क्या आप आंखों के सूखेपन से परेशान है? Dryness in Eyes in Hindi
Dryness in Eyes in Hindi -Dr. Jagdish Joshi, Life Style Expert 125
Dryness in Eyes in Hindi -क्या आप की आंखो का पानी सूख रहा है? आज के समय मे आंखो के पानी सूखने(Dryness in Eyes) की समस्या एक आम समस्या है | आंखो का पानी सूखने की वजह से आंखों मे अत्यधिक जलन (Eye Burning)होती है | आँखो मे भारीपन (Heaviness)का अहसास होता है |
यदि हम पर्याप्त समय नींद लेते है | पोषक आहारों का सेवन करते हुए प्राकृतिक उपाय अपनाते है तो इस समस्या से मुक्ति पा जाते है | यह समस्या यदि लंबे समय तक रहती है तो इसे अनदेखा न करे | किसी कुशल चिकित्सक से इस समस्या का निदान करवाए |
तो आईये हम इस रोग के कारण (Dry Eye Syndrome) व उसके घरेलू उपायो के बारे मे जानेगे |
जब आप लंबे समय तक कंप्यूटर, मोबाइल या टीवी देखते है तो आंखो का पानी सूखने लगता है | आज के समय मे अनेक युवा 14-15 घंटे कंप्यूटर पर कार्य करते है | कंप्यूटर पर कार्य करना हमारी जबाबदारी (Job Responsibility) है |
इस वजह से आंखो मे पानी सूखने की समस्या एक आम समस्या हो जाती है | किन्तु सही जीवन शैली अपनाई जाती है तब हम इस समस्या से मुक्ति पा जाते है |
आंखो का सूखापन क्या है?(What is Dry Eye Syndrome) :
ड्राय आई होने का मुख्य कारण व्यक्ति का कार्यालय मे अत्यधिक देर कंप्यूटर(Job Responsibility) पर व्यस्त रहना | मोबाईल पर अत्यधिक व्यस्त रहना | लंबे समय तक टीवी देखना | इस वजह से आंखों के पानी सूखने की समस्या का सामना करना पड़ता है |
हमारी आंखों में आंसुओं की तीन सतह (फैटी ऑइल्स, एक्वस फ्ल्युड और म्यूकस) होती है | इन सतहों का काम आंखों में नमी बनाए रखना, आंखों को मुलायम बनाये रहना व आँखों को स्वच्छ रखना | ये आँखों के सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करती है। आँसुओं की फिल्म में गड़बड़ी आने से ड्राई आईस (आंखों मे सूखापन) की समस्या हो जाती है।
आखिरकार आंखों के पानी के सूखने की समस्या का क्या कारण है?: जब आपकी आँख के आँसुओं का उत्पादन प्रभावित होता है, तब आंखो के पानी सुखने की समस्या का सामना करना पडता है |
हमारी आँखों मे आँसूओ की तीन सतह होती है | इस वजह से आंखों की सतह पर चिकनाहट (Lubricant) बनी रहती है | यदि आँखों मे आँसुओं का उत्पादन प्रभावित होता है तो आंखों मे पानी सूखने की समस्या हो जाती है |
गैजेट्स का अत्यधिक प्रयोग करना (Dryness in Eyes in Hindi) :
गैजेट्स के अत्यधिक इस्तेमाल की वजह ड्राई आई सिंड्रोम के मामले काफी प्रकाश में आ रहे हैं। क्योकि हम अपनी जीवनचर्या मे अत्यधिक समय कंप्यूटर, टीवी, मोबाईल पर व्यतीत करते है | तो फिर आंखों की समस्या क्यों नही होगी?
यदि यह समस्या लंबे समय तक बनी रहे तो उसकी चिकित्सा समय रहते कराना आवश्यक है, अन्यथा बैक्टीरिया का संक्रमण, आंखों की सतह पर सूजन का आ जाना, कोर्निया का क्षतिग्रस्त हो जाना जैसी अनेक जटिल समस्या होने की संभावना हो जाती हैं।
आंखों मे पानी सूखने की समस्या क्यो होती है ?(Dryness in Eyes in Hindi) :
जब आपके आंसू आंखों को चिकनाई नहीं दे पाते है | यह समस्या आंखों के पानी सूखने की समस्या है | उक्त समस्या तब पैदा होती है जब आपकी आंखों मे पर्याप्त आंसू नही बनते है |इस वजह से आंखों मे सूजन आ जाती है |
आंखों मे खुजली होती है |आंखों के पानी के सूखने की वजह से आंखों की सतह को नुकसान पहुंचता है |
आंखों मे पानी सूखने की समस्या की वजह से हमें विभिन्न अवसरों पर परेशानी होती है (Dryness in Eyes in Hindi) :
जब हम हवाई यात्रा कर रहे होते है |
जब हम बाइक चला रहे होते है |
जब हम किसी वातानुकूलित कमरे मे बैठे होते है |
जब हम कंप्यूटर चला रहे होते है, या टीवी देख रहे होते है या हम मोबाइल चला रहे होते है तब यह समस्या बढ़ जाती है | इसलिए ऐसे समय मे आंखो को विशेष सुरक्षा प्रदान करना चाहिए |
आखिर आंखों की समस्या को कैसे दूर कर सकते है?(Dry Eye Treatment) :
आंखों के ड्राई नेस की समस्या को दूर करने के लिए अपनी जीवन शैली मे आवश्यक सुधार करना पडेगे | आंखों के व्यायाम करना होगे | ताकि पर्याप्त आंसूओ का उत्पादन हो | इसके साथ ही विभिन्न चिकित्सा पद्धतियो मे आई ड्रॉप आते है | जिनके प्रयोग से आँखों की नमी बनी रहती है |
ड्राय आई सिंड्रोम के लक्षण (Symptoms of Eye Dryness):
आंखो के पानी सूखने की समस्या एक आँख या दोनों आंखों मे हो सकती है | आंखों मे पानी सूखने के लक्षण निम्नानुसार है –
आँखों मे जलन होना |
आंखों मे अनावश्यक तनाव का अनुभव होना |
प्रकाश के प्रति अतिसंवेदनशीलता का अनुभव |
आँखों मे लालीपन |
आंखों मे परेशानी का महसूस होना |
कांटेक्ट लेंस पहनने मे समस्या होना |
रात को गाड़ी चलाने मे परेशानी होना |
आंखों की दृष्टि धुंधली होना (Anko ka Dhundhalapan) |
ड्राय आई सिंड्रोम के प्रमुख कारण(Cause of Dry Eyes Syndrome):
हार्मोन मे परिवर्तन होने पर
जीवनी शक्ति मे परिवर्तन होने पर |
आँखों मे सूजन आने पर
आंखों मे संक्रमण होने पर
आँखों मे आँसुओं का तेजी से वाष्पीकृत होना
इस वजह से आँखों मे आँसुओं का उत्पादन कम हो जाता है | या आँसूओ (Aqueous Fluid) का उत्पादन बंद हो जाता है |
आंखों के पानी सूखने (Dryness of Eyes) की समस्या कब हो सकती है (Dryness in Eyes in Hindi) :
जब आप गजेट्स का अत्यधिक प्रयोग करते है |
यदि आपकी उम्र 50 वर्ष से अधिक हो गई है |
महिलाओं मे हार्मोन परिवर्तन की वजन से |
विटामिन ए से युक्त आहार का सेवन नहीं करना |
आंखों मे कांटेक्ट लेंस पहना |
दवाइयों के दुष्प्रभाव की वजह भी आँखो के ड्राई नेस का कारण है | हार्मोन्स की दवाई, अवसाद की दवाई, उच्च रक्तचाप की दवाई, मुंहासे, पार्किन्संस रोग के लिए दी जाने वाली दवाईयों के सेवन से आँखों के आँसूओ के निर्माण पर नकारात्मक प्रभाव होता है
आँसुओं का हमारी आँखो के स्वास्थ्य के लिए क्या महत्व है (Importance of Tears) :
आंसू से संक्रमण से सुरक्षा होती है |
आँखों को सूजन से बचाता है |
ड्राई आई सिंड्रोम से बचने के उपाय (How to Prevent Dry Eye Syndrome) :
तेज हवाओं से अपनी आँखों को बचाये
नमी युक्त वातावरण मे रहे
गहरे रंग के चश्मे पहने |
जब भी कंप्यूटर पर लंबे समय तक कार्य करे तो कुछ समय के लिए विश्राम करे |
आंखों को कंप्यूटर स्क्रीन के स्तर पर रखे |
सिगरेट का सेवन न करे |
अपनी पलकों को बार बार झपकाए
यदि आप एयर कंडीशनर वातावरण में लम्बे समय रहते है तो ऐसी अवस्था में आँखों के ड्राय नेस की समस्या बढ सकती है | क्योकि वाष्पीकरण बढ़ने से ड्राय आई की समस्या हो जाती है | जब भी आप निरंतर कंप्यूटर पर कार्य करे 30 मिनिट बाद 15 सेकण्ड का ब्रेक लेकर कुछ सेकंड के लिए आँखों को बंद कर ले | इससे आपकी आँखों की नमी बनी रहेगी |
अपने कार्य स्थल पर पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था रखे |
आपके कंप्यूटर की स्क्रीन को सामान्य प्रकाश के स्थिति मे रखे | कंप्यूटर व आंखों के बीच 12 इंच की दूरी रखे | आपके बैठे की व्यवस्था उचित स्तर की होनी चाहिए |
अपने आहार में पोषक भोजन को शामिल करें, जिसमें पर्याप्त मात्रा मे विटामिन ए शामिल हो | अपने आहार में पर्याप्त हरी सब्जियां , गाजर, ब्राकोली , अखरोट की पर्याप्त मात्रा शामिल हो |
तेज हवाओं के झोके से आंखों को बचाएं |
हेयर ड्रायर, कार हीटर्स, एयर कंडीशनर या पंखे की हवा को सीधे आंखों पर न आने दें।
अपनी आंखों की पलकों को बार-बार झपकाये |
यह तब बहुत जरूरी हो जाता है जब आप एयर कंडीशन वातावरण में काम करते हैं, क्योंकि ऐसी स्थिति में वाष्पीकरण बढ़ने से ड्राई आई की आशंका अधिक होती है। हर 15 मिनिट में पंद्रह सेकंड का ब्रेक लें और अपनी आंखों को बंद कर लें। इससे आपकी आंखें नम रहेंगी।
कार्यस्थल पर रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था (Dryness in Eyes in Hindi):
यह सुनिश्चित करें कि आपके कार्यस्थल पर पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था हो | कम्प्युटर की स्क्रीन अत्यधिक ब्राइट न हो। कम्प्यूटर और आंखों के बीच कम से कम 12 इंच की दूरी हो। जब आप कंप्यूटर पर कार्य करे आप अपनी रीढ़ को सीधा रखे ।
अपने आहार मे पोषक पदाथों को शामिल करे (Home remedy for Dry Eye Syndrome):
जिन लोगो को आंखो के पानी सुखने की समस्या होती है उनके शरीर मे पोटेशियम की कमी होती है | इसलिए उन्हे अपने आहार मे बादाम, केले, किशमिश, अंजीर को अवश्य शामिल करना चाहिए |
आहार मे ऐसे भोजन का सेवन जिसमें विटामिन ए (हरी पत्तेदार सब्जियां,गाजर, ब्राकोली आदि) और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स (मछलियां, अखरोट और वनस्पति तेल आदि) अधिक मात्रा में शामिल हों।
आहार मे फेटी ऐसिड, विटामिन बी-6, विटामिन सी और डी को अवश्य शामिल करना चाहिए | इनका सेवन आंसूयों के उत्पादन को नियमित करता है |
पानी मे एलोवेरा जेल को मिलाकर उससे आंखो को धोये |
आलू की चिप्स काटकर फ्रिज मे कुछ घंटों के लिए रखे | इसके ठंडा होने पर आलू की चिप्स को आंखों पर रख दे |
खीरे की स्लाईस को काटकर आंखों पर रख दे |
अपनी आंखों को तेज हवा से बचाएं |
हेयर ड्रायर, कार हीटर, एयर कंडीशनर्स या पंखे की हवा को सीधे आंखों पर न आने दें।
ह्युमिडीफायर का इस्तेमाल करें | ह्युमिडीफायर का प्रयोग बंद कमरो की सुखी गर्म हवा को नमी युक्त बनाता है |
आँखों को तेज व सुखी हवा से बचाने के लिए आई वियर का इस्तेमाल करें
आंखों को तेज और सुखी हवा से बचाने के लिए शील्ड्स, आई ग्लासेस या स्कार्फ का इस्तेमाल करें।
आँखों को ड्राइनेस से बचने के लिए जीवन शैली में आवश्यक परिवर्तन(Home Remedy for Dry Eye Syndrome) :
पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करे |
गाजर बीटरूट के जूस का सेवन करें |
अपने आहार में बादाम को शामिल करे |
त्रिफला पानी से अपनी आँखों को धोये |
आँखों को स्वस्थ रखने के लिए आँखों के व्यायाम करें |
हमें डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?(Dryness in Eyes in Hindi) :
ड्राय आई सिंड्रोम और उसके कारणों का पता लगाने के लिए कुछ जरूरी टेस्ट किए जाते हैं, जिनमें सम्मिलित हैं
आँखों के सूखेपन (Dryness of Eyes) के कारणों का पता लगाने के कुछ टेस्ट आवश्यक है :
आँखों की चिकित्सा विशेषज्ञ से जांच करवानी चाहिए |
आँखों के लिए आवश्यक सम्पूर्ण जांच करवानी चाहिए ताकि रोग की वास्तविक स्थिति ज्ञात हो सके|
शिर्मर टेस्ट:
आँखों में आंसुओ के उत्पादन की वास्तविक स्थिति को जानने के लिए शिर्मर टेस्ट किया जाता है |
टियर ऑस्मोलेरिटी टेस्ट:
आँसूओं की संरचना की जांच के लिए टियर ऑस्मोलेरिटी टेस्ट कराया जाता है | यह टेस्ट उन रोगियों को करवाया जाता है जिनकी आँसूओं का उत्पादन कम होता है
आंसुओं की गुणवत्ता जांचने के लिए भी टेस्ट करवाया जा सकता है।
यदि आपको आंसुओं को सूखने (Dryness of Eyes ) की समस्या है तो आप किसी अच्छी दवा कंपनी के आई ड्राप का प्रयोग करें |
उक्त प्रयोग जन सामान्य के लिए आवश्यक जानकारी हेतु दिये गए है | यदि आप इन नियमों का पालन करते है तो निश्चित ही इस समस्या से मुक्ति पाते है | किन्तु उक्त समस्या ज्यादा दिनो तक रहती है तो अपने नजदीक के आंखो के चिकित्सा विशेषज्ञ को अवश्य दिखाये |
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