बारिश के मौसम मे कैसे स्वस्थ्य रहे? Healthy Life in Rainy Season

Healthy life in rainy season

बारिश के मौसम मे कैसे स्वस्थ्य रहे? (Healthy Life in Rainy Season)

बारिश के मौसम मे कैसे स्वस्थ्य रहे? (Healthy Life in Rainy Season)- Dr.Jagdish Joshi,Lifestyle Expert125

Healthy Life in Rainy Season
Healthy Life in Rainy Season

बारिश के मौसम मे कैसे स्वस्थ्य रहे? (Healthy Life in Rainy Season)

बारिश के मौसम में  प्रकृति बहुत सुंदर हो जाती है । सम्पूर्ण प्रकृति हरी चादर ओढ लेती है, सब दूर हरियाली फैल जाती है । मन उमंगों से भरा हुआ रहता है,  किन्तु इस उमंग भरे वातावरण में  अत्यधिक बीमारियाँ  भी होने लगती  है | क्योकि अनेक स्थानो पर पानी का जमाव हो जाता है | इस वजह से मच्छरो  व कीटाणुओ की संख्या मे अत्यधिक वृध्दी हो जाती है |

बारिश के मौसम मे आहार मे सुधार करना होगा (Healthy Life in Rainy Season):

आयुर्वेद के अनुसार जुलाई के मध्य से लेकर सितंबर के मध्य तक वर्षा ऋतु की अवधि मे हमारे पाचन संस्थान की अग्नि कमजोर हो जाती है | अर्थात हमारा पाचन संस्थान कमजोर हो जाता है | इसलिए वर्षा ऋतु मे आहार मे उचित परिवर्तन करना होगा |

 बारिश के मौसम मे बच्चों, महिलाओ व बुर्जगो का विशेष ध्यान रखना पडता है | क्योकि बारिश के मौसम मे कमजोर जीवनी शक्ति वाले बहुत बीमार होते है | बारिश का सुहावना मौसम बीमारी का मौसम बन जाता है ।

बारिश के मौसम को सुहावना व आनंदमय बनाने के लिए हम कुछ महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करेगे | यदि आप इन जानकारियों को अपनी जीवनचर्या का अंग बनाते है तो आप ही नही आपका सम्पूर्ण परिवार बारिश के मौसम मे स्वस्थ व निरोगी रहते है |

बारिश के मोसम मे ऐसिडिटी व गैस की समस्या हो जाती है (Healthy Life in Rainy Season):

बारिश के मौसम में कभी बारिश, कभी ठण्ड व  कभी गर्मी जैसा मौसम रहता है | सूर्य देवता कभी प्रगट होते है तो कभी बादलो की ओट में छुप जाते है | सूर्य देवता की इस लुका छिपी में हमारा पाचन प्रणाली प्रभावित होती है । इस मौसम मे पित्त (Acidity) व वात (Gas Problem)  का प्रकोप बढ जाता है |  अर्थात  शरीर  अम्लता (Acidity) व गैस (Gas) का शिकार हो जाता है ।

बारिश का मौसम बीमारियो को आमंत्रित करता है(Healthy Life in Rainy Season):

बारिश के मौसम में अनेक व्यक्ति बुखार के भी शिकार हो जाते है |  व्यक्ति सर्वाधिक इसी मौसम में ही बीमार होते है |

इस मौसम में त्वचा रोग की  समस्या हो  जाती है |  क्योकि कई बार व्यक्ति कपडे गीले ही  पहन लेता है, इससे फंगल इन्फेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है |

बारिश के मौसम में भीगने की वजह से कमजोर जीवनी शक्ति के व्यक्तियो को  सर्दी-खांसी भी हो जाती है |

कफ प्रकृति की पाचन अग्नि मंद होती है |  पित्त की प्रकृति तेज होती है  | इसलिये अपने शरीर की  प्रकृति के अनुसार ही भोजन करे । आयुर्वेद मौसम के अनुसार हमारे आहार  का निर्धारण करता है ।

बारिश के मौसम मे निम्न लिखित स्वास्थ्य सम्बंधित समस्याए हो सकती है? (Diseases in Rainy Season):

सर्दी (Cough)खांसी(Cold) फूड पाईजनिंग(Food Poisoning)   दस्त (Loose Motion)  बुखार (Fever) |

बारिश मे क्या नही खाना चाहिए?(How to stay healthy in rainy season):

रोड पर बिकने वाले स्ट्रीट फूड का सेवन न करे |

सलाद व कम पके हुए आहार का सेवन न करे |

बारिश मे कच्चा भोजन जैसे सलाद, अंकुरित का सेवन कदापि न करे |

बारिश के मौसम मे मांसाहार का सेवन न करे | क्योकि इस मौसम मे पाचन कमजोर होता है |

हमेशा ताजी व स्वच्छ सब्जी ही खरीदे | अधूरी पकी हुई व पिचपिची सब्जी न खरीदे |

आयुर्वेद के मतानुसार बारिश मे दिन मे नही सोना चाहिए |

बारिश के मौसम मे अपने पैरो को स्वच्छ व सूखा रखना चाहिए |

बारिश के सीजन मे क्या खाना चाहिए?:

अपनी पाचन शक्ति को मजबूत करने के लिए किसी हुई अदरक पर नींबू व नमक लगाकर सेवन करे | अदरक के सेवन से पाचन अग्नि तेज होती है | इम्मुन सिस्टम मजबूत होता है |

बारिश की अवधि मे पाचन अग्नि कमजोर हो जाती है | इसलिए आयुर्वेद के मतानुसार दिन मे 1-2 छोटी हरड़ को मुंह मे रखकर चूसे |

बारिश के मौसम मे क्या खाना चाहिए और क्या नही खाना चाहिए? (Barish ke mousam me kiya khana chahiye or kiya nahi khana chahiye?):

यदि आप प्रकृति नियमों का पालन करते है तो आप इस मौसम में कभी बीमार नहीं होगे और इस मौसम का भरपुर आनंद ले सकेगे | बारिश के मौसम मे एक सामान्य व्यक्ति  की इम्युनिटी कमजोर हो जाती है | कई लोग तो बारिश के मौसम  मे बीमार हो जाते है इसलिए बारिश के मौसम को बीमारी का मौसम भी कहते है |

बारिश के मौसम मे कौनसी दाल का सेवन करे?:

बारिश के मौसम मे मूंग की दाल का सेवन किया जा सकता है | किन्तु जिनकी पाचन शक्ति मजबूत है वे अन्य दालों का सेवन भी कर सकते है |

राजमा, छोले का सेवन अपने शरीर की प्रकृति व पाचन क्षमता के अनुसार क्योकि ये आहार पचने मे भारी होते है ।

 बारिश के मौसम मे कौनसी सब्जियों का सेवन करे ?

सब्जियो मे  लोकी, गिलकी, तुरई, करेला,कद्दू, नारियल, अदरक, हल्दी, हींग, जीरा, काली मिर्च, कोथमीर, पोदीना, कढी पत्ता का सेवन करने से बारिश मे शरीर स्वस्थ्य रहता है और जीवनी शक्ति (Immunity) मजबूत होती है । लाल मिर्च का प्रयोग सीमित मात्रा ही करे ।

बारिश मे ऐसिडिटी से कैसे  मुक्त रहे?:

बारिश के मौसम मे मिर्ची का सेवन कम मात्रा मे करे, शिमला मिर्च भी गैस करती है । अमचूर का प्रयोग पित्त (Acidity) के लिये श्रेष्ठ दवाई है । इसलिये इस मौसम मे दाल मे अमचूर का सेवन किया जा सकता है ताकि पित्त अर्थात  ऐसिडिटी नियंत्रित रहे |

बारिश के मौसम मे कौनसे फलों का सेवन करे?:

बारिश के मौसम मे पानी वाले फल जैसे मौसम्बी, संतरा, तरबूज, खरबूज का सेवन नही करना चाहिए । इस मौसम मे एपल, केला, नाशपाती, अनार का सेवन कर सकते है । किन्तु कटे हुए फल का सेवन कदापि न करे |

बारिश के मौसम मे कौनसा पेय पीये? (Barish ke Mousam me kounsa pey peeye):

बारिश के आंवला-पानी, नींबू –शहद पानी, गुड-अदरक-नींबू के काढ़ा, ग्रीन टी का सेवन किया जा सकता है | इस मौसम मे कभी भी फलों के रस या सब्जियों के रस का सेवन नही करना चाहिए |

बारिश के मौसम मे दही का  सेवन करे (Bearish ke Mousam me Dahee Khaaye ):

बारिश के मौसम मे मे दही, छाछ  का सेवन न करे | यदि आपकी प्रकृति ठंडी नही है तो आप दही का सेवन कर सकते है | वैसे भी ताजे दही की प्रकृति गर्म होती है |

बारिश के मौसम मे पानी की स्वच्छता  का ध्यान रखे (Bairsh ke mousam me kaisa pani peeye):

पानी का पर्याप्त मात्रा मे सेवन करे व  पानी की शुध्दता सुनिश्चित कर के ही पानी का सेवन करे । इसके साथ ही पानी का विशेष ध्यान रखे क्योकि पानी मे कीटाणु व बेक्टेरिया होते है | इसलिये पानी को शुध्द कर के ही प्रयोग मे लाये  । जिनकी जीवनी शक्ति (Immune System) कमजोर होता है उन्हें पानी को उबालकर व उसे ठंडा करके पानी का सेवन करना चाहिए ताकि वे बारिश के मौसम में होने वाले संक्रमण (Infection) से बचे रहे |पका हुआ पानी कभी भी शरीर को रोगी नहीं बनाएगा |

बारिश के मौसम में कच्चा आहार सेवन न करे ?

बारिश के  मौसम मे अंकुरित (Sprouts) अनाज का सेवन न करे | बारिश के मौसम मे अंकुरित (Sprouts) अनाज में चिकनापन आ जाता है जो  बेक्टेरिया की वजह से होता है |  इस वजह से दस्त या अन्य पाचन सम्बंधित समस्याएं पैदा हो जाती है ।

आंवला, करेला  कडवे व कसेला आहार की श्रेणी में आते है इनका बारिश के मौसम में सेवन स्वास्थ्य को मजबूती प्रदान करता है | इन्हे अपने आहार मे शामिल करे । बासी खाना कदापि न खाये, आहार को ताजा ही  सेवन करे ।

बारिश के मौसम मे कौनसी सब्जियां खाना चाहिए (Barish ke Mousam me Kounasi Sabjiyo ka Sevan) kare:

चार्तुरमास (Rainy Season) मे हम प्याज, बेंगन, पालक, मैथी, चौलाई व लहसुन का सेवन नही करते है । क्योकि ये आहार बारिश के मौसम मे मुश्कील से पचते है । इसके साथ ही पत्ता गोभी व फूल गोभी में कीड़े लगे रहते है इसलिए इनका सेवन बारिश के मौसम में नहीं करना चाहिए |

इस मौसम मे व्यक्ति की जीवनी शक्ति (Immune System)  कमजोर हो जाती है, पाचन अग्नि के मंद होने की वजह से भोजन भी अच्छे से नही पचता है । बारिश का मौसम होने से आऊट डोर एक्टीविटी भी कम हो जाती है जिससे भोजन के पाचन मे कमजोरी आती है । क्योकि गरिष्ठ भोजन बिना श्रम के नही पचता है । इसलिए आसानी से पचनेवाले सुपाच्य भोजन का ही सेवन करे |

बारिश मौसम मे कोन से तेल का प्रयोग करे?(Which Oil to use in Rainy Season):

इस मौसम मे सरसो के तेल का प्रयोग न करे, मुंगफली, तिल्ली या घी का प्रयोग कर सकते है । तेल को बार बार गर्म कर के प्रयोग न करे ।  क्योकि तेल के बार-बार गर्म करने की वजह से तेल गाढा हो जाता है  जिसके सेवन से व्यक्ति के रक्त में बुरे कोलेस्ट्राल(Bed Cholesterol) की मात्रा बढ जाती है |  इसलिए  तेल को बार बार गर्म कदापि न करे |

बारिश के मौसम मे ताजे फलो का सेवन करे  (Barish ke mousam me kounse phalo kaa sevan kare):

बारिश के मौसम मे ताजे व मौसमी फलो का ही सेवन करना चाहिए | बारिश मे जामुन, मुमफली, भुट्टे, ककड़ी  पर्याप्त  मात्रा मे आते है | इनका उचित मात्रा मे सेवन करना चाहिए |

बारिश के मौसम मे क्या  नही खाना चाहिए(Barish ke mousam me kiya nahi khana chaahie):

कभी भी कटे व खुले हुए फलो का सेवन नही करना चाहिए | फ्रिज मे रखे अत्यंत ठंडे फलो का भी सेवन नही करना चाहिए |

के मौसम मे बाहर के अर्थात होटल का खाना,  Street Food (सड़क पर बिकने वाला)    न  खाए (Avoid) करे क्योकि इन आहार को बनाने वाले  पानी की शुध्दता व आहार की शुध्दता मेंनटेन नही करते है ।

बारिश के मौसम मे क्या खाना चाहिए  (Barish ke Mausam me kya khan Chaahiye):

बारिश के मौसम मे गिलोय व आंवला पानी  का सेवन कर सकते है । चाय काफी को कम मात्रा मे ले, हर्बल ड्रिक्स ले सकते है |  गुड अद्रक नीम्बू का काढा, आयुर्वेदिक चाय का सेवन किया जा सकता है नीम्बू पानी गर्म पानी मे ले सकते है  । इस मौसम में तुलसी का काढा व  दुध मे हल्दी का सेवन कर सकते है । दही व लस्सी व ठन्डे खाद्य पदार्थो को एवाईड करे ।

बारिश के मौसम मे गरम सूप पीए  (Barish ke Mousam me piye Garm Soup):

बारिश के मौसम मे सब्जियों के गर्मा गरम सूप का सेवन किया जा सकता है | सब्जियों के सूप से पाचन प्रणाली स्वच्छ होती है |

 बारिश मे भीगने पर क्या करे? (During Rainy Season):

जब भी आप बारिश मे भीग जाते है तो आकर गुन गुने पानी से स्नान करे | यदि आपकी जीवनी शक्ति कमजोर है तो आप काली मिर्च, तुलसी, अदरक व गुड का काढ़ा बना कर पी सकते है | ऐसे आपके बीमार होने की संभावना नही होगी |

बारिश के मौसम में भजिये का सेवन करे (Eat Bhajiya in Rainy Season):

मौसम मे लोग भजिये व मिठाई खाना पसंद करते है । भजिये का सेवन सिमित मात्रा मे किया जा सकता है । जिनकी पित्त प्रकृति है  अर्थात जिनकी पाचन अग्नि तेज है वे पर्याप्त मात्रा मे तले हुए पदार्थो का सेवन कर सकते है | किंतु जिनकी प्रकृति कफ (Cough) व गैस (Gas) की होती है उन्हे अत्यंत सिमित मात्रा मे तले हुए पदार्थो(Fried Items) का सेवन करना चाहिए | क्योकि कफ प्रकृति व गैस प्रकृति के व्यक्ति की पाचन प्रणाली (Digestive Fire) कमजोर होती है ।

बारिश के मौसम मे कौनसी मिठाई का सेवन करे ?(Which sweet should be consumed in Rainy Season);

बारिश के मौसम मे मावे की मिठाई का सेवन न करते हुए छेने की मिठाई का सेवन किया जा सकता है |

घर पर रहकर नियमित एक्सरसाईज करे (Do Regular Exercise at Home):

बारिश के मौसम में बाहर जाकर व्यायाम करना संभव नही होता है | बारिश के मौसम मे घर पर रहकर योग,प्राणायाम, श्वास की क्रियाए व अन्य देशी व्यायाम भी किए जा सकते है|

 बारिश के मौसम मे सावधानी (Precaution in Rainy Season):

बारिश में पानी मे भिगने के बाद गुनगुने पानी से स्नान अवश्य करे ताकि इस मौसम मे संक्रमण से बचाव हो सके | क्योकि बारिश के मौसम में पानी की वजह से संक्रमण (Fungal Infection) होने की संभावना हो जाती है |

बारिश के मौसम में कपडे को अच्छी तरह से धोये व अच्छी तरह से सुखाकर ही पहने नमी वाले कपडो को कदापि न पहने | इससे इंफेक्शन का डर रहता है । इस मौसम में त्वचा पर फंगल इंफेक्शन व बेक्टरिया की समस्या ज्यादा होती है |  नमी की वजह से कपडे ढंग से नही सुखते है जिससे त्वचा फंगल इंफेक्शन की शिकार हो  जाती है । इसलिए कपड़ो को अच्छी तरह से  सुखाकर ही पहने, ख़ास तौर पर अंतरवस्त्र को अच्छी तरह से सुखाने के बाद ही पहने | गीले अंतरवस्त (under garments) पहनना चर्म रोग को सीधा आमंत्रण(Invitation)देना है |

इस प्रकार हम देखते है कि सही लाईफ स्टाईल को फालो कर के आप व आपका परिवार स्वस्थ्य व निरोगी हो सकता है | आवश्यकता है मौसम व शरीर की प्रकृति के अनुसार अपनी जीवन चर्या को अपनाये ताकि आप व आपका परिवार स्वस्थ्य व निरोगी हो और हम स्वस्थ समाज व देश का निर्माण कर सके ।

बारिश के मौसम मे बीमार होने पर उचित चिकित्सा ले (During Rainy Season):

बारिश का मौसम बीमारी का मौसम होता है | यदि आप बारिश के मौसम मे सावधानी रखते है तो आप बीमार नही होते है | किन्तु यदि आप बीमार होते है तो अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य ले |

बारिश के मौसम मे बीमार होने पर लापरवाही करने पर संक्रमण बढ़ सकता है | इसलिए बारिश के मौसम मे लापरवाही कदापि न करे |

आवश्यक निर्देश:

उक्त जानकारी एक सामान्य स्वास्थ्य व स्वस्थ व्यक्ति के लिए दी गई है | यदि आप किसी रोग विशेष के शिकार है तो आपको अपने चिकित्सक के परामर्श के अनुसार चिकित्सा करवानी है |

Lifestyleexpert125.com

Share to...