गले की खराश कैसे दूर करे? Gale ki kharash

Throat Infection
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गले की खराश कैसे दूर करे? (Gale ki Kharash) 

Throat infection

गले की खराश कैसे दूर करे? Gaale ke kharash- Dr.Jagdish Joshi, Lifestyle Expert 125

गले में खराश क्यों होती है ?(Gale ki Kharash) कई बार हम गले की खराश के शिकार हो जाते है | गले की खराश (Throat Infection)की वजह से हम रात को ठीक प्रकार से सो नहीं पाते है | यदि दिन में खराश होती है तो हम परेशान हो जाते है | आखिरकार इस खराश का क्या कारण है?

आखिर कार गले की खराश क्यों होती है? प्राय: हमने देखा है की मौसम बदलने पर, पेट ख़राब होने पर, ठंडा गर्म खाने पर गले की खराश होती है | हमारा गला दीपावली के दौरान भी खराब हो जाता है | क्योकि दीपावली के दौरान हम खानपान में बहुत अनियमितता करते है | इस बात से हम समझ सकते है की हमारे व्दारा खान पान में की गयी गलती की सजा गले को भुगतना पड़ती है |

गले में संक्रमण में लापरवाही करने से टांसिल्स समस्या स्थायी हो जाती है |

आखिर हम क्या करे की हमारा गला खराब ही न हो? हमारा गला खराब ही न हो इसके लिए हम आपको हमारे 30 वर्षो के चिकित्सा क्षेत्र के अनुभव का लाभ देना चाहते है |

हमारा गला ठण्ड के मौसम में ही खराब होता है | इसलिए प्रकृति हमें ठण्ड के मौसम में आंवला, अमरूद, हरी पत्तेदार सब्जिया ठण्ड के मौसम में देती है | ताकि हम इन आहारों का पर्याप्त मात्रा में सेवन करे और ठण्ड के मौसम को सेहत का मौसम बनाये | किंतु हम इन आहारों का तो सेवन नहीं करते है | परन्तु नकारात्मक आहार अर्थात मिठाई, नमकीन व बाजार से बने हुए खाद्य पदार्थो का भरपूर सेवन करते है |

तो आप ही बताइये की आप चिकनाई से भरपूर आहार तो सेवन कर रहे है | किन्तु उसे साफ करने के लिए डिटर्जेंट का प्रयोग तो नहीं कर रहे है | जब आप डिटरजेंट का प्रयोग नहीं करेंगे तो कपड़े कैसे साफ होंगे | इस प्रकार आप कपड़ो को गंदा करते है | उसी प्रकार से जब आप चिकनाई से भरपूर गरिष्ठ आहार का सेवन करेंगे और डिटर्जेंट का अर्थात खट्टे पदार्थो का सेवन नहीं करेगे तो शरीर की आतंरिक सफाई कैसे होगी ? जब शरीर के आतंरिक अंगो की सफाई नहीं होगी तो शरीर कैसे अंदर से स्वच्छ होगा? जब शरीर में पुराना अनपचा हुआ आहार पड़ा रहेगा तो वह सड़ेगा | जब आहार पेट सड़ता है तो गले में खराश होती है |

जब गले में खराश(Gale Ki Kharash) की शिकायत होती है तो हम अनेक उपाय करते है | दवाईया खाते है | किन्तु जीवन शैली नहीं बदलते है | इस वजह से गले की खराश गले के गंभीर संक्रमण में बदल जाती है | इस प्रकार हम को एंटी बायोटिक खाना ही पड़ती है | किन्तु यदि हम अपनी आहारचर्या को सुधार लेते है तो ऐसी स्थिति निर्मित ही नहीं होती है |

आज हम खराश के मूल कारणों को जानने का प्रयास करेंगे | ताकि हम गले की खराश से आसानी से मुक्त हो जाए | ध्यान रखे यदि गले की खराश पर ध्यान नहीं दिया जाय तो यह गले के संक्रमण के शिकार हो जाते है | ऐसी अवस्था में हमारा खाना खाना भी मुश्किल हो जाता है | ऐसी अवस्था में एंटी बायोटिक का सेवन करना पड़ता है | कई बार गले की खराश कई बार हो जाती है | ऐसी अवस्था में एंटी बायोटिक दवाई भी असर नहीं करती है |

गले के खराश को कैसे दूर करे?(Throat Infection Treatment at Home):

जब भी मौसम बदलता है तो वातावरण कभी ठंडा तो कभी गर्म रहता है | ऐसी अवस्था में शरीर की इम्मून शक्ति कमजोर हो जाती है | इस वजह से गले में खराश की समस्या हो जाती है | इसके साथ ही कभी गर्म-ठंडा पेय पीने से भी गले में खराश हो जाती है |

किन्तु यदि गले में खराश होने पर कुछ घरेलू उपाय किये जाय तो शीध्र ही लाभ मिल जाता है | आज हम कुछ ऐसे ही उपायों के बारे में जानेगे |

 नमक मिश्रित गुनगुने पानी से गरारे (Throat Infection Medicine) :

गले की खराश होने पर एक ग्लास गुनगुने पानी में 1/6 चम्मच नमक डालकर गरारे करना है | इस पानी में एंटी बैक्ट्रीरियल गुण होते है | दिन में 3-4 बार गुनगुने नमकीन पानी से गरारे कर आप गले की खराश से लाभ मिलता है |

नीम्बू शहद पानी (Honey-Lemon Water):

यदि आपको गले की खराश की समस्या है ? तो आप गुनगुने पानी के साथ नीम्बू शहद का सेवन करना है | नीम्बू में विटामिन सी होने की वजह से यह इम्मयूनिटी को बढ़ाता है | इस प्रकार आप गले की खराश से आसानी से मुक्त हो जाता है | यदि आप दिन में २-३ बार इस प्रयोग को करते है तो गले की खराश में लाभ मिलता है | क्योकि शहद में एंटी बैक्ट्रिरियल गुण पाए जाते है | इसके साथ ही जब हम नीम्बू का सेवन करते है तो हमारी पाचन संबन्धित समयसा भी दूर होती है | क्योकि कई बार गले की खराश कारण पाचन सम्बंधित समस्या भी होती है |

हल्दी वाला दूध(Golden Milk-Throat Infection) :

यदि आपको गले की खराश परेशान कर रही है तो आपके लिए हल्दी वाला दूध लाभप्रद हो सकता है | रात को सोने के पूर्व 1 ग्लास दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर अच्छी तरह से उबाल ले | इस प्रकार के दूध का नियमित रूप से सेवन करने से गले की खराश से आराम मिलता है | ध्यान रखे यदि कफ के कारण गले में खराश है तो बिना फेट वाले दूध का ही सेवन करे |

इस प्रकार के गोल्डन मिल्क का सेवन करने से गले की खराश में राहत मिलती है | क्योकि हल्दी में एंटी बैक्ट्रीरियल व एंटी वायरल गुण पाये जाते है |

गुड़ अदरक व नीम्बू का काढ़ा (Home Remedy for Sore Throat) :

एक ग्लास पानी में थोड़ी से अदरक व स्वादानुसार गुड़ डालकर पानी को उबाले | इस पानी में उबलने के पूर्व इसमें स्वादानुसार काली मिर्च, लोंग व दाल चीनी डालकर अच्छे से उबाल ले | जब पानी आधा रह जाए उबालना बंद कर दे | इस पानी में आधा नीम्बू का रास मिला ले | अब इसे गुनगुना रहते हुए पी ले |

इस प्रकार का पेय पीने से शरीर पाचन सम्बंधित रोगो से मुक्त होता है | इस प्रकार आप गले की खराश से भी मुक्त हो जाते है | अदरक में एंटी माईकोर्बियल प्रॉप्रटी होती है | अदरक के सेवन से खराश पैदा करने वाले पैथोजन को रोकने में मदद मिलती है |

तुलसी, अदरक,काली मिर्च का काढ़ा(Throat Infection Treatment at Home):

यदि आप गले की खराश से मुक्ति पाने के लिए अदरक, तुलसी, काली मिर्च व लोंग का काढ़ा पीना है | इस काढ़े का सेवन करने से गले की खराश में लाभ होता है | क्योकि तुलसी में अनेक औषद्यीय गुण पाए जाते है | इसके साथ ही जब इस पेय में कालीमिर्च, अदरक व लोंग के साथ बनाने में इसके औषधीय गुणों में चमत्कारिक रूप से वृद्धि हो जाती है |

इस लेख में दिए गए प्रयोग सामान्य रूप से होने वाली गले के संक्रमण हेतु दिए गए है | किन्तु यदि इन प्रयोगों से 1-2  दिन में लाभ नहीं मिलता है  या दर्द अधिक बढ़ रहा है | इसके साथ ही गले की खराश के साथ यदि कोई अन्य रोग है तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श ले |

इसके साथ ही उक्त प्रयोगो को अपने शरीर की प्रकृति के अनुसार ही अपनाये | क्योकि कुछ लोगो के शरीर की प्रकृति गर्म होती है | ऐसे लोगो को अदरक, लोंग व काली मिर्च का कम मात्रा में ही सेवन करे |

क्या आप खराश की वजह से रात को नहीं सो पाते है?(Are You Unable to Sleep at Night Because of Soreness):

यदि रात को गले में खराश की शिकायत होती है तो आप मुंह में 2 काली मिर्च रख ले | इस प्रकार आप खराश से परेशान हुए बिना गहरी नींद सो पाएंगे | यह बड़ा ही अचूक उपाय आपको गले की खराश से आराम देता है |

गले में इन्फेकशन के क्या लक्षण है?(What are the Symptoms of Throat Infection) :

गले में इन्फेकशन के लक्षण निम्नानुसार है –

गले में दर्द होना | गले में दर्द के साथ चुभने जैसा दर्द होना | यदि इस प्रकार की शिकायत है तो आप गले के संक्रमण के शिकार है | इसके साथ ही ठण्ड के साथ बुखार आना, गला सुखना, साँस लेने में परेशानी होना | निगलने में परेशानी होना | जीभ गले में सूजन हो जाना | यदि इस प्रकार के लक्षण प्रगट हो तो निश्चित ही चिकित्सा की आवश्यकता है | ऐसे में लापरवाही न करते हुए तुरंत अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य लेना चाहिए |

गले में इन्फेकशन से क्या होता है ?(What happen with Throat Infection):

गले में इन्फेकशन होने से गले में सूजन हो सकती है | टांसिल्स बढे हुए हो सकते है |

गले में खराश होने पर क्या खाये?(What to Eat in Case of Throat Infection):                                                                         

यदि आपको गले की खराश होती है तो आपको अपने आहार में पर्याप्त मात्रा में क्षारीय आहार को शामिल करना चाहिए | आहार में अत्यधिक मिर्च मसाले व तेल का प्रयोग नहीं करना चाहिए | इसके साथ ही ठन्डे पानी के सेवन से बचना चाहिए | यदि आपकी प्रकृति ठंडी है? अर्थात आपको अत्यधिक ठण्ड लगती है तो आपको गुनगुने पानी का पर्याप्त मात्रा में सेवन करना चाहिए | अपने आहार में सब्जियों के सूप को भी शामिल किया जा सकता है | आपके सूप में अदरक, लहसून व ताजी मौसमी सब्जिया शामिल करना चाहिए | सूप का सेवन भोजन के पूर्व करना चाहिए | सूप के सेवन से पाचन अग्नि तेज होती है | जिससे गले के संक्रमण में तेजी से राहत मिलती है |

बार-बार इंफेक्शन हो तो क्या करे(What to do if you have Frequent Infection) :

यदि बार-बार गले का इंफेक्शन(Throat Infection) होता है तो हमें सावधानी की आवश्यकता है | इंफेक्शन का कारण हमारे शरीर की दूषित अवस्था है | हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी है | ऐसी अवस्था में जब भी बाहर जाए भीगने से बचे | ठंडी हवा से अपना पूर्ण बचाव कर्रे | आहार में पर्याप्त क्षारीय आहार ले |

क्या सेवन करे की गले में संक्रमण ही न हो?(What to consume so that there is no Infection in Throat) :                        

यदि हम नियमित रूप से आंवला पेय का प्रयोग करते है तो आप कभी भी गले के संक्रमण के शिकार ही नहीं होंगे | ठण्ड में प्रचुर मात्रा में आंवले बाजार में आते है | यदि आप हमारे व्दारा बताई विधि से आंवले का सेवन करेंगे तो आपको चमत्कारिक लाभ होगा |

आंवला पेय बनाने के लिए आवश्यक सामग्री (How to Treat Sore Throat at Home):

2 पके हुए आंवले, स्वादानुसार सोंठ पावडर, काली मिर्च पावडर, जीरा पावडर, काला नमक व गुड़ |

आंवला पेय बनाने के विधि(How to Make Awala Drink) :

2 आंवलो को पका ले | अब इन आंवलो को पीस ले | 1.5 ग्लास पानी में स्वादानुसार सोंठ पावडर, काली मिर्च पावडर, जीरा पावडर, काला नमक व गुड़ को 5 मिनिट तक उबाले | जब उक्त काढ़ा अच्छी तरह से उबल जाए तो इसमें २ आंवले के पेस्ट को मिला ले | इसे अच्छी तरह से मिला ले | यह आपका दिव्य अमृत पेय तैय्यार हो गया |

इस अमृत पेय को आप पी ले | ठण्ड के मौसम में इस पेय का नियमित सेवन करने से आप कभी भी गले की ख़राश ही नहीं होंगे | इसके साथ ही ठण्ड का मौसम आपके लिए सेहत का मौसम बन जाएगा |

गले के संक्रमण की चिकित्सा(Throat Infection Medicine):

गले में संक्रमण होने पर ऐलोपैथी चिकित्सा में एंटी बायोटिक दवा देते है | होम्योपैथी, आयुर्वेद व यूनानी में भी गले के संक्रमण की चिकित्सा है |

 आवश्यक निर्देश (Necessary Instructions) :                                                                                                                            

गले की खराश से मुक्त रहने के लिए आपको उचित उपाय बताये जा रहे है | आप इन उपायों से गले की खराश से मुक्त हो सकते है | किन्तु यदि कुछ समय में इन उपायों से आराम नही मिले तो आप को तुरंत अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य ले | क्योकि चिकित्सा में विलम्ब करना आपको नुकसान पहुंचा सकता है |

https://en.wikipedia.org/wiki/Pharyngitis

https://en.wikipedia.org/wiki/Upper_respiratory_tract_infection

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