पाईल्स (बवासीर) से छुटकारा पाना आसान How to Cure Piles in Hindi
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How to Cure Piles in Hindi -आज के समय मे पाचन संबन्धित समस्या से कौन परेशान नही है? पाचन संबन्धित समस्या एक सामान्य समस्या है | यदि पाचन संबन्धित समस्या लंबे समय बनी रहती है तो यह अनेक रोगो का शिकार हमे बना देती है | पाचन संबन्धित समस्या लंबे समय रहने पर बवासीर मे बदल जाती है | इसलिए कब्ज को कभी भी हल्के मे नही लेना चाहिए |
Piles Meaning in Hindi:
पाईल्स को हिन्दी मे बवासीर कहते है |
कब्ज से बवासीर :
जब व्यक्ति को कठिन कब्ज लंबे समय बनी रहती है तो व्यक्ति वबासीर फिशर व फिश्चुला का शिकार हो जाता है |
आखिर कार बवासीर क्यो होती है?(What is the main cause of Piles?):
जब व्यक्ति कब्ज का शिकार होता है तो मल व्दार से मल आसानी से नही निकल पाता है | जब मल आसानी से नही निकल पाता है तो कठोर मल गुदा व्दार पर अत्यधिक दबाब डालता है | कठोर मल की वजह से व्यक्ति का गुदा का कुछ भाग बाहर की ओर निकला जाता है | इस प्रकार व्यक्ति बवासीर का शिकार हो जाता है |
क्या बवासीर खतरनाक बीमारी है (Piles Treatment in Hindi):
बवासीर खतरनाक बीमारी नही है | बवासीर एक सामान्य रूप से पायी जाने वाली बीमारी है | किन्तु यदि उक्त बीमारी लंबे समय तक बनी रहती है तो यह फिशर व फिश्चुला जैसे दर्दनाक रोग मे बदल जाती है |
फिशर व फिश्चुला की वजह से हमारा अनावश्यक रूप से पैसा तो खर्च होता है | इसके साथ ही व्यक्ति को अत्यधिक शारीरिक कष्ट होता है| इलाज के बावजूद भी आशाजनक परिणाम प्राप्त नही होते है | इसलिए कभी भी कब्ज या पाईल्स होने पर लापरवाही नही करना चाहिए |
बवासीर (पाईल्स) कितने प्रकार की होती है?:
बवासीर (पाईल्स) 2 प्रकार की होती है |
खूनी पाईल्स:
खूनी पाईल्स मे लाल सुर्ख रंग का रक्त मल व्दार से निकलता है | खूनी पाईल्स मे मल के अत्यधिक कठोर होने से वह गुदा व्दार को क्षतिग्रस्त कर देता है | जिससे खून निकलने लगता है |
बादी वाली बवासीर (पाईल्स):
बादी वाले पाईल्स मे मल के(Piles in Hindi Symptoms) आसानी से नही निकलने की वजह से गुदा व्दार पर मस्से बाहर निकल जाते है | ऐसी अवस्था मे पुराना जमा काले रंग का खून निकलता है | बादी वाले पाईल्स मे अत्यधिक खुजली व जलन होती है |
इन दोनों अवस्थाओ में व्यक्ति को मल त्याग के समय बहुत कष्ट होता है | इस दर्द को वही महसूस कर सकता है जिसने बवासीर को भोगा है |
बवासीर की अँग्रेजी दवा कौनसी है? बवासीर की अँग्रेजी दवा Pilorap Forte है |
बवासीर की सबसे अच्छी दवा(Best Medicine for Piles) कौनसी है?:
बवासीर की श्रेष्ठ दवा मठा(छाछ)है | छाछ अमृत के समान है | क्योकि इसमे प्रिबायोटिक तत्व पाये जाते है | यदि आप एक ग्लास छाछ मे ¼ चम्मच अजवाईन व ¼ चम्मच काला नमक मिलाकर पीने से बवासीर लाभ होता है | छाछ के सेवन से भोजन का पाचन आसान हो जाता है |
इसके साथ ही जिन्हे पाईल्स की समस्या रहती है| वे नियमित तोर पर दोपहर के भोजन के साथ ताजी छाछ का सेवन करते है तो पाईल्स मे लाभ होता है |
बवासीर में कौनसा आहार सेवन करना चाहिए? (Piles Treatment in Hindi):
यदि आप बवासीर में उचित आहार का सेवन करते है तो निश्चित ही लाभ होता है | वैसे देखा जाय तो प्रत्यक्ष रूप से पाईल्स की कोई दवा नही है जो स्थायी रूप से बवासीर को ठीक कर दे | क्योकि यदि आपकी जीवनचर्या (Lifestyle) सही होगी तब ही मल त्याग मे कोई तकलीफ नही होगी |
क्योकि जब आपकी आंतों से आसानी से मल विसर्जन होगा तो निश्चित ही पाईल्स नही होगा | बवासीर की समस्या स्वतः ही दूर हो जाती है |
पाईल्स होने पर क्या-क्या सेवन करे?(How to Cure Piles Naturally at Home in Hindi ):
पाईल्स मे हमे रेशे युक्त (Fiber) आहार का भरपूर सेवन करना चाहिए |
पर्याप्त पानी का सही विधि से सेवन करना चाहिए|
पर्याप्त समय नींद लेना चाहिए |
बवासीर (Piles Treatment) मे हमारी आहारचर्या (Lifestyle) कैसी हो?:
बवासीर होने पर हमारी जीवनचर्या निम्नानुसार होनी चाहिए:
प्रातकाल: उठाकर 2-3 ग्लास पानी का सेवन करे |
10 काली किशमिश व 2 अंजीर को रात को पानी मे गला दे | सुबह इसे चबा –चबा कर खा ले | इसके बचे हुए पानी को पी ले |
प्रातकाल: 250-450 ग्राम मौसमी फलों का सेवन करे |
दोपहर के भोजन मे 2-3 चपाती, 1 कटोरी छिलके वाली दाल, 2-3 कटोरी सब्जी, 2 प्लेट सलाद का सेवन करे | भोजन के साथ 1 ग्लास ताजी छाछ का सेवन अवश्य करे |
24 घंटे मे 2-3 लीटर पानी का सेवन करे |
शाम को 250-350 ग्राम फलों का सेवन करे |
रात को 2-3 चपाती 2-3 कटोरी सब्जी का सेवन करे |
नियमित व्यायाम को अपनी जीवन चर्या मे स्थान दे |
इस प्रकार की जीवनचर्या को आप अपनाते है तो निश्चित ही बवासीर रोग से मुक्त हो जाते है |
पाईल्स से मुक्ति देने वाला प्राकृतिक स्वल्पाहार(How can I instantly Cure Piles?):
रात को 4-5 अंजीर व 15-20 किशमिश पानी मे गला दे | सुबह किशमिश व अंजीर को चबा-चबा कर खा ले | इसके पानी को भी पी जाये| उक्त स्वल्पाहार आपकी आंतों को उचित गति प्रदान करते हुए पाईल्स मे राहत देगा |
पाईल्स से मुक्ति देने वाला श्रेष्ठ आहार :
रात को 2-3 गेहूँ की रोटी बनाकर रख ले | सुबह 350 मिली दूध या ताजी छाछ मे रोटी के छोटे छोटे टुकड़े डालकर गला दे |दूध वाली रोटी को अच्छी तरह से 5-10 मिनिट तक उबालकर पका ले | अब इसे अच्छी तरह से मसल ले | दूध रोटी में एक चम्मच घी भी डाल कर मिला ले | दूध रोटी का स्वाद को बढ़ाने के लिए इसमे थोड़ी सी शक्कर व इलायची का पावडर मिला ले |
छाछ मे गली हुई रोटी मे काला नमक व जीरा पावडर स्वादानुसार मिला ले |
इस आहार को दोपहर के खाने मे सेवन कर ले |
यह आहार आसानी से पचने वाला व पाईल्स से मुक्ति देने वाला श्रेष्ठ आहार है | उक्त आहार को 21 दिनों तक सेवन करने से आशातीत लाभ होता है |
आवश्यक जानकारी(How to Cure Piles in Hindi):
छाछ का उक्त प्रयोग उन लोगो के लिए है जिन्हे दूध से एलर्जी है | वे दूध के स्थान पर ताजी छाछ का प्रयोग कर सकते है |
पाईल्स के लिए सायकालीन भोजन( How to Get Rid of Piles Home Remedies in Hindi):
पाईल्स या पाचन संबन्धित कोई तकलीफ होने पर नियमित भोजन का सेवन न करते हुए प्राकृतिक आहार का सेवन करते है तो पाईल्स मे लाभ होता है |
हम भगवान को जो नारियल चढ़ाते है |उस नारियल को किस ले | नारियल को किसने के बाद इसमे 25 ग्राम किशमिश मिला ले | इस आहार को अच्छी तरह से चबा-चबा कर खा ले | उक्त आहार मे भरपूर मात्रा मे रेशा होता है | नारियल मे उपस्थित तेल आंतों को चिकनाई प्रदान करता है |
रात को भूख लगे तो एक ग्लास गरम दूध मे एक चम्मच थी मिला ले | इस प्रकार के आहार का सेवन करने से पाईल्स बड़ी आसानी से ठीक हो जाता है |
पाईल्स की शिकायत होने पर 100 ग्राम मूली का रस पत्तों सहित नियमित रूप से सेवन करने से लाभ होता है |
सायकालीन सुपाच्य वेजिटेबल दलिया/खिचड़ी(How to Cure Piles in Hindi):
शाम के समय मे सुपाच्य व हल्के आहार का सेवन करने से पाईल्स रोग मे आशातीत लाभ होता है |
वेजिटेबल दलिया/खिचड़ी बनने हेतु 5% मूंग की दाल, 20% दलिया/चावल व 75% (सब्जियों मे सर्वाधिक लोकी का प्रयोग करना है ) आप इसमे पत्ता गोभी, गोभी, मटर व अन्य सब्जियों का प्रयोग भी कर सकते है | सब्जियाँ डालकर बना कर सेवन कर सकते है | स्वाद के के लिए नारियल, कोथमीर, हरीमिर्च व नींबू की चटनी या कम बेसन की कढी का सेवन कर सकते है |
बवासीर रोग की तीव्रता होने पर सुपाच्य भोजन का ही सेवन करे | इस उदेश्य के लिए मूंग की दाल की खिचडी, कम मिर्च मसाले की सब्जिया, दही का सेवन करना है |
बवासीर का परमानेंट इलाज क्या है ? (Piles Treatment in Hindi):
बवासीर का परमानेट इलाज है | यदि आप कब्ज से मुक्त रहते है तो कोई कारण नही की आप आप आसानी से बवासीर से मुक्त हो जायेगे |खूनी बवासीर होने पर ताजी छाछ, प्याज का भोजन के साथ सेवन करना है | दोपहर के भोजन के 1 घंटे बाद पपीते का सेवन करना लाभदायी होता है |
क्या बवासीर मे पपीता खाना चाहिए?:
बवासीर होने पर पपीता खाना लाभ देता है |पपीते मे पेक्टीन नामक तत्व पाया जाता है |यदि आप नियमित रूप से पपीते का सेवन करते है तो पाचन आसान हो जाता है | इसलिए रोज रात (Piles Medicine) को सोने के पूर्व पर्याप्त मात्रा मे पपीते का सेवन करना चाहिए |
बवासीर (Treatment of Piles) मे कौनसा योग अभ्यास करना चाहिए ?:
बवासीर मे सर्वांगासन, पवन मुक्तासन व अश्विनी मुद्रा का अभ्यास करना बहुत लाभ देता है | इन आसनो का अभ्यास बवासीर मे बहुत लाभ देता है |
बवासीर का खून कैसे बंद करे? (How to Cure Piles in Hindi );
बवासीर की अवस्था मे खून आने पर चिकित्सक से परामर्श अवश्य लेना चाहिए| क्योकि अत्यधिक रक्त निकलने से स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुच सकता है |
क्या बवासीर मे गुड खाना चाहिए ?(Piles me Gud Khana chaiye):
बवावीर मे गुड का सेवन करना लाभ प्रद होता है | गुड मे कैरोटीन, निकोटिन ऐसिड, विटामिन ए, बी1, बी 2, सी आयरन व फास्फोरस पाया जाता है |
किन्तु जिनके शरीर मे अत्यधिक गर्मी होती है उन्हे गुड का सेवन चिकित्सक की सलाह से ही करना चाहिए |
बवासीर मे केला कैसे खाना चाहिए ?(How to Cure Piles in Hindi):
बवासीर मे केला खाना लाभ देता है | केले के सेवन से पाचन बेहतर होता है | केले मे नेचुरल शक्कर होती है | केले मे एंटी बायोटिक गुण होते है |
बवासीर के आपरेशन के बाद कितने दिनो तक दर्द रहता है?(Piles ke operation ke bad kitane din dard hota hai?):
बवासीर का आपरेशन करवाने के 2-3 हफ्ते तक सूजन व जलन के साथ लालीमा रहती है | सर्जरी के बाद कुछ दिनो तक रक्त स्त्राव भी होता है |
क्या बवासीर मे काजू खा सकते है?(How to Cure Piles in Hindi ):
बवासीर मे काजू का सेवन उचित मात्रा मे किया जा सकता है | काजू मे पर्याप्त आयरन होता है | जो खून के कमी को दूर करता है |
बवासीर मे खुजली व जलन से राहत कैसे पाये(How to Cure Piles at Home in Hind) :
बवासीर होने पर उक्त चिकित्सा बहुत लाभ देती है | किन्तु जब बादी वाली बवासीर होती है तो इस चिकित्सा को करने से खुजली व जलन से बहुत ही जल्दी लाभ मिलता है |
1 चम्मच देशी घी व एक चम्मच हल्दी | दोनों को अच्छी तरह से पका ले व रुई पर लगा दे | जब इसका तापमान सामान्य हो जाय तब इसे मस्से वाली जगह पर लगा कर लंगोट पहन ले | इस प्रकार से 2-3 दिनो उक्त प्रयोग को करने से मस्से अंदर चले जाएगे |
मस्से वाली बवासीर को कैसे ठीक करे(How to Cure Piles in Hindi) :
मस्से वाली बवासीर को ठीक करने मे छोटी हरड़ बहुत लाभ देती है | छोटी हरड़ को घी मे भून ले | भून ने के बाद उसे बारीक पीस ले | जितनी मात्रा मे छोटी हरड का पावडर है उसका छटा भाग पावडर मे मिला ले | भोजन के आधा घंटे बाद इसकी आधा चम्मच मात्रा पानी के साथ सेवन करे |
पाईल्स का सरल निदान (How to Cure Piles at Home in Hind):
100 ग्राम अरंडी के तेल को अच्छी तरह से गरम कर ले | तेल को गैस से उतार कर नीचे रख दे | इस तेल मे 10 ग्राम कपूर का पावडर अच्छी तरह से मिला ले | इस तेल को सुबह और शाम गुदा व्दार को अच्छी तरह से धो ले | अच्छी तरह से पोछने के बाद गुदा व्दार पर इस तेल को लगा ले | इस तेल को दिन मे 2-3 बार गुदा व्दार पर लगा ले |इस तेल के प्रयोग से मस्से अंदर की और हो जाएगे |
नारियल की जटा का चमत्कारिक प्रयोग(Piles Home Remedies)
नारियल की जटा निकाल ले | इसे जला ले | जलाने के बाद इसकी राख़ की 3-5 ग्राम मात्रा दिन मे 3 बार ताजी छाछ के साथ सेवन करे | इस प्रयोग को 7 दिन तक प्रयोग मे लाना है |
मस्से वाले बावासीर मे होने वाली खुजली को कैसे दूर करे?(Piles Home Remedies) :
मस्से वाली बवासीर मे खुजली होने पर अरंडी का तेल या नीम के तेल को लगाने से खुजली मे राहत मिलती है |
बवासीर और फिशर के लक्षणो मे अंतर (How to Cure Piles in Hindi):
बवासीर मे दर्द के साथ मल त्याग होता है | जब मल त्याग दर्द के साथ होता है तो कठोर मल गुदा व्दारा को क्षति ग्रस्त कर देता है |इस वजह से बवासीर मे मल त्याग के समय रक्त निकलता है | जबकि फिशर के समय मल त्याग के बाद रक्त स्त्राव होता है | बवासीर में रक्त स्त्राव बलगम के समान होता है | गुदा व्दार में सूजन, जलन व मस्सा होता है |
बवासीर की जांच कैसे होती है ?:
जब व्यक्ति का गुदा व्दार अपने स्थान से हठ जाता है | मल व्दार से खून निकलता है | मल व्दार पर खुजली होती है | तो ऐसी स्थिति बवासीर होने की स्थिति में होता है | ऐसी अवस्था में आहार में परिवर्तन व आवश्यकता होने पर चिकित्सक से परामर्श अवश्य लेना चाहिए |
बवासीर में कौनसा फल खाना चाहिए ?(Piles Home Remedies in Hindi):
बवासीर में सभी मौसमी फलों का सेवन किया जा सकता है | फलों में भरपूर रेशा, विटामिन्स, खनिज व अन्य महत्वपूर्ण तत्व पाये जाते है |
किन्तु ध्यान रखे बीज वाले फलों के सेवन से बचना चाहिए | क्योकि इनके बीज मल ज्ञाग के समय तकलीफ देते है | यदि आप आहार में तरबूज, खरबूज, पपीते का सेवन लाभप्रद होता है |
क्या बवासीर में दही खा सकते है? :
बवासीर में दही का सेवन लाभ देता है | दही में प्रि-बायोटिक तत्व पाये जाते है | दही के सेवन से भोजन का पाचन आसान हो जाता है |
क्या बवासीर में घी खाना चाहिए?(Piles Home Remedies in Hindi):
हा बवासीर में घी का सेवन किया जा सकता है |घी के सेवन से आंतों में चिकनाई आती है |इस वजह से मल विसर्जन आसान हो जाता है | एक ग्लास गर्म दूध में एक चम्मच घी मिलाकर सेवन किया जा सकता है |
बवासीर में कौनसी सब्जियाँ खानी चाहिए?(How to Cure Piles in Hindi):
बवासीर में सभी प्रकार की सब्जियों का सेवन किया जा सकता है |
बवासीर में लहसुन खाने से क्या होता है?( Home Remedies Piles in Hindi):
लहसुन को पानी में उबालकर पीने से बवासीर में लाभ होता है | किन्तु यदि आपकी प्रकृति गर्म है तो आपको लहसुन के सेवन से बचना चाहिए |
क्या बवासीर में हल्दी वाला दूध पी सकते है?(How to Cure Piles in Hindi):
बवासीर में हल्दी वाला दूध नही पीना चाहिए | हल्दी के सेवन से खून पतला होता है | इसके साथ ही हल्दी की प्रकृति गर्म होती है | इसलिए जिनकी तासीर गर्म है हल्दी के सेवन से बचे |
बवासीर में क्या परहेज करना चाहिए?(Which food avoid in piles?):
बवासीर में ऐसे खाड़ी पदार्थो का सेवन नही करना है जो आसानी से नही पचे | बवासीर होने पर अत्यधिक तले हुए पदार्थ, दाले, मांसाहार, जंक फूड, पनीर, फास्ट फूड व मेदे से बने हुए खाद्य पदार्थो का सेवन नाही करना चाहिए |
बवासीर का इंजेक्शन कैसे लगता है?:
बवासीर होने पर बादाम के तेल, अरंडी का तेल व कार्बोनिक अम्ल के तेल का इंजेक्शन लगाया जाता है | किन्तु उक्त इंजेक्शन किसी कुशल चिकित्सक के निर्देशन में करना चाहिए |
क्या बवासीर में बादाम खाना चाहिए?(How to Cure Piles at Home in Hind):
बवासीर में बादाम व अन्य गरिष्ठ आहार का सेवन नही करना चाहिए | क्योकि अन्य प्रोटीन के समान बादाम भी पचने में आसान नही होती है |
क्या बवासीर में चिकन खाना चाहिए?(Which food avoid in piles?)
यदि आप बवासीर के शिकार है तो आपको भारी खाना नही खाना चाहिए | खास तौर पर अत्यधिक प्रोटीन वाला खाना तो बिलकुल भी नही खाना चाहिए |क्योकि प्रोटीन युक्त आहार जिस में चिकन भी आता है पचने में बहुत से पचते है | यदि ऐसे में आप भारी आहार का सेवन करते है तो ऐसा आहार नही पचता है | जब आहार नही पचेगा तो पाचन प्रणाली में सड़ेगा | इस प्रकार आप कितनी भी प्रकार की चिकित्सा करवा ले लाभ नही मिलेगा |
https://en.wikipedia.org/wiki/Hemorrhoid
https://simple.wikipedia.org/wiki/Hemorrhoid
https://en.wikipedia.org/wiki/Pile
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