स्वाईन फ्लू : लक्षण,कारण बचाव व उपचार Swine Flu in Hindi

Swine Flu

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स्वाईन फ्लू : लक्षण,कारण बचाव व उपचार Swine Flu in Hindi

Swine flu in Hindi
Swine flu in Hindi

Swine Flu in Hindi- Dr.Jagdish Joshi, Lifestyle Expert 125

Swine  Flu in Hindi:  स्वाइन फ्लू (Swine Flu)एक वायरस है जिसे H1N1 वायरस के रूप में पहचाना जाता है | यह एक प्रकार का नया इन्फ्लूएंजा वायरस है | जो नियमित रूप से होने वाले फ्लू वायरस के समान ही लक्षण वाला है | यह वायरस सुअरों के माध्यम से उत्पन्न वायरस है |  

वर्ष 2009 में स्वाइन फ्लू (Swine Flu 2009) मनुष्य में खोजा गया था | उस वक्त यह एक महामारी (Swine Flu Pandemic) की रूप में सम्पूर्ण विश्व में फैला था | विश्व स्वास्थ्य संगठन(World Health Organization) ने इसे अगस्त 2010 में इस बीमारी को महामारी घोषित किया था |

स्वाइन फ्लू(Swine Flu) बहुत ही खतरनाक जान लेवा बीमारी बन गयी थी | किन्तु हमें इससे सुरक्षित अवश्य रहना है | क्योकि कमजोर जीवनी शक्ति वालो के लिए यह अब भी खतरनाक बीमारी है |

इस बीमारी का नाम स्वाईन फ्लू क्यो पड़ा?

Swine का हिन्दी अर्थ है ‘सूअर’ | इस रोग की शुरुवात मे देखा गया था की जो लोग सुअर के संपर्क मे रहते है उन्हे यह बीमारी हो रही है | इस वजह से इस बीमारी का नाम स्वाईन फ्लू  पड़ गया | किन्तु बाद मे यह बीमारी उन लोगो मे भी फैल गई जो सूअर के संपर्क मे नही थे |

स्वाइन इन्फ्लूएंजा  (Swine Flu) सूअर का एक श्वसन रोग है | यह रोग टाइप ऐ  इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण फैलता है | जो सूअर में इन्फ्लूएंजा के रोग का कारण बनता है | सामान्य तोर पर मनुष्यो में यह नहीं फैलता है, ऐसा माना जाता था  | किन्तु वास्तव मे मनुष्य में यह वायरस फैलता है |

इसी फ्लू का प्रबल रूप स्वाईन फ्लू के रूप (H1N1 Flue) वायरस व्दारा फैफड़ों मे होने वाला संक्रमण है | इस वायरस ने वर्ष 2009 मे अपना प्रभाव दिखाना शुरू किया था |

स्वाइन फ्लू कैसे फैलता है?(How Swine Flu Spread?):   

स्वाईन फ्लू सर्दी-खांसी के समान ही फैलता है | जब इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति खाँसता  है छिकता है तो अनजाने मे इस बीमारी के वायरस हवा मे छोटे-छोटे बूंद के रूप मे वातावरण मे छोड़ देता है | यदि आप इन बुंदों के संपर्क मे आते है तो आप स्वाईन फ्लू (Swine Flu)के शिकार हो जाते है |

स्वाइन फ्लू (Swine Flu)वायरस कितने प्रकार के  होते है?(How Many type of Swine Flu Virus is There) :

मनुष्य और जानवरों में इन्फ्लूएंजा  वायरस अपना स्वरूप निरंतर बदलता रहता है | इस समय तीन प्रकार के मुख्य इन्फ्लूएंजा  वायरस है H1N1 , H1N2  व H3N2 है | 

हम कैसे स्वाइन फ्लू  के शिकार होते है (Swine Flu Causes):

मनुष्य में स्वाइन फ्लू वायरस का फैलाव एक सामान्य प्रक्रिया है | स्वाइन फ्लू वायरस संक्रमित सुअरों या स्वाइन फ्लू से दूषित वातावरण  के सम्पर्क से मनुष्य में फैलता है | जब यह किसी मनुष्य में फैल जाता है तो संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से एक से दूसरे व्यक्ति  को संक्रमित करता है | जिस प्रकार किसी को साधारण फ्लू, सर्दी-खांसी होने पर उसके छींकने या किसी के शारीरिक सम्पर्क में आने से वायरस फैलते है | वैसे ही स्वाइन फ्लू के वायरस एक आदमी से दूसरे आदमी में फैलते है |

यह किसी   स्वाइन फ्लू के शिकार व्यक्ति के बीमार होने पर 1 से 7 दिन के भीतर किसी भी व्यक्ति के सम्पर्क में आने से उसे हो सकते है | किन्तु बच्चे 10 दिनों तक भी संक्रमित हो सकते है |

स्वाइन फ्लू के सर्वप्रथम लक्षण (Swine Flu Symptoms in Hindi) :     

बुखार (Fever) – स्वाइन फ्लू का सर्वप्रथम लक्षण बुखार है | यदि आपको इन लक्षणो के साथ-साथ तेज बुखार है तो यह स्वाइन फ्लू का सामान्य लक्षण है |जब भी हमारे शरीर में वायरस या कीटाणु प्रवेश करता है तो शरीर की इम्यून प्रणाली (Immune System) उसका विरोध करती है | इसी प्रक्रिया में स्वाइन फ्लू के व्यक्ति को बुखार आता है |

सिरदर्द (Headache)- स्वाईन फ्लू होने पर सिरदर्द हो सकता है | सामान्य रूप मे सर्दी-ख़ासी,या मौसमी बुखार की वजह से भी सिरदर्द हो सकता है | इसलिए हमे स्वाईन फ्लू के अन्य लक्षणों पर भी ध्यान देना चाहिए |

सांस का फूलना – स्वाइन फ्लू के वायरस की वजह से नाक की लाइनिंग में सूजन आ जाती है | इस वजह से श्वास लेने मे परेशानी होती है | यदि बुखार के साथ-साथ श्वास लेने में परेशानी होती है तो आपको अपने चिकित्सक से तुरंत संपर्क करना चाहिए |

ठंड लगकर बुखार आना- यदि आपको ठंड लगकर बुखार आता है तो यह स्वाइन फ्लू (Swine Flu)का लक्षण हो सकता है |

दस्त लगना- जब स्वाइन फ्लू का वायरस अत्यधिक प्रभावित करता है तो दस्त(Loose Motion) की शिकायत हो सकती है |
 
जी घबराना व उल्टी H1N1 वायरस से संक्रमित व्यक्ति को जी घबराना व उल्टी होने की शिकायत हो सकती है |

गले मे दर्द व खराश – स्वाइन फ्लू से ग्रसित व्यक्ति को इस रोग का शिकार होने पर संक्रमण की वजह से Sore Throat की शिकायत हो सकती है | संक्रमण अधिक होने गले में घाव होने की शिकायत हो सकती है |

थकावट– जैसे जैसे स्वाईन फ्लू रोग की तीव्रता बढ़ती है तो शरीर मे थकावट का अनुभव होता है | ऐसा व्यक्ति की जीवनी शक्ति (Immune System)कमजोर होने की वजह से होता है | ऐसी अवस्था मे व्यक्ति को पर्याप्त आराम करना चाहिए |इसके साथ ही ऐसा आहार ग्रहण करना चाहिए जिससे शरीर की जीवनी शक्ति मजबूत हो |

खांसी – स्वाईन फ्लू में खांसी आना एक आम समस्या है | शरीर के तापमान मे हो रहे परिवर्तन व गले में संक्रमण की वजह से खांसी की समस्या हो जाती है |

नाक का लगातार बहना– स्वाइन फ्लू (Swine Flu) के शिकार होने पर नियमित रूप से नाक बहती रहती है | यह स्वाईन फ्लू का लक्षण हो सकता है |

छींक – जब H1N1 वायरस बहुत अधिक सक्रिय हो जाता है तो बहुत छीक आती है | इस वजह से स्वाइन फ्लू की बीमारी बहुत अधिक फैलती है | इसलिए जब भी आपको छींक आए आप मुंह पर रुमाल लगाकर छीके | इस आदत से आप अपने आसपास रहने वालों को सुरक्षा प्रदान करते है |

आवश्यक टीप :                                                                                                                                                                                      

उक्त लक्षण होना यह सिद्ध नहीं करता है कि आपको स्वाइन फ्लू हुआ है | यदि उक्त लक्षणों में से कोई लक्षण 2-3 दिनों तक बना रहता है तो तुरंत अपने चिकित्सक से सलाह ले |

सर्दी-खांसी व सामान्य फ्लू के सामान्य लक्षण निम्न लिखित है (Swine Flu Symptoms)  :

स्वाइन फ्लू के लक्षण एक सामान्य फ्लू अर्थात सर्दी-खांसी के सामान ही है |
सर्दी-खांसी
बुखार
नाक में कफ  भरा हुआ होना
नाक से पतला पानी बहना
शरीर में दर्द
ठंड लगना
थकान  लगना

युवा व्यक्ति में स्वाइन फ्लू के सामान्य लक्षण(Swine Flu Symptoms)   :

सांस लेने में परेशानी होना |
छाती में दर्द का अहसास होना |
लगातार चक्कर आना |
वर्तमान में चल रही चिकित्सा से स्वास्थ की स्थिति बिगड़ना |
शरीर में अत्यधिक कमजोरी का अहसास करना |
शरीर की माँसपेशियो में अत्यधिक दर्द होना |

बच्चों में सामान्य फ्लू के लक्षण (Swine Flu Symptoms in Children )   :

बच्चों में स्वाइन फ्लू के सामान्य लक्षण है | यदि बच्चों को सामान्य सर्दी-खांसी के साथ-साथ निम्नलिखित लक्षण प्रकट होते है तो हमें सावधान होकर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए
सांस लेने में परेशानी का अहसास होना |
होठ का नीला होना |
सीने में दर्द होना |
शरीर में पानी की कमी होना |
वर्तमान परिस्थितियों में चल रही चिकित्सा से लाभ न होना |

स्वाइन फ्लू की जटिलता के लक्षण (Swine Flue in Hindi):

स्वाइन फ्लू होने पर समय पर चिकित्सा नहीं ली जाती है तो , शरीर में निम्न लिखित जटिलताएं पैदा हो जाती है | इन बातों की वजह से स्वाइन फ्लू को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए | स्वाइन फ्लू की जटिलता लक्षण  निम्नलिखित है :
हृदय रोग व अस्थमा की स्थिति का बिगडना |
फेफड़ो में अत्यधिक संक्रमण होना |
मन में अत्यधिक भ्रम की स्थिति बिगडना |
श्वास लेने में अत्यधिक परेशानी होना

  1. स्वाइन फ्लू में नियमित  फ्लू के समान ही निमोनिया, फैफड़ो में संक्रमण, श्वास लेने में परेशानी होना व अन्य गंभीर समस्याए हो सकती है | स्वाइन फ्लू की वजह से मधुमेह व अस्थमा जैसी बीमारी को आवर खतरनाक बना देती है | यदि आपको श्वास लेने में तकलीफ होती है | उल्टी होती है | पेट या बाजू में दर्द होता है | चक्कर  भ्रम जैसा लगता है तो ऐसी अवस्था में अवस्था में अपने चिकित्सक से अविलम्ब परामर्श ले |
  2. क्या स्वाइन फ्लू की जांच के लिए कोई टेस्ट होता है?(Swine Flue in Hindi) :                                                                                  
  3. सामान्य तह: स्वाइन फ्लू व एक आम फ्लू में काफी समानता है | किन्तु यदि फ्लू होने के साथ-साथ पेट फूलने की समस्या  रैपिड फ्लू परीक्षण करवाया  जा सकता है |
    क्या स्वाइन फ्लू का कोई टीका है?(Swine Flu Vaccine):
  4. मौसमी फ्लू से बचने वाला टीका ही स्वाइन फ्लू से बचाता है |  फ्लू का टीका एच1 एन1 फ्लू (स्वाइन फ्लू) से सुरक्षा प्रदान करता है | एच1 एन1 फ्लू वायरस स्ट्रेन मौसमी फ्लू टीके में शामिल है | इसे 2020 -21 के लिए वैक्सीन में शामिल है |  टीका इंजेक्शन( Swine Flu Vaccine) व स्प्रे के रूप में बाजार में उपलब्ध है |रोग नियंत्रण केंद्र  (CDC) 6 माह या उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों के लिए वार्षिक टीकाकरण का परामर्श दिया है | प्रत्येक वर्ष का मौसमी फ्लू टीका हमें अनेक  प्रकार के इंफ्लूएंजा के वायरस से सुरक्षित रखता है | फ्लू का टीका आपको फ्लू के जोखिम से दूर  करता है | टीके की वजह से रोग के गंभीर होने की संभावना ख़त्म हो जाती है |फ्लू का टीका(Swine Flu Vaccine) इंजेक्शन व नाक के स्प्रे के रूप में बाजार में उपलब्ध है | 2  से 49  वर्ष की उम्र के स्वस्थ लोगों के लिए नाक के स्प्रे की मंजूरी दी गयी है | कुछ उम्र के समूहो को नाक के स्प्रे की अनुमति नहीं है | गर्भवती, 2 -4   वर्ष के बच्चों, अस्थमा के शिकार व  जिन लोगो की जीवनी शक्ति कमजोर है | ऐसे लोगो को नाक के स्प्रे (Nozzle Spray ) का प्रयोग नहीं करना है |
  5. H1N1 वैक्सीन(H1N1 Vaccine) :  
  6. N1 वैक्सीन (H1N1 Vaccine)को  2009  H1N1 भी कहते है |  इसकी खोज 2009 में हुई थी | इसलिए इसे 2009  H1 N1 वैक्सीन कहते है | यह वैक्सीन हमें फ्लू, इन्फ्लूएंजा व कोरोना वायरस से भी सुरक्षित करने में मदद करता है |
  7. कैसे स्वाईन फ्लू से सुरक्षित रहें (How to Stay Safe From Swine Flu) :

  8. अपने हाथो को नियमित रूप से धोते रहे |  अपनी आँख, नाक व मुंह को बार-बार न छूए | सर्दी-खांसी व फ्लू होने वाले व्यक्ति के सम्पर्क में न रहे | इसके साथ ही यदि आप इस रोग के शिकार हो गए है तो अपने को घर पर ही सिमित रखे |स्वाइन फ्लू (Swine Flu)होने पर हैंडल्स, नल, टॉयलेट के फ्लश, टेलीफोन, मोबाइल, कंप्यूटर व की बोर्ड़ व माऊस को सेनिटाइज करना आवश्यक है |
  9. यदि किसी में स्वाइन फ्लू के लक्षण प्रकट हो तो उन्हें क्या करना चाहिए?(Swine Flue in Hindi):

  10. यदि  किसी में साधारण फ्लू या स्वाइन फ्लू के लक्षण प्रकट हो तो उन्हें अपने आपको आइसोलेट कर लेना चाहिए | स्वाइन फ्लू के शिकार व्यक्ति को  सार्वजनिक स्थानों पर भी नहीं जाना चाहिए | यहाँ तक की परिवार के सदस्यों से भी दूरी बना लेनी चाहिए | किसी में फ्लू के लक्षण विकसित हों, तो उन्हें क्या करना चाहिए?अगर आप एक ऐसे क्षेत्र में रहते हैं या हाल ही में रहना शुरू किया हो जो इन्फ्लूएंजा ‘A’ (H1N1) से प्रभावित है, और फ्लू जैसे लक्षण अनुभव कर रहे हैं, तो आपको दूसरों के साथ संपर्क सीमित करने के लिए घर पर रहना है  |  अपने  चिकित्सक की तुरंत सलाह लेनी चाहिए।अपने आहार से स्टार्च युक्त आहार जैसे आलू, चावल व अन्य खाद्य पदार्थ  |  शर्करा युक्त खाद्य पदार्थो का सिमित मात्रा में सेवन करे | अत्यधिक स्टार्च युक्त खाद्य पदार्थों  का सेवन करने से शरीर की इम्यूनिटी कमजोर होती है |
     
    दही, छाछ का सेवन बिल्कुल न करे | पर्याप्त  मात्रा में उबला हुआ पानी पीये | मौसमी फलों, सब्जियों के सूप का उचित मात्रा में सेवन करें |
    सर्दी-खांसी  पर भीड़ वाले स्थान में  जाने से बचे |  पर्याप्त समय नींद ले |

    सर्दी -खांसी व सामान्य फ्लू की सरल  घरेलू चिकित्सा उपचार(Simple Home Remedies for Cold, Cough and Common Flu) :

  11. सामान्य सर्दी खांसी या फ्लू की समस्या होने पर निम्न लिखित घरेलू उपचार किये जा सकते है :
  12. प्रातकाल हल्दी, काली मिर्च, तुलसी, जीरा, अदरक, गुड़  को पानी में उबाले ले | जबआधा पानी रह जाए तो इसमें आधा नीम्बू निचोड़ ले |  इस काढ़े को दिन में 2-3 बार  लिया जा  सकता है |
    दिन में २-३ बार हल्दी -अजवाइन की भाप ले सकते है |
    सुबह शाम नाक में तिल्ली या सरसो का तेल डाल सकते है |
    नियमित गिलोय का काढ़ा  या गोली का सेवन कर सकते है |
    जब वातावरण में  अत्यधिक ठंडक हो तो आप कपूर, इलायची, लोग के चूर्ण की कुछ मात्रा रुमाल में लेकर सूंघ सकते है |
    अमृत धारा की 2 -3 बुँदे रुमाल में लगाकर उसे नियमित रूप से सूंघते रहे |
    सर्दी-खांसी की शिकायत होने पर नियमित रूप से गुनगुने पानी का सेवन करे |
    प्रातकाल: सुरजने की फली के सूप का सेवन करे |
    आहार में पर्याप्त मौसमी फलों व सब्जियों का सेवन करें |यदि आपके शरीर में स्वाइन फ्लू. बुखार, गले में अत्यधिक खराश, खांसी शरीर में अत्यधिक ठंड का अहसास हो तो तुरंत अपने चिकित्सक से परामर्श करने में विलम्ब न करे | चिकित्सा में किया  गया विलम्ब आपको संकट में डाल सकता है |  
  13. स्वाइन फ्लू को प्राकृतिक  निदान (How to Cure Swine Flu Naturally):

  14. स्वाइन फ्लू की कोई प्राकृतिक चिकित्सा नहीं है | हां किन्तु यदि हम प्राकृतिक चिकित्सा के विभिन्न उपायों को अपनाते रहते है | तो निश्चित ही हम स्वाइन फ्लू क्या अनेक रोगो से सुरक्षित हो जाते है | प्राकृतिक चिकित्सा हमारे शरीर की जीवनी शक्ति को मजबूत करती है |  जब आप प्राकृतिक चिकित्सा को जीवनचर्या का अंग बना लेते है तो शरीर की जीवनी शक्ति मजबूत हो जाती है  |
  15. स्वाइन फ्लू में आवश्यक सावधानी (Necessary Precaution in Swine Flu) :

  16. जब वातावरण में स्वाइन फ्लू का प्रकोप हो तो ऐसी स्थिति में सार्वजनिक कार्यक्रमो में व भीड़ में जाने से बचना चाहिए | ताकि आप स्वाइन फ्लू व अन्य रोगों  से सुरक्षित हो सके |फ्लू के टीकाकरण से हमें स्वाइन फ्लू व कोरोना वायरस से सुरक्षित रहते है |  क्योकि स्वाइन फ्लू व  कोरोना वायरस के लक्षण करीब-करीब समान है | इसलिए यदि हमें स्वस्थ व  निरोगी रहना है तो नियमित रूप से चिकित्सक के परामर्श से फ्लू का टीका अवश्य लगवा लेना चाहिए | 
  17. स्वाईन फ्लू के बारे में अनेक भ्रांतिया व अफवाह है | जो वास्तविकता से परे है (Swine Flue in Hindi):

1. सूअर का मांस (Pork) खाने से स्वाईन फ्लू हो सकता है | यह बात बिलकुल गलत है |किन्तु यदि वातावरण मे स्वाईन फ्लू के वायरस सक्रिय है तो इसके सेवन से बचना चाहिए |

2. स्वाईन फ्लू का कोई निदान नही है| यदि स्वाईन फ्लू के लक्षण प्रगट होते है | तो 48 घंटों मे चिकित्सकीय सहायता ले ली जाती है तो इस पर नियंत्रण भी पाया जा सकता है | इस से मुक्ति भी पायी जा सकती है |

3. यदि आपको सर्दी हो रही है, गले मे खराश है, छीक आ आ रही है |इसका मतलब आपको स्वाईन फ्लू हो गया है |यह सत्य नही है |आपको साधारण फ्लू भी हो सकता है | आपको स्वाईन फ्लू है या नही इसकी सत्यता केवल चिकित्सकीय परीक्षण से ही हो सकती है |

 4. हमारे देश मे स्वाईन फ्लू की दवा की कोई कमी नही है | हमारे देश मे स्वाईन फ्लू की पर्याप्त दवाईया व वेक्सीन मोजूद है |

स्वाईन फ्लू क्या होता है (Swine Flue in Hindi) :                                                                                                                           

स्वाईन फ्लू के बारे मे जानने के पहले हमे सर्दी-खासी व फ्लू के बारे मे जानना चाहिए | इन्फुलुंजाजिसे सामान्य रूप से फ्लू कहा जाता है | यह एक बहुत ही संक्रामक व एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति मे तेजी से फैलने वाली संक्रामक बीमारी है | यह एक श्वास की बीमारी है |यही बीमारी इन्फुलुंजा A व B वायरस के माध्यम से फैलती है |

कई लोग कोल्ड व फ्लू मे अंतर नही कर पाते है | दोनों मे अंतर है |

कोल्ड जिसे हम सर्दी ख़ासी जुकाम कहते है | यह कम खतरनाक है | नाक बहाना, छीक आना व गले मे खराश के लक्षण होते है |
 
वही फ्लू मे शुरुवाती लक्षण सर्दी-खांसी के समान ही होते है | किन्तु बाद मे यह खतरनाक स्वरूप मे आ जाते है | इस मे व्यक्ति को तेज बुखार, थकावट व अत्यधिक कमजोरी आ जाती है |

कैसे स्वाइन  फ्लू रोग की पहचान करे?(Swine Flue in Hindi):                                                                        

स्वाईन फ्लू व सामान्य फ्लू, सर्दी-खांसी के लक्षण एक समान है | यदि हमे यह सुनिश्चित करना है की हमे स्वाईन फ्लू है कि नही | इसकी जांच के लिए निम्न लिखित जाँचे आवश्यक है | यदि हम इन जाँचो को करवा लेते है तो निश्चित ही स्वाईन फ्लू को पहचानकर उसका उचित  निदान(Diagnose) करवा सकते है |

रक्त की जांच                                                                                                                                                                                         

सीने का एक्सरे
नोज स्वेब टेस्ट (Nose Swab Test)

कितने रुपये मे स्वाइन फ्लू का टेस्ट होता है?:                                                        

स्वाईन फ्लू का टेस्ट 4500 रुपये मे हो जाता है | 

किनको स्वाइन फ्लू का खतराअधिक होता है?(Swine Flue in Hindi):                                                                                           

स्वाईन फ्लू का खतरा 5 वर्ष से कम उम्र व 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों को होता है |

स्वाइन फ्लू का निदान (Swine Flue in Hindi):                                                                                                                                

स्वाइन  फ्लू का निदान एलोपैथी मे है | मौसमी सर्दी -खांसी व फ्लू में काम आने वाली दवाइयां भी स्वाइन फ्लू में काम करती है | इसके लिए चिकित्सक एंटी वायरल दवाईयो का सेवन करवाते है | किन्तु स्वाइन फ्लू की  संभावना  होने पर चिकित्सक से परामर्श लेकर ही चिकित्सा करवाए |

कैसे स्वाइन फ्लू से बचे (Swine Flu Prevention in Hindi):                                                                                                       

सामान्य तह: स्वाइन फ्लू से बचाने का श्रेष्ठ उपाय वेक्सीनेशन है | जो वैक्सीन फ्लू के लिए होता है वही वैक्सीन स्वाईन फ्लू के लिए होता है |

जिन लोगो की जीवनी शक्ति कमजोर होती है | जो बीमारी की उम्र सीमा मे आते है | ऐसे लोगो को  स्वाइन   फ्लू का खतरा सबसे अधिक है | किन्तु वेक्सीनेशन सबसे सुरक्षित उपाय है | वैक्सीनेशन के बाद भी Anti Body का विकास होने मे 2 सप्ताह का समय लगता है | वैक्सीनेशन के दो सप्ताह तक आपको सामान्य व्यक्ति के समान सुरक्षा नियमो का पालन करना होगा |

6 माह से छोटे शिशु को वैक्सीनेशन नही किया जा सकता है | गर्भवती महिला को चिकित्सक के परामर्श से ही वैक्सीनेशन करना चाहिए |

वैक्सीनेशन का असर कब तक रहता है:                                                                                                                                                 

वैक्सीनेशन का असर टीका लगाने के 8-12 माह तक रहता है | वैक्सीनेशन को यदि मई के माह मे करावा लिया जाय तो आगामी बारिश व ठंड के मौसम मे हम स्वाईन फ्लू से सुरक्षित हो जाते है |

फ्लू का वैक्सीनेशन कराने का कितना खर्च है?:                                                                                                                                     

वैक्सीन का खर्च अलग अलग हो सकता है | सामान्य रूपसे इसका खर्च Rs.1000/– है |
अपने आहार मे क्या सेवन करे की स्वाईन फ्लू से सुरक्षा हो?

अपने आहार पर्याप्त पर्याप्त फलों,सब्जियों, अंकुरित अनाज, पानी मे गले हुए सूखे मेवो का प्रयोग करे | आहार मे पर्याप्त मात्रा मे विटामिन सी का सेवन करे | सब्जियों के सूप का सेवन करे |

 आवश्यक सूचना :                                                                                                                                                

उक्त जानकारी सामान्य स्वास्थ के अनुसार दी गई है | हम यह स्वाईन फ्लू को दूर करने का दावा तो नही करते है | किन्तु यह विश्वास दिलाते है की यदि आप इसके अनुसार जीवनचर्या अपनाते है तो कोई कारण नही आप स्वस्थ व निरोगी रहे |

 

Lifestyleexpert125@gmail.com

https://en.wikipedia.org/wiki/Swine_influenza

https://en.wikipedia.org/wiki/2009_swine_flu_pandemic

https://en.wikipedia.org/wiki/Influenza_A_virus_subtype_H1N1

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