क्या आप बढ़े हुए कोलेस्ट्राल से परेशान है?Cholesterol Free Diet

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क्या आप बढ़े हुए कोलेस्ट्राल से परेशान है  (Cholesterol Free Diet)

Cholesterol Free Diet
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क्या आप बढ़े हुए कोलेस्ट्राल से परेशान है  Cholesterol Free Diet -Dr.Jagdish Joshi, Lifestyle Expert 125

Cholesterol Free Diet- दुनिया भर में मौत का सबसे बड़ा कारण ह्रदयाघात है | ह्रदय रोग के कारण अनेक लोगो की मोत हो जाती है | प्राय: ह्रदय रोग शरीर में कोलेस्ट्रॉल(cholesterol) की मात्रा अधिक हो जाने की वजह से होता है |

ह्रदय रोग की  वजह  से अनेक लोग मौत के मुंह में चले जाते है | हमें मालूम ही नहीं पडता है और हमारे रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अत्यधिक  बढ़ जाती है | इस प्रकार हमारा जीवन कब खतरे की सीमा में आ जाता है हम जान ही नहीं पाते है | हमारी गलत जीवन शैली ही ह्रदय रोग का मुख्य कारण है |कोलेस्ट्राल बढ़ने की वजह से व्यक्ति को बायपास (Operation) करवाना पड़ता है |

यदि आप रोज बाजार के पुराने तेल में तले हुए खाद्य पदार्थ जैसे कचोरी, समोसे, जलेबी का सेवन करते है | तो आपको अतिरिक्त सावधानी की आवश्यकता है | क्योकि प्राय: कई लोग इनका नियमित सेवन स्वल्पाहार के रूप में करते है |

व्यक्ति के द्वारा आहार के सेवन तो भरपूर अनियमितता तो की जाती है | किन्तु इसके साथ जीवनचर्या में श्रम को कोई स्थान नहीं होता है | जब आप श्रम नहीं करोगे तो कोलेस्ट्रॉल (वसा ) को कैसे पचाएगे | जब वसा पचेगा नहीं तो रक्त वाहिनियों में निरंतर जमा होता जाएगा |

आखिर कोलेस्ट्रॉल क्या है ?(What is Cholesterol in Hindi):

कोलेस्ट्रॉल लीवर द्वारा उत्पादित वसायुक्त पदार्थ है | कोलेस्ट्रॉल का हमारे शरीर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य है | इसका मुख्य कार्य सेल मेंब्रेन बनाना है | इसके साथ ही कोलेस्ट्राल शरीर की अन्य क्रियाओ के लिए भी आवश्यक है |

कोलेस्ट्रॉल कितने प्रकार का होता है ?(Cholesterol kitane prakar ka hota hai):

कोलेस्ट्रॉल 2 प्रकार का होता है | एक कोलेस्ट्रॉल को हम गुड़ कोलेस्ट्रॉल कह सकते है | दुसरा कोलेस्ट्राल बुरा कोलेस्ट्रॉल कहलाता है | गुड़ कोलेस्ट्राल शरीर को स्वस्थ बनाना है | वही बुरा कोलेस्ट्राल रक्त वाहिनियों में ब्लोकेज लाता है |

कोलेस्ट्राल का स्तर कितना होना चाहिए? (Cholesterol  Levels):

आखिर हमारे रक्त में  कोलेस्ट्रॉल  का स्तर कितना होना चाहिए? ताकि हम सुरक्षित जीवन जी सके | कोलेस्ट्राल का स्तर निम्नानुसार है :

कोलेस्ट्राल के प्रकार 19 वर्ष से कम उम्र के लिए 20 वर्ष से अधिक के पुरुष 20 वर्ष से अधिक की महिला
कुल कोलेस्ट्राल की मात्रा   Total Cholesterol 170 mg/dl से कम 125-200 mg/dl 125-200 mg/dl
नान एच. डी. एल.             Non-HDL Cholesterol 120 mg/dl से कम 130 mg/dl से कम 130 mg/dl से कम
एल. डी. एल .                   LDL 100 mg/dl से कम 100 mg/dl से कम 100 mg/dl से कम
एच. डी. एल.                     HDL 45 mg/dl  से अधिक 40 mg/dl से अधिक 50 mg/dl से अधिक

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के सामान्य लक्षण (Cholesterol badhane ke lakshan):

सामान्य रूप से कोलेस्ट्राल का स्तर शरीर में बढ़ने पर लक्षण प्रगट नहीं होते है | किन्तु यदि  हृदय व मस्तिष्क में कोलेस्ट्रॉल की वजह से रक्त संचार अवरुद्ध होता है तो शरीर में कुछ लक्षण प्रगट होते है |

यदि शरीर में कोलेस्ट्राल के स्तर  में वृध्दि होती है तो हार्ट अटेक (Heart Attack)व स्ट्रोक (Stroke)की संभावना बढ़ जाती है |

यदि निम्नलिखित लक्षणों में से कोई लक्षण प्रगट हो | तो इसे गंभीर संकेत मानते हुए अपने आहार में परिवर्तन करते हुए स्वस्थ जीवन शैली को अपनाना चाहिए |

जी घबराना, जबड़े व बाहों में दर्द, अत्यधिक पसीना आना | सांस लेने में परेशानी होना | ये कुछ रक्त मे कोलेस्ट्राल बढ़ने के लक्षण है |

कोलेस्ट्रॉल के बारे में स्वास्थ्य सलाहकार की सलाह (Cholesterol Free Diet):

स्वस्थ सलाहकारों के अनुसार हमें अपने शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को उचित स्तर पर रखना चाहिए | इसके लिये बाजार में किफायती दर पर रक्त की जांच हो जाती है | इन जांच के आधार पर आप रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जांच आसानी से करवा सकते है |

खासतौर पर यदि आप का खानपान अनियमित है | आपकी जीवनचर्या सही नहीं है तो आपको युवा अवस्था में ही अपने रक्त की जांच को करवाते रहना चाहिए | इसके साथ ही 40 वर्ष की उम्र में बाद तो नियमित रूप से अपने रक्त की जांच अवश्य करवा ही लेना चाहिए | इस प्रकार आप अपना जीवन सुरक्षित कर लेते है |

रक्त की जाँच कब करवाना बहुत आवश्यक है ?:

यदि आप की जीवनचर्या में श्रम शामिल नहीं है | आपके शरीर पर अत्यधिक चर्बी जमा है | आपका पेट बढ़ा हुआ है | आप तनावपूर्ण जीवन जीते है | आप उच्च रक्तचाप के शिकार है | आपके परिवार में हृदय रोग के शिकार कोई सदस्य है | आप बाजार के खाद्य पदार्थो का नियमित सेवन करते है | आप वसा युक्त आहार का सेवन करते है | आप शराब/सिगरेट का सेवन करते है |

ऐसी अवस्था में कोलेस्ट्रॉल की जांच अवश्य करना चाहिए | क्योकि उपरोक्त स्थिति में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के पूर्ण संभावना रहती है |

अपने आहार में आवश्यक सुधार करे(Improve our  Life Style) :

स्वास्थ्य सलाहकारो के अनुसार सैचुरेटड फेट का अत्यधिक सेवन हमारे रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ा देता है | सैचुरेटड फेट खासतौर पर एक ही तेल में तले हुए पदार्थो में होता है |   यदि आप नियमित रूप से बाजार के एक तेल में बने हुए खाद्य पदार्थो का सेवन करते है तो आप खतरे मे है | ऐसे मे आप को विशेष ध्यान रखना है |

इसके साथ ही जो अत्यधिक मात्रा मे डेरी प्रोडक्ट का प्रयोग करते है | जो अत्यधिक मांसाहार का सेवन करते है |

उक्त आहार के साथ यदि आपकी जीवन शैली आराम पसंद है तो निश्चित ही आप उच्च कोलेस्ट्राल के शिकार हो जाते है |

उक्त प्रकार के आहार व आराम पसंद जीवन शैली जीने वाले निश्चित रूप से रक्त में बुरे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढा लेते है |

एच. डी. एल. कोलेस्ट्रॉल   (HDL cholesterol)  :

हाईडेन्सिटी लिपो प्रोटीन(एच. डी. एल.) इस कोलेस्ट्रॉल को गुड़ कोलेस्ट्रॉल (Good Cholesterol) अर्थात अच्छा कोलेस्ट्रॉल कहा  जाता है | इस कोलेस्ट्रॉल को अच्छा कोलेस्ट्रॉल इसलिये  कहा जाता है | क्योकि यह बुरे कोलेस्ट्रॉल को शरीर से बाहर निकालता है |

आखिर क्या खाये की रक्त में कोलेस्ट्रॉल की उचित मात्रा रहे (Cholesterol Free Diet):

अपने आहार में भरपूर मात्रा में रेशेयुक्त खाद्य पदार्थो  को शामिल करे | अपने आहार में खड़े अनाज,छिलके वाली दालें, बीन्स, मौसमी सब्जियों, मक्का व पर्याप्त मौसमी फलों को शामिल करे |

उक्त आहारों में पर्याप्त मात्रा में रेशा होता है | जब हम नियमित रूप से रेशे को अपने आहार में शामिल करते है?  तो निश्चित ही रक्त में कोलेस्ट्रॉल उचित स्तर पर रहता है |

आहार में क्या शामिल करे जिससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अपने स्तर से अधिक न हो (How to Control Cholesterol) 

यहाँ हम कुछ ऐसे आहार के बारे प्राप्त करते | इन आहारों आप अपनी जीवनचर्या में शामिल कर आसानी से अपने रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को नियंत्रित कर सकते है |

जैतून का तेल(Cholesterol Free Diet):  

जैतून के तेल को अपने आहार में शामिल कर कोलेस्ट्रॉल  की मात्रा को 8% तक कम किया जा सकता है |

यदि आपके पास जैतून का तेल उपलब्ध नहीं है तो  तो आप सामान्य रूप से प्रयोग में लाया जाने वाला मूंगफली, तिल्ली, सरसों या खोपरे का तेल प्रयोग कर सकते है | ध्यान  रखे की तेल अत्यधिक प्रोसेस्ड नहीं होना चाहिए | जितना तेल प्राकृतिक होगा उतना कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का खतरा नहीं होगा |

ओट्स(Oats- Cholesterol Free Diet) :

ओट्स में भरपूर रेशा होता है | ओट्स में बीटा ग्लूटेन होता है | यह कोलेस्ट्राल के स्तर को कम करता है |  ओट्स का सेवन कब्ज से भी मुक्ति देता है |

अलसी (Healthy Food- Cholesterol Free Diet) :

अलसी के बीज का सेवन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है | अलसी में भरपूर मात्रा में रेशा पाया जाता है |अलसी को आप कच्चा, सिका हुआ सेवन कर सकते है | अलसी को ताजा पीसकर चपाती के आटे में मिलाकर इसके स्वादिष्ट व खस्ता पराठों का सेवन कर सकते है | ध्यान रखे अलसी गर्म होती है | यदि आप गर्म प्रकृति है अर्थात आपको गर्मी अधिक लगती है तो आप इसकी न्यूनतम मात्रा का ही सेवन करे | 

ग्रीन टी(Green Tea):

ग्रीन टी का नियमित सेवन रक्त में कोलेस्ट्राल के स्तर को कम करता है |

धनिया के बीज का पावडर (Coriander Seeds Powder ) :

धनिया बीज के पाउडर को दिन में २ बार सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है |धनिया बीज की प्रकृति ठंडी होती है | इसके साथ ही धनिया बीज में भरपूर रेशा होता है |

प्याज(Onion) :

लाल प्याज का सेवन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को काम करता है | यदि आप अपने  रक्त से कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करना चाहते है तो एक चम्मच प्याज का रस (10ML ) व एक चम्मच (10 ML ) शहद का नियमित रूप प्रातकाल खाली पेट  सेवन करे | यदि आप भोजन के साथ कच्चा प्याज भी खाते है तो भी आप अपने कोलेस्ट्राल को उचित स्तर पर रख पाते है |

आंवले का रस (Awala- Healthy Food):

प्रातकाल: आधा चम्मच आंवला पाउडर या 1 चम्मच ताजा आंवले का रस का सेवन करें |आंवले का ताजा रस उपलब्ध नहीं होते पर आप रात को खड़ा आंवला (सूखा हुआ व बिना पीसा हुआ) पानी में गलाकर इसके पानी को आप पी सकते है | यह प्रयोग आप वर्ष भर नियमित रूप से कर सकते है |

सेब का सिरका(Apple Vinegar) :

सेब का सिरका  रक्त में से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करता है | इसका नियमित सेवन ट्रायग्लिसराइड  मात्रा को भी  कम  करता है |

संतरे का जूस(Orange Juice) :

प्रातकाल नियमित रूप से सन्तरे के रस का सेवन कोलेस्ट्रॉल को उचित स्तर पर रखता है |यदि आप के लिये संतरे का रस बनाने का समय नहीं है तो आप सन्तरे को भी स्वल्पाहार के रूप में सेवन कर सकते है | इस प्रकार आप को भरपूर रेशा मिलेगा |

नारियल का तेल (Coconut Oil):

आर्गेनिक खोपरे के तेल का सेवन का सेवन रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को उचित स्तर पर लाता है |

मूंगफली(Ground Nuts):

कच्ची मूंगफली की 50  ग्राम मात्रा का नियमित सेवन कोलेस्ट्रॉल को उचित स्तर पर रखता है |

अखरोट(Wall Nuts) :

2-3 अखरोट का नियमित सेवन रक्त में कोलेस्ट्रॉल को उचित स्तर पर बनाये रखता है |

बादाम(Almond):

नियमित रूप से रात को पानी में गली हुई 4-5 बादाम का सेवन करना लाभप्रद है | इसके सेवन से रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर उचित रहता है |

पिस्ता(Pista):

प्रात काल 3-4 पिस्ता का सेवन कोलेस्ट्रॉल को उचित स्तर पर रखता है |

अंकुरित अनाज व छिलके वाली दाल (Whole Grain and Pulses with Skin):

यदि आप अपने आहार में नियमित रूप से अंकुरित अनाज व छिलके वाली दालों का सेवन करना है | अंकुरित अनाज व छिलके वाली दाल से हमें भरपूर मात्रा में रेशा मिलता है | इस प्रकार रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर उचित रहता है |

हरी पत्तेदार सब्जियाँ(Green Vegetables- Cholesterol Free Diet) :

प्रत्येक मौसम में आने वाली हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करे | सब्जियों में हरी सब्जियां, ग्वार फली. सुरजने की फली,  बालोर, बीन्स व अन्य ताजी सब्जियों का नियमित सेवन रक्त से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को उचित स्तर पर बनाये  रखतीं है |  

सब्जियों का सेवन करने से कब्ज से मुक्ति तो मिलती ही है | इसके साथ ही रक्त का स्तर भी क्षारीय होता है |

लहसुन (Garlic- Cholesterol Free Diet):

लहसुन का नियमित सेवन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को उचित स्तर पर रखता है | लहसुन को कच्चा खाना ज्यादा फायदेमंद है |यदि आपको गर्मी अधिक लगती है | वातावरण में गर्मी अधिक है तो इसका उपयोग सावधानी से करना चाहिए |

चोकरयुक्त आटे की चपाती :

प्राय हमारे द्वारा पतले आते की चपाती का सेवन करते है | इस वजह से हम कब्ज के साथ-साथ बढे हुए कोलेस्ट्रॉल के भी शिकार हो जाते है | चपाती हमारे आहार का मुख्य भाग है | इसलिए यदि हम  मोटे  आटे की चपाती का सेवन करते है तो आपके आहार में भरपूर रेशा शामिल हो जाता है |

इसीलिये जब गेहूँ को पिसवाए तो मोटा आटा पिसवाये |

सोयाबीन(Soybeans):

सोयाबीन का नियमित सेवन रक्त में कोलेस्ट्राल  की मात्रा को कम करता है | सोयाबीन का दूध, दही, पनीर, टोफू व सोया चीक्स का सेवन कर सकते है |

ध्यान रखे सोयाबीन का प्रयोग उसे पूर्णतः प्रोसेस्ड करने के बाद ही प्रयोग में लाये |  बिना प्रोसेस किये सोयाबीन का प्रयोग नुकसान पहुंचा सकता है |

सूर्यमुखी के बीज (Sunflower Seeds):

सूर्य मुखी के बीज का सेवन रक्त से कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है | सूरजमुखी के बीज में  अनसेचुरेटेड पोली फेटी ऐसिड पाया जाता है |सूर्यमुखी के बीज को रात को पानी में गला कर सुबह इसका सेवन करे | इसका सेवन आप आसानी से कर सकते है |

डेयरी प्रोडक्ट (Dairy Products):

यदि आपके  कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ा हुआ है तो आपको दूध, दही, पनीर व अन्य उत्पादों का सेवन करते समय आवश्यक  सावधानी रखनी है | इन उत्पादों  को फेट फ्री ही सेवन करना है |

देशी गाय का दूध व गाय का घी का सेवन भी करना हृदय को कोई नुकसान नहीं होता है | देशी गाय का दूध अमृत कहा जाता है | 

उपरोक्त आहार में से अपने शरीर की प्रकृति व पाचन क्षमता के अनुसार ही आहार का चुनाव करे | आपको इन आहारो का चुनाव करते समय आपके शरीर की प्रकृति का भी ध्यान रखना है | इसके साथ ही यदि आप कोई रोग विशेष के शिकार है तो भी आपको अपने चिकित्सक से परामर्श लेना है |

उक्त आहार सामान्य स्वास्थ्य के अनुसार दिये गए है | यदि आप इन आहारो का सेवन करते है तो आप ह्रदय रोग से सुरक्षित रहते हे स्वस्थ जीवन का आनंद ले पाते है |

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