित पदार्थो के जमाव को बढ़ाता है | इसलिए ऐसे आहारों का सेवन बंद कर के बाद प्रोस्टेट ग्रंथि समस्या में आप आसानी से मुक्त हो सकते है |

बड़ी हुई प्रोस्टेट की समस्या की सबसे अच्छी दवाई क्या है?(Enlarged Prostate Treatment):

बड़े हुए प्रोस्टेट के लिए अल्फा ब्लॉकर्स(Alpha Blockers)एक अच्छी दवा है | जो प्रोस्टेट की ग्रंथि के आकार को कम करने, उसे आराम देने में व उसे स्वस्थ करता है | जिससे पेशाब का त्याग आसान हो जाता है क्या बढ़ी हुई प्रॉस्टेट ग्रंथि के लिए सबसे अच्छी दवा है | किन्तु इसका सेवन चिकित्सक के परामर्श से ही करना चाहिए |

प्रोस्टेट ग्रंथि के रोग होने पर कोनसे फल खाना चाहिए?(Home Remedy for Protest Gland):

प्रोस्टेट ग्रंथि के रोग व मूत्र त्याग सम्बन्धित समस्या होने पर चेरी, अंगूर, तरबूज, ब्लू बेरी, टमाटर व गोभी का सेवन करना चाहिए | इन फलों व सब्जियों में विटामिन ए ओर ई के मुख्य स्त्रोत है | इनका सेवन प्रोस्टेटिटिस के कारण होने वाले परिवर्तन को रोकता है | आहार में सेवन किये गए फलों व सब्जियों के सेवन से हमारे शरीर को भरपूर एंटी आक्सीडेंट तत्व प्राप्त होते है | एंटी आक्सीडेंट प्रोस्टेटड ग्रंथि में टूयमर की वृध्दि को रोकते है |

रात को सोने के पूर्व 2 पीली हरड़ को एक कप पानी में गला दे | सुबह इसके छिलके का नियमित रूप से सेवन करने से मूत्र सम्बंधित रोगो में लाभ हो सकता है |

उक्त जानकारी आपके ज्ञान के लिए दी जा रही है | इसका उदेश्य केवल आपको जागरूक करना है | आपको प्रोस्टेट ग्रंथि व मूत्र सम्बंधित समस्याओ से अवगत कराना है | ताकि आप इस समस्या के प्रति जागरुक हो | ताकि आप इस समस्या को आसानी से समझ सके व उचित निर्णय ले सके |

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