ह्रदय को 100% सुरक्षित कैसे रखे ? Heart Problem in Hindi

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Heart problem in hindi
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ह्रदय को 100% सुरक्षित कैसे रखे ? Heart Problem in Hindi – Dr Jagdish Joshi Lifestyle Expert 125

Heart Problem in Hindi :

आज की अत्यधिक व्यस्त व तनाव से भरी हुई जिंदगी में हृदय रोग एक आम रोग हो गया है | इसके साथ ही खानपान की गलत आदतों की वजह से ह्रदय रोग एक गंभीर रोग के रूप में मानव समाज के लिए खतरा बन गया है | हृदय रोग की वजह से युवा व्यक्ति अचानक संसार से बिदा हो जाते है | हृदय रोग की वजह से व्यक्ति को सीने में दर्द (Chest Pain Causes) की शिकायत भी हो जाती है | व्यक्ति सीने के दर्द को गैस की समस्या देखकर अनदेखा कर देता है | किन्तु वह हृदय रोग का कारण बन जाता है |

हृदय रोग के लक्षण (Heart Disease Symptoms):

हृदय में दर्द होना |
सीने में जकड़न होना |
सीने में भारीपन का अहसास होना |
गले, गर्दन, जबड़ो व पीठ में जकड़न व असहजता महसूस करना |
पैरो में ठंडक व अत्यधिक कमजोरी का अहसास होना |

इसके साथ ही हृदय रोग होने पर अन्य लक्षण प्रगट हो सकते है |

आखिर कार व्यक्ति हृदय रोग (Heart Problem in Hindi ) का शिकार क्यो होता है?:

व्यक्ति की जीवनचर्या बहुत व्यस्त हो गयी है |
व्यक्ति का जीवन तनावपूर्ण हो गयी है |
अत्यधिक वसा युक्त आहार का सेवन कैरना |
पर्याप्त व्यायाम नहीं करना |
अत्यधिक अम्लीय आहार का सेवन करना |
फल/सब्जियों व सूखे का सेवन नहीं करना |
भरपूर गहरी नींद न आना |
अनुवांशिक कारणों के कारण |
इसके साथ ही अन्य कारणों की वजह से व्यक्ति हृदय रोग का शिकार हो जाता है |

खानपान की गलत आदतों की वजह से व्यक्ति का कोलेस्ट्रॉल स्तर (High Cholesterol) बढ़ जाता है | कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) बढ़ने की वजह से हृदय को अत्यधिक कार्य करना पड़ता है | कई बार हृदय को कार्य करने हेतु रक्त भी नहीं मिल पाता है | इस वजह से व्यक्ति को असमय बायपास(By Pass) , एन्जोप्लास्ट( Angioplasty करवाना पड़ता है | बायपास के बाद व्यक्ति को खानपान में अत्यधिक नियंत्रण रखना पड़ता है | व्यक्ति दवाईयों का सेवन करते-करते परेशान हो जाता है | इसके साथ ही व्यक्ति को स्वास्थ्य सम्बंधित समस्याओ का सामना करना पड़ता है |

यदि हम अपनी जीवनचर्या को व्यवस्थित करे | अपने आहार में सकारात्मक आहार का सेवन करे | तो निश्चित ही व्यक्ति हृदय को जीवन भर सुरक्षित रख सकता है |

प्राय: एसिडिटी की वजह से भी ह्रदय में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है | हृदय कमजोर हो जाता है | किन्तु लोकी का ज्यूस पीने से रक्त से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा तो कम होती ही है | इसके साथ ही रक्त क्षारीय होता है |

पेरिफेरल धमनी रोग :इस स्थिति में धमनियों के अंदर कोलेस्ट्रॉल, कॅल्शियम व वसा जमा होने लगता है | इस वजह से शरीर के विभिन्न अंगों में रक्त का प्रवाह नहीं होता है | इस वजह से शरीर के विभिन्न अंगों में परेशानी होती है |

सैन्थोम : रोग की इस अवस्था में त्वचा के नीचे वसा जमा हो जाता है | खासतौर पर आँखों के आसपास व जोड़ों में वसा जमा हो जाता है |

गाल स्टोन : रक्त में अत्यधिक कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने की वजह स्टोन की समस्या होने लगती है | इस वजह से दर्द होता व गाल ब्लेडर रोगी हो जाता है

पैंक्रियाटिस: ट्राय ग्लिसराइड का स्तर बढ़ना कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की वजह से होता है | इस वजह से पेन्क्रियाज में सूजन आ जाती है |

इस प्रकार रक्त में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की वजह से अनेक शारीरिक समस्याए होती है | रक्त में कोलेस्ट्राल को उचित स्तर पर रखने का प्रयास करना चाहिए |

रक्त में कोलेस्ट्रॉल के क्या मुख्य लक्षण है?
सामान्य तौर कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर कोई लक्षण प्रगट नहीं होते है | इसीलिये इसे साइलेंट किलर भी कहते है | किन्तु कोलेस्ट्रॉल के लम्बे समय तक बढ़ा रहने पर शरीर में गंभीर रोगों के लक्षण प्रगट होते है | इस वजह से हृदय को रक्त वाहिंनियो में रक्त का सुचारु प्रवाह नहीं होता है | इसके साथ ही रक्त में कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने की वजह से निम्न लिखित रोग होते है :

एथेरोस्क्लेरोसिस : रक्त में कोलेस्ट्राल की मात्रा बढ़ने पर आर्टरीज में कोलेस्ट्रॉल व रासायनिक पदार्थ जम जाते है | इस वजह से हृदय पूर्ण क्षमता से कार्य नहीं कर पाता है |

ह्रदय रोग : एथेरोस्क्लेरोसिस की वजह आर्टरीज बहुत सकरी हो जाती है | इस वजह से ह्रदय को रक्त का प्रवाह सुचारु रूप से नहीं हो पाता है | इस वजह से हृदय में दर्द होने लगता है | इस वजह से श्वास लेने में परेशानी हो जाती है |

स्ट्रोक : आर्टरीज में कोलेस्ट्राल के निरंतर जमा होने से इनको क्षति पहुँचती है | रक्त में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की वजह से मस्तिष्क में रक्त नहीं पहुंचता है |

ह्रदय को स्वस्थ रखने वाला चमत्कारिक ज्यूस (Heart Healthy Foods) :

Heart healthy food
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हृदय को जीवन भर स्वस्थ करने व उसे स्वस्थ बनाने के एक दिव्य उपाय के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे | यह बहुत ही अचूक व प्रभावी उपाय है | इस उपाय को करने से केवल 3 माह के अंदर आप के हृदय के सारे ब्लॉकेज (Heart Blockage) खुल जाते है | रक्त पतला हो जाता है |

लोकी के ज्यूस का प्रयोग (Heart Healthy Foods):

लोकी (Bottle Gourd) बहुत ही आसानी से व कम मूल्य पर उपलब्ध सब्जी है | लोकी की सबसे बड़ी खासियत यह पेट अच्छी तरह से साफ करती है | लोकी की प्रकृति ठंडी होती है | लोकी के रस के नियमित प्रयोग से कोलेस्ट्रॉल अपने उचित स्तर पर आता है | रक्तचाप सामान्य होता है | बायपास, एंजोप्लास्ट व अन्य हृदय सम्बंधित चिकित्सा की आवश्यकता ही नहीं होगी | लोकी के ज्यूस का प्रयोग बहुत ही प्रभावी ढंग से रक्त को पतला करता है, कोलेस्ट्रॉल को उचित स्तर पर लाता है | रक्त को क्षारीय करता है |

लोकी के ज्यूस के लिए आवश्यक सामग्री :

Heart healthy food
Healthy Heart Food

250 ग्राम लोकी, 20 पोदीने के पत्ते, 15 तुलसी के पत्ते व 5 कालीमिर्च का पावडर |

लोकी के ज्यूस बनाने की विधि (Heart Healthy Foods):

लोकी को बारीक काट ले व इसमें पोदीने के पत्ते व तुलसी के पत्ते मिलाले | इसमें 100 ग्राम पानी भी मिला ले | अब तरह से पीस ले | अब इस ज्यूस को छलनी से छान ले | इस ज्यूस में केवल काली मिर्च का पावडर मिला ले |

लोकी के ज्यूस की सेवन विधि (Heart Healthy Foods) :

लोकी के ज्यूस का सेवन सुबह खाली पेट सेवन करना चाहिए |इसके सेवन के 1 घंटे तक कोई भी आहार ग्रहण नहीं करना चाहिए |

लोकी के ज्यूस के बाद शारीरिक प्रतिक्रिया :

लोकी के ज्यूस के सेवन के बाद कुछ व्यक्तियों को दस्त हो सकती है | ऐसी अवस्था में 4-5 दस्त होना सामान्य प्रक्रिया है | किन्तु अत्यधिक दस्त लगे तो सावधान हो जाए |

लोकी के ज्यूस के सेवन से अन्य लाभ (Heart Problem in Hindi) :

लोकी के ज्यूस का सेवन करने से उच्च रक्तचाप, एसिडिटी, कब्ज, भूख नहीं लगना, मोटापा, बढ़ा हुआ पेट, पेशाब की जलन, किडनी की समस्या, पाइल्स,फिशर, लीवर के रोग, चर्म रोग व अनेक रोगो में लाभ होता है | क्योकी लोकी का ज्यूस पीने से ऐसीडिटी में लाभ होने से हमारा रक्त क्षारीय हो जाता है | इस वजह से आप एक नहीं अनेक रोगो से सुरक्षित हो जाते है | क्योकि एसिडिटी सर्दी से लेकर कैंसर रोग का कारण है |

लोकी के ज्यूस का सेवन करने में आवश्यक सावधानी:

कई बार लोकी जहरीली भी होती है | क्योकि कई कृषक इसकी भरपूर फसल लेने के लिए अत्यधिक कीट नाशक का प्रयोग करते है | इसलिए जब भी कच्ची लोकी प्रयोग करे तो इसके छोटे से टुकडे को काटकर चख ले | यदि लोकी कडवी है तो इसका सेवन कदापि न करे | क्योकि कड़वी लोकी का सेवन प्राणघातक हो सकता है | आपसे विशेष आग्रह है की लोकी को चख कर ही प्रयोग में लाये |

आवश्यक जानकारी :

लोकी के ज्यूस का सेवन करने के पहले अपने रक्त की जांच आवश्यक रूप से करवा ले | यदि आपकी खून को पतला करने की दवाई चल रही हो तो चिकित्सक के परामर्श से ही इसका सेवन करे | अन्यथा आपका रक्त अत्यधिक पतला हो जाएगा | ऐसे में यदि आपको चोट लग जाती है तो रक्त का प्रवाह नहीं रुकेगा | जो आपके जीवन को संकट में डाल सकता है | इसलिए रक्त की जांच अवश्य करवाए | यदि आप इस प्रयोग को नियमित रूप से करते है तो रक्त की नियमित रूप से जांच करवाए |

विशेष जानकारी :

हमारा उदेश्य आपको सम्पूर्ण रूप से वैज्ञानिक जानकारी प्रदान करना है | क्योकि आपका स्वास्थ्य हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है | क्योकि हर अच्छे को करने के साथ उसके नकारात्मक प्रभाव की भी हमें जानकारी होनी चाहिए |

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