बारिश के मौसम के क्या खाना चाहिए ताकि हम बीमार ही न हो | Health Precautions in Rainy Season

Health Precautions in Rainy Season

Health Precautions in Rainy Season

Health Precautions in Rainy Season | What to Eat and What to Avoid During Rainy Season? | Diet in rainy season | lifestyle during monsoon season| how to keep healthy |

Health Precautions in Rainy Season- बारिश के मौसम के क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए?

Healthy life Style in Rainy Season?

Health Precautions in Rainy Season – Dr.Jagdish Joshi, Lifestyle Expert

बारिश के मौसम मे कैसे स्वस्थ्य रहे?(Health Precautions in Rainy Season ):                                                                   बारिश के मौसम में सम्पूर्ण प्रकृति बहुत सुंदर हो जाती है । प्रकृति चारो और हरी चादर ओढ लेती है | सब दूर हरियाली फैल जाती है । मन उमंगों से भर जाता है, किन्तु इस उमंग भरे वातावरण में अत्यधिक बीमारियाँ भी होने लगती है |

बारिश के मौसम मे बच्चों, महिलाओ व बुर्जगो का विशेष ध्यान रखना पडता है | (Health Problem in Rainy Season) क्योकि कमजोर जीवनी शक्ति वाले व्यक्ति बारिश के मौसम में बीमार हो जाते है | बारिश का सुहावना मौसम बीमारियों का मौसम बन जाता है ।

बारिश के मौसम मे एक सामान्य व्यक्ति की इम्युनिटी कमजोर हो जाती है | कई लोग तो बारिश के मौसम मे बीमार हो जाते है इसलिए बारिश के मौसम को बीमारी का मौसम भी कहते है | बारिश मौसम में सर्दी-खांसी, गले के संक्रमण, अस्थमा, एलर्जी, पेट दर्द, सिर दर्द, दस्त टायफाईड, डेंगू, मलेरिया व अन्य रोग बहुत होते है |

वर्तमान समय में यदि किसी व्यक्ति को सर्दी-खांसी, दस्त, उल्टी की शिकायत होने पर तुरंत चिकित्सकीय परामर्श ले | किंतु यदि उक्त समस्या 5 -7 दिन तक रहती है तो बिना लापरवाही किये आवश्यक जांच अवश्य करवाए |

 

हर समस्या कोरोना की संभावना नहीं है | किन्तु यदि स्वास्थ्य सम्बंधित समस्या रहती है | तो चिकित्सकीय जांच आवश्यक रूप से करवाए |

बारिश के मौसम को सुहावना व आनंदमय बनाने के लिए हम कुछ महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करेगे | ताकि बारिश के मौसम में हम बीमार ही न हो |

यदि आप जीवन शैली के नियमों का पालन करते है तो आप इस मौसम में कभी बीमार नहीं होगे | बारिश के मौसम का भरपुर आनंद ले सकेगे |

बारिश का मौसम (Rainy season in India):                                                                                                                        हमारे देश में बारिश का मौसम प्राय: जून से प्रारम्भ हो कर सितम्बर-अक्टुम्बर (Rainy Season of India) तक चलता है |

बारिश के मौसम में कभी बारिश, कभी ठण्ड व कभी गर्मी जैसा मौसम रहता है | सूर्य देवता कभी प्रगट होते है तो कभी बादलो की ओट में छुप जाते है | सूर्य देवता की इस लुका छिपी में वातावरण में अत्यधिक गर्मी होती है तो कभी अत्यधिक ठंडक हो जाती है |

Health Precautions in Rainy Season :                                                                                                                        बारिश मे मौसम के निरंतर बदलने से  पाचन प्रणाली प्रभावित हो जाती है । इस मौसम मे पित्त (Acidity) व वात (Gas Problem) का प्रकोप बढ जाता है | शरीर अम्लता (Acidity) व गैस (Gas) का शिकार हो जाता है ।

Rainy Season Health Problem:                                                                                                                                    बारिश के मौसम में अनेक व्यक्ति बुखार के भी शिकार हो जाते है | बारिश के मौसम में पित्त (ऐसिडिटी)की अधिकता की वजह से ही बुखार आता है | इसलिए इस मौसम में व्यक्ति बहुत बीमार होते है | इसलिये हम एसिडिटी से मुक्त रहने का प्रयास करना चाहिए |

बारिश के मौसम में चर्म रोग की समस्या हो जाती है | क्योकि कई बार व्यक्ति गीले कपडे ही पहन लेता है | गीले कपड़े पहनने की वजह से व्यक्ति फंगल इन्फेक्शन का शिकार हो जाता है |

बारिश के मौसम में भीगने की वजह से कमजोर जीवनी शक्ति के व्यक्तियो को प्राय: सर्दी-खांसी की शिकायत हो जाती है |

कफ प्रकृति वाले व्यक्तियों की पाचन अग्नि मंद होती है | पित्त प्रकृति वालों की पाचन अग्नि तेज होती है | इसलिये अपने शरीर की प्रकृति के अनुसार ही भोजन का चुनाव करे । आयुर्वेद मौसम के अनुसार हमारे आहार का निर्धारण करता है ।

 

बारिश के मौसम में कौनसा आहार सेवन करे? (Health Precautions in Rainy Season )

बारिश के मौसम मे कौनसी दाल का सेवन करे? ( Health Precautions in Rainy Season)  :                                                  बारिश के मौसम मे मूंग की दाल का सेवन करना चाहिए |(What to Eat in Rainy Season in India) मुंग की दाल का सेवन उचित मात्रा में ही करना चाहिए | किन्तु जिनकी पाचन शक्ति मजबूत है वे अन्य दालों का सेवन कर सकते है |

राजमा छोले का सेवन अपने शरीर की प्रकृति व पाचन क्षमता के अनुसार ही करे, क्योकि ये आहार पचने मे भारी होते है । यदि ये आहार आपको आसानी से न पचे तो इसका सेवन कदापि न करे |

बारिश के मौसम मे कौनसी सब्जियों का सेवन करे ?(Which Vegetables Should be Consumed During the Rainy Season):                                                                                                                                                                         बारिश के मौसम में लोकी, गिलकी, तुरई, करेला,कद्दू, नारियल, अदरक, हल्दी, हींग, जीरा, काली मिर्च, कोथमीर, पोदीना, कढी पत्ता का सेवन करना चाहिए |

(Food to Eat During Rainy Season) बारिश के मौसम में उपरोक्त सब्जियों का सेवन करते है तो जीवनी शक्ति (Immunity) मजबूत बनी रहती है । बारिश के मौसम में लाल मिर्च का प्रयोग कम मात्रा में ही करे ।

बारिश के मौसम मे कौनसे फलों का सेवन करे? (Barish me Kiya Khana Chaiyea):बारिश के मौसम मे पानी वाले फल जैसे मौसम्बी, संतरा, तरबूज, खरबूज का सेवन नही करना चाहिए । (What type of Food to Eat in Rainy Season in India) इस मौसम मे सेवफल, केला, नाशपाती, पपीता, जामुन, अनार का सेवन कर सकते है । फलों को सेवन करने के पूर्व अच्छी तरह से धोकर ही प्रयोग में लाये |

बारिश के मौसम में कभी कटे हुए फलों व फ्रिज में रखे हुए फलों का कदापि न करे |

बारिश के मौसम मे कौनसी सब्जियाँ नहीं खाना चाहिए? (Barish ke Mousam me Kounasi Sabjiyo ka Sevan Nahi kare?):

Healthy life Style in Rainy Season – बारिश के मौसम को हिंदू धर्म में चार्तुरमास (Rainy Season) कहते है | (Barish ke mousam me kiya nahi khana chaiye) बारिश के मौसम में प्याज, बेंगन, पालक, मैथी, चौलाई, अन्य पत्तेदार सब्जियाँ व लहसुन का सेवन नही करना चाहिए । क्योकि ये आहार बारिश के मौसम मे मुश्कील से पचते है । बारिश के मौसम में पत्तेदार सब्जियों, पत्ता गोभी व फूल गोभी में कीड़े लगे रहते है | इसलिए इनका सेवन बारिश के मौसम में नहीं करना चाहिए |

बारिश के मौसम मे ताजे फलो का सेवन करे (Barish ke mousam me kounse phalo kaa sevan kare):                             बारिश के मौसम मे ताजे व मौसमी फलो का ही सेवन करना चाहिए | बारिश मे जामुन, मुमफली, भुट्टे, ककड़ी, पपीता, नाशपाती,सेवफल  पर्याप्त मात्रा मे आते है | इनका उचित मात्रा मे सेवन करना चाहिए |

बारिश के मौसम में ऐसिडिटी से कैसे मुक्त रहे? (How to Stay Free from Acidity in Rainy Season):बारिश के मौसम मे लाल मिर्ची का सेवन कम मात्रा मे करे | बारिश के मौसम में हरी व शिमला मिर्च का भी उचित मात्रा में सेवन करे | इनका अधिक मात्रा में सेवन गैस की शिकायत करता है ।

अमचूर का प्रयोग पित्त (Acidity) के लिये श्रेष्ठ दवाई है । बारिश के मौसम मे जब भी दाल बनाए तो उसमे अमचूर का प्रयोग करना चाहिए | अमचूर के प्रयोग से पित्त अर्थात ऐसिडिटी नियंत्रित रहती है | इस प्रकार आप खट्टी-मिठी स्वादिष्ट दाल सेवन कर सकते है |

बारिश के मौसम मे कौनसे पेय पदार्थो का सेवन करे ? (Rainy Season Healthy Recipe):                                                      प्राय: बारिश के मौसम में हम अत्यधिक चाय/काफी का सेवन कर जाते है | चाय काफी ऐसिडिटी का सेवन शरीर में पानी की कमी कर देता है |इस लिए चाय/काफी का सेवन करने के बाद पेशाब बार-बार आती है |

बारिश के मौसम में अक्सर पाचन सम्बंधित तकलीफ, ठन्ड लगने की शिकायत व अन्य रोगों से सुरक्षित रहने के लिये  बारिश के मौसम मे गिलोय व आंवला पानी का सेवन कर सकते है । चाय काफी को कम मात्रा मे ले, हर्बल ड्रिक्स ले सकते है | गुड अद्रक नीम्बू का काढा, आयुर्वेदिक चाय का सेवन किया जा सकता है | नीम्बू पानी गर्म पानी मे ले सकते है । इस मौसम में की हरी चाय व तुलसी का काढा, दुध मे हल्दी का सेवन कर सकते है । इनमे से कोई 1-2 पेय पदार्थो का सेवन किया जा सकता है |

बारिश के मौसम में कभी भी फलों के रस या सब्जियों के रस (कच्चे पेय पदार्थो ) का सेवन नही करना चाहिए | बारिश के मौसम में कच्चे आहार के सेवन से बचना चाहिए |

बारिश के मौसम मे गरम सूप पीये (Healthy life Style in Rainy Season  ):                                                                          बारिश के मौसम मे सब्जियों के गर्मा गरम सूप व अन्य पेय पदार्थो का सेवन किया जा सकता है | सब्जियों के सूप से पाचन प्रणाली स्वच्छ होती है | इसके साथ ही आप एसिडिटी से भी मुक्त रहते है |

बारिश के मौसम मे दही- छाछ का सेवन करे (Rainy Season Healthy Precaution):बारिश के मौसम मे दूध के सेवन से बचे, दही, छाछ का सेवन करे | यदि आपकी प्रकृति ठंडी नही है तो आप दही का सेवन कर सकते है | आयुर्वेद के मतानुसार ताजे दही की प्रकृति गर्म होती है | आहार में ताजे दही का सेवन ही करना चाहिए |

बारिश के मौसम मे पानी की स्वच्छता का ध्यान रखे (Rainy Season Health Tips):                                                             बारिश के मौसम में पानी में अशुध्दता बहुतअधिक होती है | पानी का पर्याप्त मात्रा मे सेवन करे व पानी की शुध्दता सुनिश्चित कर के ही पानी का सेवन करे । इसके साथ ही पानी का विशेष ध्यान रखे क्योकि बारिश के मौसम पानी मे कीटाणु व बेक्टेरिया होते है|  इसलिये पानी को शुध्द कर के ही प्रयोग मे लाये । जिनकी जीवनी शक्ति (Immune System) कमजोर होता है | इसलिए पानी को उबालकर ही सेवन करना चाहिए  | ताकि वे बारिश के मौसम में होने वाले संक्रमण (Infection) से बचे रहे |

जिनका जीवनी शक्ति (Immune System) कमजोर है वे पानी को उबालकर व व उसे ठंडा कर सेवन करे । पका हुआ पानी कभी भी शरीर को रोगी नहीं बनाएगा |

 

बारिश के मौसम में कच्चा आहार सेवन न करे (Healthy life Style in Rainy Season  ):                                                      बारिश के मौसम मे अंकुरित (Sprouts) अनाज का सेवन न करे | बारिश के मौसम मे अंकुरित (Sprouts) अनाज में चिकानपन आ जाता है  | जो बेक्टेरिया की वजह से होता है | अंकुरित अनाज के सेवन की वजह से दस्त या अन्य पाचन सम्बंधित समस्याएं पैदा हो जाती है ।

आंवला, करेला कडवे व कसेला आहार की श्रेणी में आते है  | इनका बारिश के मौसम में सेवन स्वास्थ्य को मजबूती प्रदान करता है | इन्हे अपने आहार मे शामिल करे । बासी खाना कदापि न खाये, आहार को ताजा ही सेवन करे ।

इस मौसम मे व्यक्ति की जीवनी शक्ति (Immune System)कमजोर हो जाती है, पाचन अग्नि के मंद होने की वजह से भोजन भी अच्छे से नही पचता है । बारिश का मौसम होने से आऊट डोर एक्टीविटी भी कम हो जाती है | जिससे भोजन के पाचन मे कमजोरी आती है । क्योकि गरिष्ठ भोजन बिना श्रम के नही पचता है । इसलिए आसानी से पचने वाले सुपाच्य भोजन का ही सेवन करे |

 

बारिश मौसम मे कोन से तेल का प्रयोग करे? (Healthy life Style in Rainy Season ):                                                           बारिश मौसम मे सरसो के तेल का प्रयोग न करे | सरसो तेल की प्रकृति गर्म होती है | बारिश के मौसम में मुंगफली, तिल्ली, खोपरे के तेल या घी का प्रयोग कर सकते है । खाद्य तेल को बार-बार गर्म कर के प्रयोग में न लाये । तेल को बार-बार गर्म करने की वजह से तेल गाढा हो जाता है  | जिसके सेवन से व्यक्ति के रक्त में बुरे कोलेस्ट्राल (Bed Cholesterol) की मात्रा बढ जाती है | इसलिए तेल को बार बार गर्म कदापि न करे ना ही इस प्रकार के तेल में बने हुए खाद्य पदार्थो का सेवन कदापि न करे |

इसके साथ ही बाजार में बने हुए कचोरी, समोसे, सेव, मिक्चर या अन्य तले हुए पदार्थो का सेवन करने से बचे | प्राय: बाजार में बने हुए खाद्य पदार्थ एक ही तेल को बार-बार गर्म करके बनाये जाते है | किन्तु आप स्वाद से मजबूर है तो इनका कम मात्रा में ही सेवन करे | यदि इन आहारों के सेवन के दुष्प्रभाव से बचना है|  तो अपने आहार में भरपूर फलों व सब्जियों का सेवन करे तब ही आप हृदय रोग से सुरक्षित रह पाएंगे |

बारिश के मौसम मे क्या नही खाना चाहिए? (Food to Avoid During Monsoon in Hindi):                                                    कभी भी कटे व खुले हुए फलो का सेवन नही करना चाहिए | फ्रिज मे रखे अत्यंत ठंडे फलो का भी सेवन नही करना चाहिए |

बारिश के मौसम मे बाहर के अर्थात होटल का खाना, सड़क पर बिकने वाला आहार (Street Food) न खाए (Avoid) करे | प्राय: इन आहारों को बनाने वाले पानी की शुध्दता व आहार की शुध्दता का ध्यान नही रखते है ।

बारिश के मौसम में भजिये का सेवन करे (Eat Bhajiya in Rainy Season):                                                                                 बारिश मौसम मे लोग भजिये पसंद करते है । आयुर्वेद के मतानुसार बारिश में भजिये का सेवन किया जा सकता है | (Spicy Food  for Rainy Season)भजियो का सेवन सिमित मात्रा मे किया जाना चाहिए । भजिए घर पर ही बनाकर सेवन करे |

जिनकी पित्त प्रकृति है अर्थात जिनकी पाचन अग्नि तेज है वे पर्याप्त मात्रा मे तले हुए पदार्थो का सेवन कर सकते है |

किंतु जिनकी प्रकृति कफ (Cough) व गैस (Gas) की होती है उन्हे अत्यंत सिमित मात्रा मे तले हुए पदार्थो(Fried Items) का सेवन करना चाहिए | क्योकि कफ प्रकृति व गैस प्रकृति के व्यक्ति की पाचन प्रणाली (Digestive Fire) कमजोर होती है ।

बारिश के मौसम मे कौनसी मिठाई का सेवन करे ?(Healthy life Style in Rainy Season  );                                                        बारिश के मौसम मे मावे की मिठाई का सेवन न करते हुए छेने की मिठाई का सेवन किया जा सकता है | बारिश के मौसम में मिठाई के विकल्प ड्राय फ्रूट्स की मिठाई व घर की बनी हुई मिठाईयो (हलवा, केसरिया भात व अन्य आहार ) का सेवन किया जा सकता है |

बारिश के मौसम में सी फूड का सेवन कदापि न करे (Food to Avoid in Rainy Season):बारिश के मौसम में सी फूड का सेवन न करे | बारिश का मौसम मछलियों के प्रजनन का समय होता है | इसलिए बारिश के मौसम में मछलियो व प्रांस(मांसाहार) का सेवन कदापि न करे |

घर पर रहकर नियमित व्यायाम करे (Do Regular Exercise at Home):बारिश के मौसम में बाहर जाकर व्यायाम करना संभव नही होता है | बारिश के मौसम मे घर पर रहकर योग,प्राणायाम, श्वास की क्रियाए व अन्य देशी व्यायाम भी किए जा सकते है|

 

क्या हम जीवन भर आहार के नियमो का पालन करे? (Health Precautions in Rainy Season ):आहार के नियमों का पालन सामान्य जीवन चर्या जीवन जीने वाले व्यक्तियों के लिए है | किंन्तु जो अत्यधिक कठिन शारीरिक परिश्रम करते है यदि वे आहार के नियमो का पालन भी नहीं करते है तो भी वे स्वस्थ रहते है | क्योकि अत्यधिक परिश्रम करने वालो की पाचन अग्नि बहुत तेज होती है | ऐसे लोग कभी बीमार भी नहीं होते है |

 

बारिश के मौसम मे सावधानी (Health Precautions in Rainy Season ):                                                                            बारिश के मौसम में भीगने से बचना चाहिए |बारिश के मौसम के मौसम के कान, नाक, गले, आँख व अन्य अंगों में संक्रमण होने की संभावना रहती है | इसलिए यदि शरीर के किसी अंग में किसी भी प्रकार के संक्रमण के लक्षण प्रगट हो तो उसे हल्के में न ले | संक्रमण होने के लक्षण होने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श अवश्य ले |

बारिश में पानी मे भिगने के बाद गुनगुने पानी से स्नान अवश्य करे ताकि इस मौसम मे संक्रमण से बचाव हो सके | क्योकि बारिश के मौसम में पानी की वजह से संक्रमण (Fungal Infection) होने की संभावना हो जाती है |

बारिश के मौसम में कपडे को अच्छी तरह से धोये व अच्छी तरह से सुखाकर ही (Healthy life Style in Rainy Season ) पहने नमी वाले कपडो को कदापि न पहने |  इससे इंफेक्शन का डर रहता है । इस मौसम में त्वचा पर फंगल इंफेक्शन व बेक्टेरिया की समस्या ज्यादा होती है नमी की वजह से कपडे ढंग से नही सुखते है  | जिससे त्वचा फंगल इंफेक्शन की शिकार हो जाती है । इसलिए कपड़ो को अच्छी तरह से सुखाकर ही पहने | ख़ास तौर पर अंतरवस्त्र को अच्छी तरह से सुखाने के बाद ही पहने | बारिश के मौसम में यदि अंत वस्त्र गीले है तो उसे इलेक्ट्रिक प्रेस की सहायता से अच्छी तरह से सुखाकर ही पहने |

गीले अंतर वस्र (Under Garments) पहनना चर्म रोग को सीधा आमंत्रण (Invitation) देना है |

बारिश के मौसम में अत्यधिक मसालेदार खाद्य पदार्थो का सेवन नहीं करना चाहिए | क्योकि अत्यधिक मसालेदार खाद्य पदार्थो का सेवन करने की वजह से शरीर का तापमान अधिक बढ़ जाता है | जिन्हे एलर्जी की शिकायत है उन्हें मसालेदार खाद्य पदार्थो का सेवन तकलीफ को बढ़ा देता है | इसलिये उन्हें अत्यधिक मसालेदार खाद्य पदार्थो के सेवन से बचना चाहिए |

बारिश के मौसम में गर्म पानी के साथ दाल चीनी का नियमित प्रयोग करने से आंतों की क्रिया सुचारु होती है | इसके साथ ही बारिश के मौसम में होने वाले जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है 

बारिश के मौसम में चाय, काफी के अत्यधिक सेवन से बचना चाहिए | क्योकि चाय-काफी के अत्यधिक सेवन की वजह से शरीर में पानी में कमी हो जाती है |

बारिश के मौसम में इमली, कबीट व अचार के सेवन से बचे | बारिश के मौसम में इनके सेवन से शरीर में पानी की कमी हो जाती है |

बारिश के मौसम में सलाद के सेवन से बचे |

बारिश के मौसम में फलों /सब्जियों को प्रयोग में लाने के पूर्व अच्छी तरह से धोकर ही प्रयोग में लाये |

इस प्रकार हम देखते है कि सही लाईफ स्टाईल(Lifestyle) को फालो कर के आप व आपका परिवार स्वस्थ्य व निरोगी हो सकता है | हमें मौसम व शरीर की प्रकृति के अनुसार अपनी जीवन चर्या को अपनाये ताकि आप व आपका परिवार स्वस्थ्य व निरोगी हो और हम स्वस्थ समाज व देश का निर्माण कर सके |

https://en.wikipedia.org/wiki/Baris

https://en.wikipedia.org/wiki/Bar%C4%B1%C5%9F_Ardu%C3%A7

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